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भारत अब Talent, Technology और Trust के सहारे एक Global Innovation Power बन रहा है- PM मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 3 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने एक लाख करोड़ रुपए के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड को लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य देश में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को नई ऊंचाई देना है।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को वूमेन्स वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी और कहा कि यह सफलता देश की बेटियों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में भारत को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाने के लिए जो नीतियां और सुधार किए गए, उनके परिणाम अब साफ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में देश का R&D व्यय दोगुना हुआ है, पेटेंट रजिस्ट्रेशन में 17 गुना वृद्धि हुई है, और भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। आज देश में 6,000 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स क्लीन एनर्जी, एडवांस्ड मटेरियल्स और नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं। बायो-इकोनॉमी 2014 में जहां 10 बिलियन डॉलर थी, वहीं अब यह करीब 140 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन, क्वांटम कंप्यूटिंग, डीप सी रिसर्च और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे सेक्टर्स में भारत अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि भारत के इनोवेशन मॉडल में Women-Led Development प्रमुख भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में महिलाओं द्वारा हर साल दायर किए जाने वाले पेटेंट की संख्या 100 से बढ़कर अब 5,000 से अधिक हो गई है। STEM शिक्षा में लड़कियों की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से भी अधिक है। स्पेस मिशन्स में भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भूमिका की चर्चा आज पूरी दुनिया में होती है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए Anusandhan National Research Foundation बनाया है और पहली बार High-Risk और High-Impact Projects के लिए पूंजी सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, Ease of Doing Research को सरल बनाने के लिए नियमों और प्रोक्योरमेंट नीतियों में भी महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, ताकि शोध प्रयोगशालाओं में बना प्रोटोटाइप जल्द से जल्द बाजार तक पहुंच सके।

भविष्य की दिशा को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें Food Security से आगे बढ़कर Nutrition Security पर काम करना होगा। ऐसी Bio-Fortified फसलों, Low-Cost Bio-Fertilisers, Soil Health Solutions और Clean Energy Storage में नए नवाचारों पर ध्यान देना होगा। साथ ही भारत की Genomic Diversity Mapping को बढ़ाकर Personalized Medicine को भी आगे ले जाना होगा।

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और युवाओं से कहा कि अगर आपके पास Ideas हैं, तो मैं आपके साथ खड़ा हूं। सरकार रिसर्च को फंड देने और वैज्ञानिकों को अवसर उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत Talent, Technology और Trust के आधार पर अब Global Innovation Power के रूप में उभर रहा है।

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