Home समाचार ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश : किसानों के लिए कोई...

ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश : किसानों के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टैरिफ मामले पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करार जवाब दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। 7 अगस्त को नई दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेगा, चाहे इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत या राजनीतिक रूप से कितनी भी बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों के, पशुपालकों के और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।”

प्रधानमंत्री ने कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत के कृषि सुधारों की नींव रखने वाला महान विचारक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन का विज्ञान को जमीनी स्तर तक ले जाने का दृष्टिकोण अनुकरणीय था। उनके शब्दों “Science is not just about discovery, but delivery” को उद्धृत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे न केवल अनुसंधान करते थे बल्कि किसान समुदाय को प्रेरित करते हुए जमीनी बदलाव भी लाते थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने सॉयल हेल्थ कार्ड योजना की शुरुआत की, जिसमें डॉ. स्वामीनाथन ने विशेष रूचि दिखाई और उनके सुझावों के चलते यह योजना सफल हुई। उन्होंने यह भी कहा कि स्वामीनाथन जी के साथ हर मुलाकात उनके लिए सीखने का अनुभव होती थी।

प्रधानमंत्री ने डॉ. स्वामीनाथन के “बायोहैप्पीनेस” की अवधारणा का जिक्र करते हुए कहा कि जैव विविधता को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उसका उपयोग स्थानीय लोगों की आजीविका सुधारने में कैसे किया जा सकता है, यह विचार डॉ. स्वामीनाथन ने दुनिया को दिया। उन्होंने बताया कि कैसे उनके रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से यह विचार धरातल पर उतारा गया और देश के छोटे किसानों, मछुआरों और जनजातीय समुदायों को इसका सीधा लाभ मिला।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने पिछले वर्षों में कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में जो नीतियां बनीं, उनमें सिर्फ मदद नहीं थी, किसानों में भरोसा बढ़ाने का प्रयास था। पीएम किसान सम्मान निधि से मिलने वाली सीधी सहायता ने छोटे किसानों को आत्मबल दिया है। पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को जोखिम से सुरक्षा दी है। सिंचाई से जुड़ी समस्याओं को पीएम कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से दूर किया गया है। 10 हजार किसान उत्पादक संगठन- FPOs के निर्माण ने छोटे किसानों की संगठित शक्ति बढ़ाई है। e-NAM की वजह से किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हुई है। पीएम किसान संपदा योजना ने नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, भंडारण के अभियान को गति दी है। हाल ही में पीएम धन धान्य योजना को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत उन 100 जिलों को चुना गया है, जहां खेती पिछड़ी रही। यहां सुविधाएं पहुंचाकर, किसानों को आर्थिक मदद देकर खेती में नया भरोसा पैदा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय है कि हम पोषण सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए बायो-फोर्टिफाइड फसलों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के मद्देनजर कहा कि देश को drought-tolerant, heat-resistant और flood-adaptive फसलों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने मिट्टी के अनुसार उपयुक्त फसल चयन, सस्ते सॉइल टेस्टिंग टूल्स, और न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के तरीके विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने तकनीक को खेती से जोड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि हर जिले में एक Real-time Decision Support System होना चाहिए जो किसानों को बुवाई, फसल पूर्वानुमान और कीट प्रबंधन में सहायता दे सके।

भारतीय पारंपरिक कृषि प्रणाली की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे किसान समुदायों के पास पारंपरिक ज्ञान का खजाना है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़कर एक Holistic Knowledge Base तैयार किया जाना चाहिए जिससे टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिल सके।

Leave a Reply