प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से आत्मनिर्भर भारत को विकसित भारत की नींव बताया। उन्होंने देश के रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हुई उपलब्धियों को गिनाते हुए भारत की आत्मनिर्भर यात्रा का जिक्र किया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ प्रमुख बातें-
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और “ऑपरेशन सिंदूर”
प्रधानमंत्री मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब अपनी सुरक्षा के लिए किसी और पर निर्भर नहीं है। “ऑपरेशन सिंदूर” इसका सबसे सटीक उदाहरण है, जिसमें भारत ने स्वदेशी तकनीक और हथियारों के दम पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। देश ने स्वदेशी हथियार और टेक्नोलॉजी से खुद को इतना मजबूत बना लिया है कि किसी भी खतरे का जवाब तेजी से और अपने तरीके से दे सकता है।
जेट इंजन और हाई-टेक इनोवेशन
पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि भारत को जेट इंजन जैसी उन्नत रक्षा तकनीक खुद बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तकनीक सिर्फ सेना के लिए नहीं, बल्कि देश के गौरव और आत्मनिर्भरता की पहचान भी बनेगी। यह पहल भारत को रक्षा क्षेत्र में “मेक इन इंडिया” से “मेक बाय इंडिया” की दिशा में ले जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स लॉन्च करेगा, जो देश की तकनीकी ताकत को दिखाएगा।
अंतरिक्ष में भारत की नई छलांग
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि भारत जल्द ही अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब सिर्फ अंतरिक्ष में मौजूद नहीं है, बल्कि नेतृत्व करने की स्थिति में है। 300 से ज्यादा भारतीय स्टार्टअप स्पेस टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट, और एक्सप्लोरेशन पर काम कर रहे हैं – ये देश के अंतरिक्ष क्षेत्र को नए युग में ले जा रहे हैं।
स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा स्वतंत्रता
उन्होंने यह बताया कि भारत ने 2030 से पहले ही 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य 2025 में ही हासिल कर लिया है। सौर, परमाणु, जलविद्युत और हाइड्रोजन जैसे स्रोतों से देश अब अपनी ऊर्जा जरूरतें खुद पूरी कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अब 10 नए परमाणु रिएक्टर चालू हैं और 2047 तक भारत की परमाणु क्षमता 10 गुना बढ़ेगी।
राष्ट्रीय खनिज मिशन और जल अन्वेषण
देश की रक्षा, ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों के लिए जरूरी खनिजों की खोज के लिए “राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन” शुरू किया गया है। इसके तहत 1200 से ज्यादा स्थलों पर जरूरी खनिजों की खोज की जा रही है। ये खनिज रक्षा, तकनीक और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों के लिए बेहद जरूरी हैं। साथ ही, गहरे समुद्र में ऊर्जा संसाधनों की खोज के लिए “राष्ट्रीय गहरे जल अन्वेषण मिशन” भी शुरू हो चुका है। इस मिशन से भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी, साथ ही विदेशी तेल और गैस पर निर्भरता भी घटेगी। यह कदम देश को “ब्लू इकॉनॉमी” की दिशा में आगे बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि जो देश अपने संसाधनों पर नियंत्रण रखता है, वही भविष्य की दिशा तय करता है।
कृषि और उर्वरक में आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए अब उर्वरकों का उत्पादन देश में ही बढ़ाना जरूरी है। अभी भारत एक बड़ी मात्रा में उर्वरक आयात करता है, जिससे खर्च भी बढ़ता है और आत्मनिर्भरता भी प्रभावित होती है। घरेलू उत्पादन से खाद्य सुरक्षा, किसान कल्याण और अर्थव्यवस्था — तीनों को मजबूती मिलेगी।
डिजिटल स्वतंत्रता और स्वदेशी प्लेटफॉर्म
पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे भारत के अपने सोशल मीडिया और तकनीकी प्लेटफॉर्म बनाएं। इसके साथ ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करने की बात कही। इससे डेटा और संचार सुरक्षित रहेंगे और डिजिटल इंडिया की नींव और मजबूत होगी। यह पहल भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
दवा और स्वास्थ्य नवाचार में आत्मनिर्भरता
भारत को “दुनिया की फार्मेसी” कहा जाता है, लेकिन मोदी जी ने जोर दिया कि देश को अब पूरी तरह स्वदेशी दवाइयां और वैक्सीन खुद बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय कोवैक्सिन और कोविन जैसे प्लेटफॉर्म ने यह साबित किया कि भारत यह कर सकता है। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने, पेटेंट्स लेने और वैश्विक स्तर पर भारतीय मेडिकल साइंस की छवि को मजबूत करने की बात कही।
वोकल फॉर लोकल – ‘स्वदेशी’ को अपनाएं
नागरिकों से अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “स्वदेशी” सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि गर्व की बात होनी चाहिए। उन्होंने दुकानदारों से अपील की कि वे अपनी दुकानों पर “स्वदेशी” बोर्ड लगाएं और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि आर्थिक आजादी की दिशा में जनभागीदारी है।
मिशन सुदर्शन चक्र– परंपरा से प्रेरणा, भविष्य की रक्षा
प्रधानमंत्री ने “मिशन सुदर्शन चक्र” की शुरुआत की घोषणा की, जिसका मकसद भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करना है। यह मिशन श्रीकृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित है और देश की रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी परंपरा और टेक्नोलॉजी को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ घोषणाओं का पुलिंदा नहीं, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर, सशक्त और वैश्विक नेता बनाने की दिशा में ठोस रोडमैप है। हर क्षेत्र – चाहे वो रक्षा हो, कृषि, तकनीक या स्वास्थ्य – भारत अब “निर्भर नहीं, निर्णायक” बनने की ओर बढ़ चुका है।