प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 9 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित Global FinTech Fest 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज जो कार्य कर रहा है, वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व, विशेष रूप से Global South के लिए आशा की एक किरण बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत अपने डिजिटल इनोवेशन के जरिए दुनियाभर में डिजिटल सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना चाहता है। इसी सोच के साथ भारत अपने अनुभव और ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म्स को ग्लोबल पब्लिक गुड के रूप में दुनिया के साथ साझा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत में बना MOSIP (Modular Open-Source Identity Platform) इसका बड़ा उदाहरण है, जिसे आज 25 से ज्यादा देश अपने डिजिटल पहचान सिस्टम के लिए अपना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि UPI, आधार, डिजीलॉकर, ONDC, OCEN जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने भारत की डिजिटल इकोनॉमी की रीढ़ मजबूत की है और इन्हीं मॉडल्स को अब भारत दुनिया के साथ साझा कर रहा है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत जो टेक्नोलॉजी दे रहा है, वह किसी तरह की “डिजिटल एड” यानी भीख नहीं है, बल्कि ये असली मायनों में डिजिटल सशक्तिकरण (Digital Empowerment) है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का भारत टेक्नोलॉजी को सुविधा नहीं, बल्कि समानता का माध्यम मानता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत ने बीते एक दशक में डिजिटल टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण (democratisation) कर दिखाया है, जिससे आज हर नागरिक को सशक्त और जोड़ने वाली सुविधाएं मिल रही हैं।
पीएम मोदी ने दुनिया को याद दिलाया कि भारत ने जो India Stack विकसित किया है, वह सिर्फ एक देश की सफलता की कहानी नहीं, बल्कि ग्लोबल गुड है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि भारत का ओपन-सोर्स डिजिटल आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म MOSIP, आज 25 से अधिक देशों में अपनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की फिनटेक इनोवेशन और AI में समावेशी सोच वैश्विक मानकों को नया आकार दे सकती है। और इसीलिए, भारत ने अपनी टेक्नोलॉजी और अनुभव को ओपन-सोर्स के रूप में दुनिया के साथ शेयर किया है ताकि दूसरे देश भी भारत की तरह अपने लोगों को सशक्त बना सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वैश्विक भागीदारों, विशेषकर UK और Global South के देशों को भारत के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने आह्वान किया कि अब समय है, जब इनोवेशन का लक्ष्य केवल growth नहीं, बल्कि goodness होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि फिनटेक का अर्थ केवल फाइनेंस या नंबर नहीं, बल्कि मानवता की प्रगति से जुड़ा होना चाहिए।