प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 नवंबर को दृष्टिबाधित महिलाओं की भारतीय टी-20 विश्व कप विजेता टीम से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने टोक्यो में आयोजित 25वें ग्रीष्मकालीन डेफलंपिक्स 2025 में भारतीय एथलीटों के शानदार प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि 9 स्वर्ण पदक सहित 20 पदकों की ऐतिहासिक सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका हमारे एथलीटों की मेहनत और समर्पण की मिसाल है। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सीधे बात की और उनके टूर्नामेंट के अनुभवों को सुना, जो सभी के लिए प्रेरणादायक थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि दृष्टिबाधित महिला टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम की मेजबानी करके उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए, जो वाकई बहुत प्रेरणादायक थे।
It was a delight to host the Indian Blind Women’s Cricket Team that won the Blind Women’s T20 World Cup! They shared their experiences, which were very inspiring indeed. pic.twitter.com/ar6SuQWHC9
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2025
यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि दिल से दिल की बातों, हंसी-मजाक, भावनाओं और प्रेरणा से भरी हुई रही। खिलाड़ियों ने अपने सफर की कहानियां सुनाईं और प्रधानमंत्री ने हर बात को बड़े ध्यान और अपनत्व से सुना। विश्व विजेता टीम से प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत गर्मजोशी भरी रही।
टीम जब प्रधानमंत्री से मिली, तो शुरुआत ही मजाकिया अंदाज में हुई। एक खिलाड़ी ने मुस्कुराते हुए पूछा- “सर, आपको कैसे पता लगा ये गाना गाती है?” पीएम मोदी भी मुस्कुरा कर बोले- “ऐसा है, मैं आप सबका ध्यान रखता हूं जी।” इस जवाब पर पूरा कमरा हंसी से भर गया। जिस तरह प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से बात की, उससे साफ झलक रहा था कि वे हर खिलाड़ी के टैलेंट और मेहनत पर नजर रखते हैं।
Highlights from an excellent interaction with the Indian Blind Women’s Cricket Team. They are exemplary champions! pic.twitter.com/FweMPX84zB
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2025
इस मुलाकात के दौरान खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री मोदी को गीत भी सुनाया, जिसकी उन्होंने सराहना की। जब एक खिलाड़ी ने शिव स्तुति- ‘गंगाधरा शंकरा करुणा करा, मामव भवसागर तारका, भो शंभू, शिव शंभू स्वयंभू’ गाकर सुनाई, तो प्रधानमंत्री भावुक होकर बोले- “वाह! और मालूम है आपको कि मैं काशी का सांसद हूं, इसलिए शंभू को याद किया।” पूरा माहौल आध्यात्मिक और भावुक हो गया।

टीम की एक खिलाड़ी ने जब कहा कि “सर हमारी टीम में सब ऑलराउंडर प्लेयर है।” तो प्रधानमंत्री ने मजाक में कहा- “अच्छा… सबके सब? तो पॉलिटिक्स जैसा है! पॉलिटिक्स में सब ऑलराउंडर होते हैं—कभी मंत्री, कभी एमएलए, कभी एमपी।” इस पर सब हंस पड़े।

बातचीत के दौरान एक खिलाड़ी ने भावुक होकर कहा कि उसके पिताजी इस दिन को देखने के लिए नहीं रहे। उसने कहा- “अगर मेरे पापा ने देखा होता तो उन्हें बहुत खुशी होती।” इस पर प्रधानमंत्री ने बड़े प्यार से उसका हौसला बढ़ाया। दूसरी खिलाड़ी ने गांव में लोगों द्वारा की जाने वाली आलोचना का उल्लेख किया- “लोग कहते थे तुम ब्लाइंड हो, क्या करोगी? कुछ नहीं कर पाओगी…” प्रधानमंत्री ने तुरंत जवाब दिया- “अभी तो गांव वाले उल्टा बोलना शुरू कर दिए होंगे!” खिलाड़ी बोली— “Yes sir, yes sir!” ये पल खिलाड़ियों के संघर्ष और जीत दोनों को बयान कर गया।

टीम के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को हिम्मत दी और कहा कि मेहनत कभी विफल नहीं होती। खिलाड़ी भी खुलकर अपनी बातें साझा करते रहे। जब टीम को मिठाई परोसी गई, तो एक खिलाड़ी ने कहा- “सर, आपके साथ बात करके मेरा पूरा पेट भर गया।” प्रधानमंत्री ने हंसकर कहा- “पेट भर गया? अभी तो और भी है!” इस अपनापन ने सभी का मन जीत लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात के दौरान खिलाड़ियों की मेहनत की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा- “जो मेहनत करके आगे आते हैं, उनकी मेहनत कभी विफल नहीं जाती-खेल में भी और जिंदगी में भी।” उन्होंने यह भी कहा कि अब इन खिलाड़ियों का आत्मविश्वास आसमान छू रहा होगा- “पहले गांव में टीचर से बात करने में हिचक होती थी, आज प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं!” खिलाड़ियों ने भी माना कि प्रधानमंत्री की लीडरशिप में दिव्यांग खेलों को नई पहचान मिल रही है।

मुलाकात के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि “आपने देश का नाम रोशन किया है। इससे देश के सभी लोग—सिर्फ दिव्यांग ही नहीं, बल्कि बाकी लोग भी—प्रेरित होंगे।” टीम ने धन्यवाद दिया और इस मुलाकात को अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताया।









