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हनुमान भक्त केजरीवाल का पाखंड देखिए, भगवान हनुमान को ही जमीन से कराया बेदखल, वीएचपी ने दी आंदोलन की चेतावनी

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दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने चाँदनी चौक के सौंदर्यीकरण के लिए एक बड़ी योजना तैयार की। इस योजना के तहत काम शुरू हुआ और हनुमान मंदिर को अतिक्रमित घोषित कर 3 जनवरी, 2021 को तोड़ दिया गया। हनुमान भक्त केजरीवाल की सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर भगवान हनुमान को ही उनकी जगह से बेदखल कर दिया। मंदिर तोड़े जाने पर हिन्दू संगठनों ने अपना विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर तोड़े जाने के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बताया।

मंगलवार (05 जनवरी) को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी भगवा झंडा थामे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने गौरी शंकर मंदिर से लेकर उस स्थान तक मार्च निकाला, जहां मंदिर बना था। उन्होंने नारेबाजी भी की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बैरिकेट लगाकर रोक दिया। इसके अलावा हिंदू संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने तोड़े गए मंदिर स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था बिगड़ते देख उन्हें वहाँ से भी दूर कर दिया।

इससे पहले 04 जनवरी, 2020 को उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा था कि उन्होंने उपराज्यपाल से कहा है कि वे हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर मंदिर की पुनर्स्थापना के लिए अनुमति लें और उसी स्थान पर मंदिर को दोबारा स्थापित करें। उन्होंने कहा कि अगर मंदिर की पुनर्स्थापना नहीं होती है तो वीएचपी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त प्रचार प्रमुख महेंद्र रावत ने बताया कि मंदिर को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। वीएचपी के अलावा बजरंगदल, मातृशक्ति, दुर्गावाहनी, अन्य हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे। वीएचपी के प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर मांग की कि हनुमान मंदिर तोड़ने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

उधर बीजेपी ने सवाल उठाया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दो अन्य धार्मिक स्थलों को बचाया, हनुमान मंदिर को क्यों नहीं?” बीजेपी के मुताबिक दो अन्य धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का प्रस्ताव था, जिन्हें दिल्ली सरकार द्वारा संरक्षित किया गया, लेकिन AAP ने हनुमान मंदिर के लिए ऐसा करने से इनकार कर दिया। 

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने 18 अगस्त, 2019 का एक सरकारी चिठ्ठी जारी की है। यह चिठ्ठी दिल्ली सरकार के गृह विभाग की ओर से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को लिखी गई थी। इस चिट्ठी में दिल्ली सरकार ने हमको आदेश दिया कि जो अतिक्रमण मंदिर के रूप में है, उसको हटाया जाए। जय प्रकाश का दावा है कि 2019 से लेकर अभी तक हमने मन्दिर को बचाए रखा, लेकिन दिल्ली सरकार लगातार इसे हटाने के पीछे लगी रही जो कि निंदनीय है। दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार से चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण योजना को री-डिजाइन करके वहां हनुमान मंदिर को पुनः स्थापित करने की मांग की है। 

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि समय-समय पर घड़ियाली आंसू बहा कर मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त प्रदर्शित करते रहते हैं, लेकिन जब प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने की बारी आई तो वह पीछे हट गए। जब मुख्यमंत्री केजरीवाल जुलाई में चांदनी चौक प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने गए थे तब वहां के निगम पार्षद, सामाजिक संगठनों और बीजेपी नेताओं ने उन्हें प्राचीन हनुमान मंदिर को प्रोजेक्ट के नक्शे में समायोजित करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मंदिर समिति के लोगों और पुजारियों के हस्ताक्षर थे। लेकिन केजरीवाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

 

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