Home समाचार प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन से दुनिया को दिया बड़ा संदेश- आतंकवाद पर...

प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन से दुनिया को दिया बड़ा संदेश- आतंकवाद पर दोहरा मापदंड अब नहीं चलेगा

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के तियानजिन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन से दुनिया को एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया कि अब आतंकवाद पर दोहरा मापदंड अब नहीं चलेगा। 25वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद सिर्फ किसी देश की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। कोई देश, कोई समाज, कोई नागरिक अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है?

पीएम मोदी ने न सिर्फ भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दोहराया, बल्कि उन देशों पर भी सवाल उठाए जो एक ओर आतंकवाद की आलोचना करते हैं और दूसरी ओर परोक्ष रूप से उसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हमें आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के एकजुट होना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि SCO को लेकर भारत की सोच 3 मुख्य स्तंभों पर आधारित है। S- सिक्योरिटी, C- कनेक्टिविटी, O- अपोर्चुनिटी।

S – Security (सुरक्षा):
उन्होंने कहा कि शांति, सुरक्षा और स्थिरता किसी भी देश की प्रगति के लिए जरूरी हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद इस रास्ते की बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने साफ किया कि आतंकवाद अब किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की समस्या बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत बीते चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, वह मानवता पर सीधा हमला था। हमें यह तय करना होगा कि क्या कुछ देश जो खुलेआम आतंकियों को समर्थन देते हैं, उन्हें बर्दाश्त किया जाए?

उन्होंने SCO-RATS की भूमिका की भी सराहना की और बताया कि भारत ने इस साल अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ एक साझा सूचना अभियान की अगुवाई की है।

C – Connectivity (संपर्क):
प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी केवल व्यापार का ही माध्यम नहीं, बल्कि यह विश्वास और विकास की कुंजी भी है। भारत चाबहार पोर्ट और International North-South Transport Corridor जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया से संपर्क मजबूत करने पर काम कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि अगर कनेक्टिविटी किसी देश की संप्रभुता को नजरअंदाज करती है, तो उसका कोई भरोसा नहीं रह जाता।

O – Opportunity (अवसर):
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत की SCO अध्यक्षता के दौरान कई नए विषयों को जोड़ा गया – जैसे स्टार्टअप्स, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण और बौद्ध सांस्कृतिक विरासत। उन्होंने एक नया प्रस्ताव भी रखा कि एससीओ के अंतर्गत एक “Civilizational Dialogue Forum” बनाया जाए, जिससे सदस्य देश अपनी प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को साझा कर सकें।

पीएम मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है जब वैश्विक संस्थानों में भी सुधार हो। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे संस्थानों को वर्तमान समय की चुनौतियों के अनुरूप ढालने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचे में कैद रखना आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय है। नई पीढ़ी के सपनों को दिखाने के लिए हमें पुरानी ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन को बदलना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में SCO द्वारा साइबर सिक्योरिटी, ड्रग तस्करी और संगठित अपराध से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की और कहा कि ये संगठन के सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रमाण हैं। सम्मेलन के अंत में पीएम मोदी ने SCO के अगले अध्यक्ष, किर्गिजस्तान के राष्ट्रपति सदिर जपारोव को शुभकामनाएं दीं और आशा जताई कि SCO का भविष्य और भी सशक्त और समावेशी होगा।

तियानजिन से प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब और समझौता नहीं करेगा। अब दुनिया को तय करना होगा – या तो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो जाइए, या फिर मानवता की सुरक्षा को खतरे में डालते रहिए।

Leave a Reply