राहुल गांधी, आदित्य ठाकरे, अरविंद केजरीवाल औऱ महुआ मोइत्रा अलग अलग राजनीतिक दलों के नेता होते हुए भी उनमें एक बात समान हैं, ये सभी प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर विरोधी हैं। ये नेता, दिन के चौबीसों घंटे, हर अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने और कोसने का काम करते हैं, लेकिन भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के दिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों के लिए वैक्सीन और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए प्रोटेक्शन वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा की तो इन चारों नेताओं ने अपने अपने Tweet में एक ही बात प्रधानमंत्री मोदी के लिए कही, सभी को पढ़कर बहुत आश्चर्य हुआ।
अब जरा इन नेताओं Tweets पर एक नजर डालिए-
राहुल गांधी का Tweet-
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का Tweet देखिए–
आज कोई भी राजनीतिक दल का नेता प्रधानमंत्री मोदी के काम करने और निर्णय क्षमता की बराबरी नहीं कर पा रहा है, ऐसे में इन सभी के पास सिर्फ एक यही रास्ता बचा है कि प्रधानमंत्री मोदी के हर काम और निर्णय को अपना बताने का प्रयास करें। आपने ऐसे उन मौकों पर जब प्रधानमंत्री मोदी किसी योजना या परियोजना का उद्घाटन करते हैं तो मीडिया में बहस होती है कि यह अमुक योजना या परियोजना कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के अखिलेश सिंह यादव के सरकार में शुरू की गई थी, लेकिन अब कोरोना के टीकाकरण के मामले में जब ये नेता और मीडिया के पास सेहरा लेने का कोई उपाय नहीं सूझा है तो कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन नेताओं के सुझावों को मान लिया है। अब 15 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पोटेक्शन वैक्सीन देने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी तानाशाह हैं
आपने देखा कि किस तरह से राहुल गांधी, आदित्य ठाकरे, अरविंद केजरीवाल और मोहुआ मोइत्रा ने अपने अपने Tweet में एक जैसी ही बातें लिखी हैं। उनके Tweets की सच्चाई गले से नीचे नहीं उतर रही हैं, क्योंकि ये वही नेता हैं जो प्रधानमंत्री मोदी को हिटलर मानते हैं, तानाशाह मानते हैं और कहते हैं कि मोदी किसी की बात को सुनते नहीं हैं, तो फिर आज प्रधानमंत्री मोदी आज इनके सुझाव को कैसे मान लिया। दो सत्य तो नहीं हो सकता, सत्य तो एक ही बात होगी या तो प्रधानमंत्री मोदी तानाशाह होंगें और वे किसी की बात नहीं सुनेंगे या वे तानाशाह नहीं होंगे औऱ सबकी बात सुनेंगे। अब आपको इन नेताओं के वे Tweets भी पढ़ने चाहिए जो प्रधानमंत्री मोदी एक तानाशाह बताता है।
राहुल गांधी तो Tweet में उदाहरण के साथ प्रधानमंत्री मोदी तानाशाह बताते हैं-
इसी तरह तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा भी प्रधानमंत्री मोदी को फासीवादी मानती हैं और उन्होंने बकायदा प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के फासीवादी चरित्र की सात विशेषताओं को एक एक करके गिनवाया भी है। इस रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं-
जो कहा वो किया नहीं
इन Tweets ने जनता के मन में प्रश्न और खड़ा कर दिया है कि राहुल गांधी, आदित्य ठाकरे, अरविंद केजरीवाल औऱ महुआ मोइत्रा की नेता ममता बनर्जी ने अपनी सरकारों में जनता से जो कहा, वो तो पूरा कर नहीं सके तो अब क्या ये सभी नेता अपने राजनीतिक भविष्य को बचाने के लिए यही चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इनके सुझावों और वादों को पूरा कर दें, जिसकी ये वाह वाही जनता से लूटकर अपनी राजनीतिक साख को बचाए रख सकें। उदाहरण के लिए यूपीए सरकार के दौरान जनता से किए गए वायदों को पूरा करने की स्थिति इस रिपोर्ट से समझिए-
आज हर चुनौती का प्रधानमंत्री मोदी ने जिस योजना, कर्मठता औऱ अनुशासन के साथ सफल समाधान दिया है, उसके लिए विरोधियों के पास भी विरोध करने के लिए शब्द नहीं है, ऐसे में विरोध करने के लिए Tweets पर लिखे शब्दों पर भी जनता को विश्वास नहीं होता।