पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की पोल खुलने के बाद भारत ने उसके खिलाफ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है। पाक की ‘आतंकिस्तान’ की इमेज को बेनकाब करने के लिए एक और मोदी सरकार ने दुनियाभर में भारत के सांसद भेजे हैं। खास बात ये है कि ये सर्वदलीय सांसद हैं और ये एक स्वर में पाक और आतंक के रिश्तों को वैश्विक मंच पर उजागर करेंगे। ये कई देशों में बताएंगे कि कैसे पाकिस्तान आतंकवादियों की पौध को उगाने, आतंक के अड्डों में प्रशिक्षण देने, फंडिंग करने से लेकर हमले करने तक के लिए ट्रेंड करता है। दूसरी ओर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्ट्राइक भी कर दी है। भारत सरकार ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को फिर से भेजने के लिए काफी ठोस कोशिशें शुरू कर दी हैं। भारत सरकार काफी मजबूती से FATF की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ मामले को उठाने वाली है और इसके लिए मजबूत रणनीति बनाईं जा रही हैं। संभवत: अगले महीने FATF की समीक्षा बैठक होने वाली है और भारत ने पुरजोर सबूतों के साथ पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे आतंकवाद के मुद्दे को उठाने का फैसला किया है। इसमें भारत की कोशिश पाकिस्तान को एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में डलवाने की होगी। भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहा है और वैश्विक संस्थाओं से उसे जो धन मिलता है, उसका इस्तेमाल वो आतंकवादियों को हथियार और धन मुहैया करवाने में करता है। आईएमएफ से हाल ही में मिले लोन में से उसने 14 करोड़ रुपए ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए आतंकियों को देना तय किया है।
पाकिस्तान की काली करतूतें उसे ग्रे लिस्ट में डालने के लिए काफी
दरअसल, FATF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और हथियारों के प्रसार से जुड़ी फंडिंग पर निगरानी रखती है। जो देश इन गतिविधियों के खिलाफ जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहते हैं, उन्हें FATF की “ग्रे लिस्ट” में डाल दिया जाता है। इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय कर्ज लेने की क्षमता पर पड़ता है। ग्रे लिस्ट में शामिल देश के सामने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई सख्त शर्तें रखी जाती हैं और अगर उन शर्तों को पूरा करने में वो देश नाकाम रहता है, तो फिर उसके ब्लैक लिस्ट होने का भी खतरा रहता है। भारत की कोशिश ग्रे के बाद पाकिस्तान की काली करतूतों को उजागर करते हुए उसे काली सूची में ही डलवाने की है। भारत का साफ और स्पष्ट शब्दों में आरोप है कि पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र से चलने वाले आतंकी संगठनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इसके उलट उसने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, खासकर IMF और विश्व बैंक से मिले फंड का इस्तेमाल हथियार और गोला-बारूद खरीदने में कर रहा है।आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए पास सेना के अधिकारी
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने को लेकर मजबूत सबूत तैयार करने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गये आतंकवादियों के जनाजे में जिस तरह से पाकिस्तान सेना के दर्जनों सीनियर अधिकारी शामिल हुए थे, भारत उसे भी बतौर सबूत पेश करने वाला है। भारत FATF के सदस्य देशों को इस बात के लिए राजी करने की कोशिश करेगा कि पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी किस तरह से आपस में मिले हुए हैं। इसके अलावा भारत ये भी दलील देगा कि असल में वो पाकिस्तान की सेना ही है, जो आतंकवाद फैलाने का काम करती है। लिहाजा पाकिस्तान को FATF की ग्रे-लिस्ट में डालना अत्यंत जरूरी है।
पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत केस तैयार कर रहा भारत
