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22 मिनट में लिया 22 अप्रैल का बदला: जो भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे हैं, उन्हें आईना दिखाने आया हूं- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं इस सदन में भारत का पक्ष रखने के लिए खड़ा हुआ हूं। जो लोग भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे हैं, मैं उन्हें आईना दिखाने के लिए यहां खड़ा हूं।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो क्रूर घटना घटी, जिस तरह आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी, वो क्रूरता की पराकाष्ठा थी। ये भारत को हिंसा की आग में झोंकने का एक सोचा-समझा प्रयास था। ये भारत में दंगे फैलाने की साजिश थी। आज मैं देशवासियों का धन्यवाद करता हूं कि देश ने एकजुटता के साथ उस साजिश को नाकाम कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं 22 अप्रैल को विदेश में था। मैं तुरंत लौट आया और वापस आने के तुरंत बाद मैंने एक बैठक बुलाई और हमने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देना है और यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। सेना को कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई और यह भी कहा गया कि सेना को यह तय करना चाहिए कि कब, कहां, कैसे और किस तरीके से कार्रवाई करनी है। ये सारी बातें उस बैठक में स्पष्ट रूप से कही गईं।

उन्होंने कहा कि सेना को कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई और यह भी कहा गया कि सेना को यह तय करना चाहिए कि कब, कहां, कैसे और किस तरीके से कार्रवाई करनी है। हमें गर्व है कि आतंकवादियों को सजा दी गई, और यह ऐसी सजा थी कि आतंक के उन आकाओं की आज भी रातों की नींद उड़ी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के ठीक बाद पाकिस्तानी सेना को यह अंदाजा हो गया था कि भारत वास्तव में एक बड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने परमाणु धमकी देना शुरू कर दिया। 6-7 मई की मध्यरात्रि को, भारत ने ठीक वैसा ही कदम उठाया जैसा तय था। पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका। हमारे सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल की घटना का बदला 22 मिनट के भीतर सटीक हमलों से ले लिया। पहली बार भारत ने ऐसी रणनीति बनाई कि जहां हम पहले कभी नहीं गए थे, वहां पहुंचे और पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया गया।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने साबित कर दिया है कि परमाणु ब्लैकमेलिंग अब काम नहीं आएगी और न ही भारत इस परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे झुकेगा। पाकिस्तान के एयरबेस और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। और आज तक, उनके कई एयरबेस आईसीयू में हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह तकनीक आधारित युद्ध का युग है। अगर हमने पिछले 10 सालों में की गई तैयारियों को पूरा नहीं किया होता, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि तकनीक के इस युग में हमें कितना नुकसान हो सकता था। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पहली बार दुनिया ने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को पहचाना। भारत में बने ड्रोन, मिसाइलों ने पाकिस्तान की हथियार प्रणाली की पोल खोल दी।

पीएम मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने तीन बिंदुओं पर निर्णय ले लिया है। पहला- यदि भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है, तो हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर और अपने समय पर जवाब देंगे। दूसरा- अब कोई परमाणु ब्लैकमेल काम नहीं करेगा। तीसरा- हम आतंकवाद का समर्थन करने वाली सरकारों और आतंकवाद के मास्टरमाइंड को अलग-अलग नहीं देखेंगे।

उन्होंने कहा कि आतंक की घटनाएं पहले भी देश में होती थीं, लेकिन तब आतंकियों के मास्टरमाइंड निश्चिंत रहते थे और आगे की तैयारी में लगे होते थे क्योंकि उन्हें पता था, कुछ नहीं होगा। अब हमले के बाद मास्टरमाइंड को नींद नहीं आती, उनको पता है भारत आएगा और मार कर जाएगा। यह न्यू नॉर्मल भारत ने सेट कर दिया है। ‘सिंदूर से लेके सिंधु तक’, हमने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां पर विदेश नीति को लेकर भी काफी बातें कही गईं। दुनिया के समर्थन को लेकर भी काफी बातें कही गईं। दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है। 193 देशों में से सिर्फ 3 देश ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था। QUAD हो या BRICS हो दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला।

उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा। 9 तरीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझसे बात करने का प्रयास किया, वो घंटे भर कोशिश कर रहे थे लेकिन मेरी सेना के साथ बैठक चल रही थी, तो मैं उठा नहीं पाया, लेकिन बाद में मैंने कॉल बैक किया। फिर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जी ने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। इस पर मैंने कहा अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। अगर पाकिस्तान हमला करेग तो हम बड़ा हमला कर जवाब देंगे। आगे मैंने कहा था, ‘हम गोली का जवाब गोले से देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अफसोस जताते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति पर यहां बहुत कुछ कहा गया। वैश्विक समर्थन पर भी चर्चा हुई। हमें वैश्विक समर्थन मिला। लेकिन दुर्भाग्य से, मेरे देश के वीर जवानों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत हो रहे एक्शन को रोकने की घोषणा की, इसे लेकर यहां भांति भांति की बातें की गईं। ये वहीं प्रोपेगेंडा है जो सीमा पार से यहां फैलाया गया है। कुछ लोग सेना द्वारा दिए गए तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठे प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए थे, जबकि भारत का रूख हमेशा स्पष्ट रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि आतंकवादी रो रहे हैं, उनके आका रो रहे हैं और उन्हें रोता देख, यहां भी कुछ लोग रो रहे हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान एक खेल खेलने की कोशिश की, वह काम नहीं आया। एयर स्ट्राइक के दौरान, उन्होंने एक और खेल खेलने की कोशिश की। वह भी काम नहीं आया। जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उन्होंने एक नई रणनीति अपनाई “आपने रोक क्यों दिया?” वाह रे बयान बहादुरों! आपको विरोध करने के लिए कोई न कोई बहाना चाहिए इसलिए सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि पूरा देश आप पर हंस रहा है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है। दुर्भाग्य से, कांग्रेस पाकिस्तान से मुद्दे आयात कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। वे कह रहे हैं कि पहलगाम के आतंकवादी पाकिस्तान से थे। हमें इसका सबूत दीजिए। पाकिस्तान भी वही मांग कर रहा है जो कांग्रेस कर रही है।

कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे द्वारा कल लोकसभा में दिए गए बयान पर, जिसे अब हटा दिया गया है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा उन्हें यह कहलवाने के लिए मजबूर किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘तमाशा’ था। यह आतंकवादियों द्वारा मारे गए 26 लोगों के घावों पर तेजाब डालने जैसा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल हमारे सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव चलाकर पहलगाम के हमलावरों को अंजाम तक पहुंचाया, लेकिन कल यहां पूछा गया कि आज ही क्यों हुआ, क्या ऑपरेशन के लिए सावन महीने का सोमवार ढूंढा गया था। पिछले कई सप्ताह से पूछा जा रहा था कि पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ और जब आतंकियों को मार गिराया गया तो कल ही क्यों हुआ? क्या हाल है इन लोगों का।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि भारत युद्ध का नहीं ‘बुद्ध’ का देश है। हम समृद्धि और शांति चाहते हैं। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि समृद्धि और शांति का रास्ता ताकत से होकर गुजरता है।

देखिए लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी का पूरा भाषण-

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