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प्रधानमंत्री से मिले 2024 बैच के आईएफएस प्रशिक्षु, भारत की ‘विश्वबंधु’ भूमिका पर हुई विशेष चर्चा

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मंगलवार, 19 अगस्त का दिन 2024 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS- आईएफएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए काफी खास रहा, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने इन भावी राजनयिकों के साथ एकदम खुलकर बातचीत की और भारत की वैश्विक भूमिका, कूटनीति और तकनीक से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

बैच में देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 33 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले भारत की भूमिका पर बात की – कैसे आज का भारत ‘विश्वबंधु’ के रूप में उभर रहा है, यानी ऐसा देश जो दुनिया के हर कोने से दोस्ती निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश को जरूरत पड़ी, भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया – चाहे वो वैक्सीन भेजना हो, आपदा में राहत देना हो या तकनीकी सहयोग।

प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों के साथ भारत के सहयोग का भी जिक्र किया और बताया कि भारत ने न सिर्फ खुद को मजबूत किया है, बल्कि दूसरे देशों की क्षमता निर्माण में भी सहयोग दिया है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है, और इस लक्ष्य को हासिल करने में आईएफएस अधिकारियों की भूमिका बेहद अहम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोग देश की विदेश नीति के चेहरे होंगे – दुनिया को भारत से जोड़ने का काम आपके हाथों में है।

मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारी प्रशिक्षुओं से सीधे संवाद भी किया और पूछा कि अब तक के प्रशिक्षण में उन्होंने क्या अनुभव किया है। प्रशिक्षुओं ने अपने प्रोजेक्ट्स और रिसर्च से जुड़े अनुभव साझा किए – जिनमें समुद्री कूटनीति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर्स, आयुर्वेद, सांस्कृतिक जुड़ाव और सॉफ्ट पावर जैसे विषय शामिल थे।

प्रधानमंत्री ने खास तौर पर सुझाव दिया कि अलग-अलग देशों के युवाओं में भारत को लेकर जिज्ञासा बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने “अपने भारत को जानें” जैसी प्रश्नोत्तरी और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं को और अधिक रोचक बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इनमें भारत के समकालीन मुद्दों और उत्सवों को भी शामिल किया जाए – जैसे महाकुंभ और गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के 1000 साल पूरे होने जैसे आयोजन।

तकनीक की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया तकनीक-प्रेरित है, और इसमें संचार यानी कम्युनिकेशन की भूमिका बहुत बड़ी है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों की वेबसाइट्स को अच्छे से समझें और जानें कि प्रवासी भारतीयों से बेहतर संवाद कैसे स्थापित किया जा सकता है। अंतरिक्ष क्षेत्र पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इस सेक्टर में जबरदस्त संभावना है। निजी स्टार्टअप्स इस दिशा में अच्छा कर रहे हैं, और अब जरूरत है कि हम अंतरराष्ट्रीय अवसरों की ओर भी देखें। उन्होंने आत्मविश्वास से कहा कि भारत इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

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