भारत पहले ही IMF की तरफ से पाकिस्तान को दिए गए बेलआउट पैकेज की एक किश्त जारी करने का विरोध कर चुका है। भारत ने सख्त एतराज जताते हुए कहा था कि ये पैसे आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत पाकिस्तान के पुराने रिकॉर्ड का भी हवाला दे सकता है। इससे पहले भी पाकिस्तान 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में रह चुका है। पाकिस्तान को साल 2018 में टेरर फाइनेंसिंग के लिए ग्रे-लिस्ट में डाला गया था। हालांकि साल 2022 में पाकिस्तान को सख्त शर्तों के साथ इससे बाहर निकाला गया था। उस दौरान पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए एक्शिन प्लान पेश किया था। लिहाजा भारत की मजबूत दलील ये हो सकती है कि पाकिस्तान का एक्शन प्लान सिर्फ सतही और दिखावटी थे। हकीकत ये है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं।पाक के खिलाफ कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों तरह की मोर्चाबंदी
FATF की अगली बैठक जून 2025 में होने वाली है। यह वही समय है जब भारत, पाकिस्तान के खिलाफ अपना डोजियर पेश कर सकता है। भारत उम्मीद कर रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश उसकी दलील और सबूतों को समर्थन देंगे। भारत के लिए यह कदम सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है। क्योंकि ग्रे लिस्ट में आने का असर पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था पर सीधा पड़ता है। अगर पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डाला जाता है तो पाकिस्तान की स्थिति काफी बिगड़ सकती है और IMF की अगली किस्त पर रोक लग सकता है। लिहाजा अगर भारत, पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डलवाने में कामयाब होता है, तो यह न सिर्फ पाकिस्तान के लिए आर्थिक झटका होगा, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी होगा कि आतंकवाद का समर्थन करने के लिए हर हाल में कीमत चुकानी होगी।
#WATCH | All-party delegation led by BJP MP Baijyant Panda arrives at Delhi airport; to depart for their first destination, Bahrain
They will be visiting 4 nations, Bahrain, Saudi Arabia, Kuwait and Algeria, to showcase #OperationSindoor and India’s continued fight against… pic.twitter.com/frwLqcWHmG
— ANI (@ANI) May 23, 2025
पाक के बेनकाब करने कई देशों में भेजे सांसदों के डेलिगेशन
भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व की 33 राजधानियों में भेजा है। रूस, यूएई, जापान और अन्य देशों में पहुंचे ये दल भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूती से पेश कर रहे हैं। पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने लाने के लिए भारत से प्रतिनिधिमंडल रवाना हो गए हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक डेलिगेशन गुयाना के लिए रवाना हुआ है। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया भी जाएगा। वहीं, बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल बहरीन के लिए रवाना हो गया है। यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया भी जाएगा। दोनों प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद और भारत के पक्ष को दुनिया के सामने रखेंगे।
भारत का रणनीतिक साझेदार रूस के समक्ष मजबूती से रखा पक्ष
डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में एक अन्य सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मॉस्को पहुंच गया है। इस दल में समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद, बीजेपी सांसद कैप्टन ब्रजेश चौटा (रिटायर्ड), आप सांसद अशोक कुमार मित्तल, राजदूत मंजीव एस पूरी और जावेद अशरफ शामिल हैं। मॉस्को में राजीव राय ने कहा, ‘रूस हमारा ऐतिहासिक दोस्त है, जो मुश्किल वक्त में हमेशा भारत के साथ रहा है। आज पाकिस्तान न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है। हम रूस में सबूतों के साथ आए हैं ताकि पाकिस्तान को बेनकाब कर सके। ’कनिमोझी ने रूस को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडल रूस की स्टेट ड्यूमा कमेटी के चेयर लियोनिद स्लट्स्की, उप विदेश मंत्री और रूसी इंस्टीट्यूट फॉर सटैटिकल स्टडीज के निदेशक से मुलाकात करेगा। इसके अलावा, हमारी रूसी थिंक टैंक्स और मीडिया के साथ भी चर्चा होगी, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा।
#WATCH | All-party delegation led by Congress MP Shashi Tharoor arrives at Delhi airport; they will be departing for Guyana.
