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सेवा को संकल्प बनाकर देश के करोड़ों परिवारों तक पहुंचाई बुनियादी सुविधाएं- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हमने सेवा को संकल्प बनाकर देश के करोड़ों परिवारों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई हैं। आज 24 जून, 2025 को नई दिल्ली में श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच वार्तालाप के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हमने सेवा को संकल्प बनाया! इसी का परिणाम है कि, हम पीएम आवास योजना के तहत, करोड़ों गरीब-दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित परिवारों को पक्के घर दे पाये हैं। हमारा लक्ष्य हर गरीब को उसका पक्का घर देने का है। और, ये घर केवल ईंट सीमेंट का ढांचा नहीं होता, उसमें घर की संकल्पना साकार होती है, तमाम जरूरी सुविधाएं होती हैं। हम चार दीवारों वाली ईमारत नहीं देते, हम सपनों को संकल्प में बदलने वाला घर देते हैं। इसीलिए, पीएम आवास योजना के घरों में गैस, बिजली, शौचालय जैसी हर सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। जलजीवन मिशन के तहत हर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। ऐसे आदिवासी इलाकों में, जहां कभी सरकार पहुंची ही नहीं, आज वहां विकास की गारंटी पहुंच रही है।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हाल में दुनिया ने देखा है कि भारत का सामर्थ्य क्या है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वाले आतंकियों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। आज का भारत देशहित के हिसाब से कदम बढ़ाता है। आज डिफेंस सेक्टर में हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं। इसका प्रभाव हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज का भारत देशहित में जो भी हो सकता है और जो भी सही है, उसके हिसाब से कदम उठाता है। आज सैन्य जरूरतों के लिए भी भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है। हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। और इसका प्रभाव हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखा है। हमारी सेनाओं ने भारत में बने हथियारों से दुश्मन को 22 मिनट में घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। मुझे विश्वास है, आने वाले समय में मेड इन इंडिया हथियारों का डंका पूरी दुनिया में बजेगा।”

उन्होंने कहा कि ‘आज यह परिसर देश के इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना को याद करने का साक्षी बन रहा है। एक ऐसी घटना जिसने न केवल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा दी, बल्कि स्वतंत्रता के उद्देश्य को ठोस मायने दिए। सौ साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की मुलाकात आज भी प्रेरक है, प्रासंगिक है। वह मुलाकात सामाजिक समरसता एवं विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्यों के लिए आज भी ऊर्जा के बड़े स्त्रोत की तरह है।’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘मुझे भारत की आध्यात्मिक परंपराओं और ऋषि-मुनियों की विरासत को करीब से जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भारत की विशेषता यह है कि जब भी हमारा देश मुश्किलों के भंवर में फंसता है, तब कोई न कोई महान विभूति देश के किसी कोने में जन्म लेकर समाज को नई दिशा दिखाती है। कोई आध्यात्मिक उत्थान के लिए काम करता है, तो कोई सामाजिक क्षेत्र में सुधारों को गति देता है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज भी जब मैं समाज के शोषित और वंचित वर्गों के लिए बड़े फैसले लेता हूं, तो मैं हमेशा गुरुदेव को याद करता हूं। सौ साल पहले, सदियों के उत्पीड़न के कारण समाज अनेक बुराइयों से ग्रस्त था और लोग उनके खिलाफ बोलने से डरते थे। लेकिन श्री नारायण गुरु विरोध या कठिनाइयों से नहीं डरे। वे दृढ़ता से खड़े रहे क्योंकि उनका विश्वास सद्भाव और समानता में निहित था। यही प्रेरणा हमें “सबका साथ, सबका विकास” के मार्ग पर ले जाती है। यह वह विश्वास है जो हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करने की शक्ति देता है, जहां अंतिम छोर पर खड़ा व्यक्ति हमारी प्राथमिकता है।’

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्रीनारायण गुरु ने हमेशा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया था। हमारी सरकार भी Women Led Development के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारे देश में आजादी के इतने साल बाद भी ऐसे कई क्षेत्र थे, जिनमें महिलाओं की एंट्री ही बैन थी। हमने इन प्रतिबंधों को हटाया, नए-नए क्षेत्रों में महिलाओं को अधिकार मिले, आज स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फील्ड में बेटियाँ देश का नाम रोशन कर रही हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘हमने शिक्षा को सीधे स्किल और अवसरों से जोड़ा है। स्किल इंडिया जैसे मिशन देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। देश की औद्योगिक प्रगति, प्राइवेट सेक्टर में हो रहे बड़े रिफॉर्म्स, मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, इन सबका भी सबसे बड़ा लाभ दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज को हो रहा है।’

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अभी हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया। इस बार योग दिवस की थीम थी-वन अर्थ, वन हेल्थ यानी एक धरती एक स्वास्थ। इससे पहले भी भारत ने विश्व कल्याण के लिए वन वर्ल्ड, वन हेल्थ जैसे पहल की है। आज भारत सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड जैसे ग्लोबल मूवमेंट को लीड कर रहा है। 2023 में जब भारत ने G20 समिट को लीड किया ​था, तब थीम रखा था- ववन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। हमारे इन प्रयासों में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा जुड़ी हुई है।’

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन-

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