संसद का शीतकालीन सत्र आज, 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में पत्रकारों को संबोधित किया और विपक्ष को सीधा लेकिन साफ संदेश दिया ‘यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। नारे नहीं, नीति पर बात होनी चाहिए और वो आपकी नीयत में दिखनी चाहिए।’ उनका साफ कहना था कि संसद को देश के विकास और नीतिगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी और हंगामे पर।
#WATCH दिल्ली: #ParliamentWinterSession | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसको करना है करते रहे। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए…यहां नारे नहीं नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए…हो सकता है कि राजनीति में… pic.twitter.com/eHlDjChiuO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2025
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष को अपनी पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आना चाहिए। उन्होंने खास तौर पर उन दलों का जिक्र किया जो हार को पचा नहीं पाते। पीएम ने कहा कि कुछ दलों की बयानबाजी से लगता है कि हार ने उन्हें परेशान करके रखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र कोई फॉर्मेलिटी या ritual नहीं है, बल्कि देश की प्रगति को तेज गति देने का अवसर है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बिहार चुनाव में भारी मतदान और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लोकतंत्र की बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत की लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था दोनों में मजबूती को गौर से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि Democracy can deliver. जिस गति से आज भारत की आर्थिक स्थिति नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रही है। विकसित भारत के लक्ष्य की ओर जाने में यह हमें नया विश्वास तो जगाती ही है, नई ताकत भी देती है।
VIDEO | Delhi: Speaking to the media as the Parliament’s Winter Session begins, PM Narendra Modi (@narendramodi) says, “India has proved that democracy can deliver. The world has witnessed our economic strength alongside democracy. Real issues should be discussed in the House.… pic.twitter.com/4UTXTChEIw
— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2025
पीएम मोदी ने एक भावनात्मक अपील भी की। उन्होंने कहा कि सदन में पहली बार चुनकर आए युवा सांसद बहुत दुखी हैं क्योंकि उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने और अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने का अवसर नहीं मिल रहा है। उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि वे इन युवा सांसदों को अवसर दें ताकि राष्ट्र के विकास की यात्रा में उनके अनुभवों का लाभ मिल सके।

प्रधानमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से सदन को या तो चुनावी वार्मिंग-अप के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है या फिर पराजय की बौखलाहट निकालने के लिए। उन्होंने कुछ राज्यों के दलों पर निशाना साधा, जिन पर उन्होंने सत्ता में रहते हुए एंटी-इनकंबेंसी का सामना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये दल जनता के बीच न जाकर सारा गुस्सा यहां सदन में आकर निकालते हैं।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष से सकारात्मक सोच रखने की अपील की। उन्होंने साफ कहा कि राजनीति में नेगेटिविटी भले ही कुछ काम आती हो, लेकिन नेशन बिल्डिंग के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी दल अपनी जिम्मेदारियों के साथ काम करेंगे और यह सत्र राष्ट्र की प्रगति को नई ऊर्जा देगा।









