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21वीं सदी का भारत लेता है बड़े फैसले: मस्कट में बोले पीएम मोदी- हम तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेते हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान की राजधानी मस्कट में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए एक नए और आत्मविश्वास से भरे भारत की तस्वीर पेश की। खचाखच भरे हॉल में ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच उन्होंने कहा कि आज का भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी रफ्तार देखकर दुनिया हैरान है। भारत के बदलते मिजाज का शंखनाद करते हुए उन्होंने कहा कि आज का भारत पुरानी सुस्ती और हिचकिचाहट को पीछे छोड़ चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी का भारत अब बड़े फैसले लेता है, तेजी से निर्णय लेता है और बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़कर तय समय सीमा के भीतर परिणाम लाकर ही दम लेता है। मस्कट के हॉल में उमड़े ‘मिनी इंडिया’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की यह गति केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि हमारे संकल्पों में दिखती है। उन्होंने कहा कि चाहे वह 8 प्रतिशत की इकॉनॉमिक ग्रोथ हो या दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना, भारत ने साबित किया है कि वह जो कहता है, उसे समय पर पूरा भी करता है।

डिजिटल क्रांति की चर्चा करते हुए पीएम ने UPI की ताकत का एक दिलचस्प उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जितनी देर में उन्होंने अपना भाषण शुरू किया (महज 30 मिनट), उतनी ही देर में भारत में 140 लाख रियल-टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन हो चुके हैं, जिनकी कुल वैल्यू 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। यह दिखाता है कि भारत में बड़े शोरूम से लेकर छोटे वेंडर तक, तकनीक आज हर किसी के जीवन का हिस्सा बन चुकी है।

अपनी सरकार के 11 साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे ‘टाइमलाइन’ पर काम करने से देश की बुनियादी तस्वीर बदल गई है। उन्होंने गर्व के साथ जानकारी दी कि भारत में पिछले 11 वर्षों में आईआईटी, आईआईएम और एम्स की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में ‘चंद्रयान’ की ऐतिहासिक सफलता और ‘गगनयान’ के आगामी मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराया है। इस दौरान उन्होंने ओमान के युवाओं को भी भारत के स्पेस प्रोग्राम से जुड़ने का विशेष न्योता दिया।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत क्षेत्रीय भाषाओं- मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और गुजराती में अभिवादन के साथ की, जिससे वहां मौजूद हर भारतीय जुड़ाव महसूस करने लगा। उन्होंने कहा कि मेरे सामने एक ‘मिनी इंडिया’ है और हम भारतीय कहीं भी रहें, वहां की संस्कृति में ऐसे घुलमिल जाते हैं जैसे दूध में चीनी। ओमान में भारतीय समुदाय सह-अस्तित्व और सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक गौरव का जिक्र करते हुए यूनेस्को द्वारा दिवाली को ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ में शामिल किए जाने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अब दिवाली का दीया सिर्फ हमारे घरों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को मानवता और सद्भाव की रोशनी से रोशन करेगा, जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने भारत-ओमान के सदियों पुराने समुद्री रिश्तों पर लिखी गई एक विशेष किताब का भी जिक्र किया और युवाओं को इसे पढ़ने का ‘होमवर्क’ दिया।

कोरोना काल की चुनौतियों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब पूरी दुनिया खुद को बचाने के संघर्ष में लगी थी, तब भारत ने ‘विश्व बंधु’ की भूमिका निभाते हुए ओमान सहित कई देशों को लाखों ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन भेजीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज भारत सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए (Make for the World) चिप्स, ग्रीन हाइड्रोजन और एआई जैसे भविष्य के क्षेत्रों पर मिशन मोड में काम कर रहा है।

भाषण के समापन पर प्रधानमंत्री ने भारत और ओमान के बीच ‘मैत्री’ (MAITRI) का मंत्र दिया, जिसमें इनोवेशन, ट्रस्ट और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने युवाओं को तीन मूल मंत्र दिए—बड़ा सपना देखें (Dream Big), गहराई से सीखें (Learn Deeply) और निडर होकर नवाचार करें (Innovate Boldly)। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आह्वान किया कि वे विकसित भारत के इस सफर में देश के सबसे मजबूत ब्रैंड एंबेसडर बनें।

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