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प्रधानमंत्री मोदी कल RSS शताब्दी समारोह में होंगे शामिल, जारी करेंगे विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का

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देश के सबसे पुराने सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों में से एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने 100 साल पूरे कर रहा है, और इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर 2025 को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह समारोह नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। इस मौके पर पीएम मोदी आरएसएस के योगदान को चिन्हित करते हुए एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे।

100 साल की यात्रा: कहां से शुरू, कहां तक पहुंचा
सन 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने महाराष्ट्र के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। मकसद था – सांस्कृतिक चेतना, अनुशासन और सेवा भावना को बढ़ावा देना। बीते सौ सालों में संघ ने देशभक्ति, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में अपना खास मुकाम बनाया है। संघ का मानना है कि राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण ही भारत की सर्वांगीण उन्नति की कुंजी है। इसलिए हर स्वयंसेवक, चाहे वह छात्र हो, किसान हो या प्रोफेशनल मातृभूमि की सेवा को अपना कर्तव्य मानता है।

शिक्षा से लेकर आपदा राहत तक – हर मोर्चे पर सक्रिय
आरएसएस और इसके सहयोगी संगठनों ने पिछले दशकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और आपदा राहत जैसे अहम क्षेत्रों में भी काम किया है। चाहे बाढ़, भूकंप या चक्रवात जैसी आपदाएं हों, संघ के स्वयंसेवक हर बार जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आए हैं। युवा, महिलाएं और किसान, इन तीनों वर्गों को जोड़ने और सशक्त करने में संघ की भूमिका को विशेषज्ञ भी मानते हैं। आज संघ से जुड़े सैकड़ों सामाजिक संगठन देशभर में अलग-अलग स्तर पर जनभागीदारी और समुदाय विकास में काम कर रहे हैं।

सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
शताब्दी समारोह सिर्फ संघ के बीते 100 सालों की उपलब्धियों का जश्न नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक यात्रा और राष्ट्र की एकता में उसकी भूमिका को भी दर्शाता है। कार्यक्रम में आरएसएस की विरासत, विचारधारा और भविष्य के विजन पर भी प्रकाश डाला जाएगा। प्रधानमंत्री का संबोधन इस मौके पर खास रहेगा, जहां वो संघ की उपलब्धियों और देश के लिए उसके योगदान को रेखांकित करेंगे।

1 अक्टूबर का दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा जब प्रधानमंत्री स्वयं एक सदियों पुराने विचार और आधुनिक भारत के निर्माण के बीच सेतु बने संगठन की शताब्दी का हिस्सा बनेंगे। यह कार्यक्रम ना केवल आरएसएस के लिए, बल्कि भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 सितंबर, 2025 को मन की बात कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष में RSS के समृद्ध योगदान पर प्रकाश डाला। आप भी सुनिए-

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