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भारत में रिफॉर्म्स को नई रफ्तार दे रहे हैं यंग इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स: इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 8 अक्टूबर को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के 9वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह आयोजन 8 से 11 अक्टूबर तक नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। एशिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलनों में गिने जाने वाले इस कार्यक्रम में दुनियाभर की बड़ी टेक कंपनियों, स्टार्टअप्स, निवेशकों और नीति निर्माताओं की भागीदारी हो रही है।

उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल भारत की डिजिटल और तकनीकी क्रांति की झलक पेश की, बल्कि भारत के स्टार्टअप्स, युवा इनोवेटर्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दुनिया के लिए सॉल्यूशन हब बनने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि देश में रिफॉर्म्स की गति को लगातार तेज किया जा रहा है और इसमें देश के युवा इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ ही सप्ताह पहले 15 अगस्त को उन्होंने लालकिले से इस वर्ष को बड़े बदलावों का वर्ष घोषित किया था और अब उसी दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत के स्टार्टअप्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, रिस्क ले रहे हैं और नई दिशा दिखा रहे हैं। IMC द्वारा 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इन्वेस्टर्स और ग्लोबल मेंटर्स से जोड़ने की कोशिश की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रयास देश की इनोवेशन क्षमता को और मजबूत करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि देश के Established Players यानी बड़ी और अनुभवी कंपनियों की भूमिका भी बेहद अहम है। उनके पास स्केल, स्टेबिलिटी और रिसर्च व डेवलपमेंट की पुख्ता व्यवस्था है। अगर इन कंपनियों का स्केल और स्टार्टअप्स की स्पीड मिल जाए तो भारत एक टेक्नोलॉजी पावरहाउस बन सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय Collaborative Growth का है।

डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत की कामयाबी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत 2G नेटवर्क को लेकर संघर्ष कर रहा था, लेकिन आज देश के लगभग हर जिले में 5G नेटवर्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि 2014 की तुलना में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन 6 गुना, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 28 गुना और मोबाइल एक्सपोर्ट 127 गुना बढ़ चुका है। ये आकड़े बताते हैं कि भारत अब सिर्फ एक कंज्यूमर मार्केट नहीं, बल्कि एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है।

पीएम मोदी ने बताया कि अभी हाल ही में एक बड़ी स्मार्टफोन कंपनी ने डाटा साझा किया है, जिसमें 45 भारतीय कंपनियां उसकी सप्लाई चेन का हिस्सा बन चुकी हैं, और इससे देश में 3.5 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा हुए हैं। यह तो सिर्फ एक कंपनी का आंकड़ा है, असल में ऐसी कई कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं, और अगर इससे जुड़े इनडायरेक्ट रोजगार को जोड़ें, तो ये संख्या लाखों में पहुंचती है।

डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के कदम को और आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने अब अपना Made in India 4G Stack लॉन्च किया है, जो कि पूरी तरह स्वदेशी है। इस दिन देशभर में एक साथ एक लाख 4G टावर एक्टिव किए गए, जिससे एक ही दिन में करीब 2 करोड़ लोग तेज इंटरनेट से जुड़ गए। यह उपलब्धि दिखाती है कि भारत अब केवल तकनीक आयात करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि अब वह दुनिया को तकनीकी समाधान देने की स्थिति में है।

उन्होंने बताया कि भारत का 4G स्टैक अब एक्सपोर्ट के लिए भी तैयार है, यानी आने वाले समय में भारत दुनिया के कई देशों को ये टेक्नोलॉजी निर्यात कर सकता है। यह कदम भारत के 6G विजन 2030 को हासिल करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं, उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए एक मजबूत और आधुनिक कानूनी ढांचे की जरूरत थी। इसी सोच के साथ Telecommunications Act बनाया गया, जिसने करीब 100 साल पुराने कानूनों को हटा दिया। अब यह नया कानून एक Facilitator की तरह काम करता है, जिससे Approvals और Permissions तेजी से मिलते हैं। इससे Ease of Doing Business बढ़ा है और Long-Term प्लानिंग करना आसान हुआ है।

साइबर सुरक्षा की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अब साइबर फ्रॉड के खिलाफ सख्त कानून बना रही है। Grievance Redressal का सिस्टम सुधारा गया है जिससे आम यूजर्स और कंपनियों दोनों को सुरक्षा और भरोसा मिल रहा है।

भारत की जनसंख्या को अपनी ताकत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, और अब यही युवा स्किल्ड डेवलपर्स और इनोवेटर्स के रूप में उभर रहे हैं। भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती Developer Population वाला देश है, और सबसे बड़ी बात ये कि यहां 1 GB डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम है। इसका मतलब यह है कि डिजिटल कनेक्टिविटी अब भारत में कोई लग्जरी नहीं, बल्कि आम जीवन का हिस्सा बन चुकी है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को एक Investor Friendly Destination के रूप में देख रही है। भारत का लोकतांत्रिक ढांचा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में मिली कामयाबी, इन सबने भारत को निवेश के लिए एक भरोसेमंद जगह बना दिया है। उन्होंने दोहराया- This is the Best Time to Invest, Innovate and Make in India!

इसके बाद उन्होंने कहा कि हमें अब यह देखना होगा कि ग्लोबल सप्लाई चेन में कहां रुकावटें आ रही हैं, और वहां भारत कैसे समाधान दे सकता है। उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की कैपेसिटी कुछ ही देशों तक सीमित थी, लेकिन भारत ने इस चुनौती को पहचाना और आज देश में 10 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर की कंपनियां अब ऐसे भरोसेमंद टेक्नोलॉजी पार्टनर ढूंढ रही हैं, जो उन्हें स्केल और विश्वसनीयता दे सकें। उन्होंने सवाल उठाया “क्या भारतीय कंपनियां ऐसा नहीं कर सकतीं?” और साथ ही जवाब भी दिया “बिलकुल कर सकती हैं।”

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि चिपसेट्स, बैटरियां, डिस्प्ले और सेंसर्स जैसे कॉम्पोनेंट्स भी अब भारत में बनने चाहिए। साथ ही, उन्होंने डेटा की बढ़ती अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि भारत आने वाले समय में ग्लोबल डेटा हब बन सकता है। इसके लिए डेटा स्टोरेज, सुरक्षा और डेटा संप्रभुता पर फोकस करने की जरूरत है।

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