They will transit through New York and visit the 9/11 Memorial before heading to their first destination, Guyana. pic.twitter.com/P6DUlC465h
— ANI (@ANI) May 23, 2025
शशि थरूर ने राष्ट्रपति ट्रंप से मध्यस्थता करने के दावे को नकारा
कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में डॉ सरफराज अहमद, शांभवी, जीएम हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, तेजस्वी सूर्या और मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। गुयाना रवाना होने से पहले शशि थरूर ने कहा कि वे पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई दुनिया को बताने जा रहे हैं। वे लोगों को समझाएंगे कि भारत का अनुभव कैसा रहा है। इसके साथ ही थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत-पाक तनाव में मध्यस्थता के दावे पर तंज करते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक नेताओं को आतंक के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी, मध्यस्थता करने का कोई अनुरोध नहीं किया। शशि थरूर ने कहा हम न्यूयॉर्क से होकर गुजरेंगे। वहां हमें 9/11 स्मारक देखने का मौका मिलेगा। इससे हम दुनिया को याद दिलाएंगे कि आतंकवादी हमलों के शिकार लोगों के बारे में हम सोचते हैं। पिछले 4 दशकों से आतंकवादी हमलों की श्रृंखला दोहराई गई है। यह प्रतीकात्मक इशारा हमारी यात्रा की शुरुआत को चिह्नित करेगा।
#WATCH | AIMIM MP Asaduddin Owaisi, who is part of the all-party delegation led by BJP MP Baijyant Panda, arrives at Delhi airport
He says, ” I am part of group 1…first, we will be going to Bahrain. Then we will be going to Kuwait, then Saudi Arabia and lastly Algeria…the… pic.twitter.com/m6RnHsnIrQ
— ANI (@ANI) May 23, 2025
पाकिस्तान आतंकवादी शिविर खुलेआम चला रहा- असदुद्दीन ओवैसी
बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी बहरीन के लिए रवाना हो गया है। यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया भी जाएगा। वे “ऑपरेशन सिंदूर” पर भारत का पक्ष रखेंगे। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। बहरीन रवाना होने से पहले ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा है। वे इस बारे में चारों देशों से बात करेंगे। इसका मतलब है कि ओवैसी भी पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर आवाज उठाएंगे। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने इस दौरे को लेकर कहा, “आज हमारा डेलीगेशन पश्चिम एशिया की इस यात्रा पर निकल रहा है। सबसे बड़ा संदेश वह एकता है जो भारत ने दुनिया को दिखाई है और दिखाना जारी रखा है। हम इस संदेश को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि युद्ध के मैदान में जीत हासिल करने के बाद, दुनिया से आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहना महत्वपूर्ण है। हम एक विशेष प्रकार के आतंकवाद से पीड़ित हैं जो राज्य द्वारा प्रायोजित है।”
यूएई में भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का सशक्त संदेश
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल यूएई पहुंचा। इस दल में बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, ईटी मोहम्मद बशीर, अतुल गर्ग, संबित पात्रा, मन्नान कुमार मिश्रा, बीजेपी नेता सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया और पूर्व राजदूत सुजन चिनॉय शामिल हैं। अबू धाबी में भारतीयों को संबोधित करते हुए श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘ये नया भारत है जो किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर हमारे नागरिकों पर हमला हुआ, तो हम करारा जवाब देंगे।’ उन्होंने यूएई को भारत का भरोसेमंद दोस्त बताते हुए कहा, यूएई भारत के दर्द को समझता है। आज हम दुनिया को यह साफ संदेश दे रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।” हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आतंकवादियों को उनके कृत्यों की सजा मिले। सांसद बांसुरी स्वराज ने यूएई के समर्थन की सराहना की और कहा, ’22 अप्रैल को हमारी आस्था और अस्तित्व पर जो आतंकी हमला हुआ था जिसमें धर्म के नाम पर आदमियों को मारा गया था, जिसके जवाब में सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया जिसमें नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. लेकिन पाकिस्तान ने इस वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के बजाय भारत से युद्ध का रास्ता चुना। अगर वे हमारे दरवाजे पर युद्ध लाएंगे, तो हम उन्हें खत्म करके ही दम लेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई का प्रतीक
जेडी(यू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में जापान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी, ब्रजलाल, प्रधान बरुआ, हेमंग जोशी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई(एम) के जॉन ब्रिटास और पूर्व राजनयिक मोहन कुमार शामिल हैं। टोक्यो में सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हमें सभी देशों का पूर्ण समर्थन मिल रहा है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये देश हमारी चिंताओं को समझे और भविष्य में हमारा साथ दें।’ बीजेपी सांसद हेमंग जोशी ने कहा, ‘हमारा मिशन है दुनिया को भारत में हुए आतंकी हमलों के खिलाफ एकजुट करना और पाकिस्तान द्वारा शह पाए आतंकियों को बेनकाब करना है।’ ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई का प्रतीक बन चुका है। यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान न केवल भारत, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी खतरा है। इन प्रतिनिधिमंडलों के जरिए भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में कोई समझौता नहीं होगा।
आंकड़े देते हैं पाकिस्तान की काली करतूतों की साफ गवाही
सूत्रों का कहना है कि सार्वजनिक आंकड़ों को देखा जाए तो पाकिस्तान अपने आम बजट का औसतन लगभग 18 फीसदी ‘रक्षा मामलों और सेवाओं’ पर खर्च करता है, जबकि संघर्ष-प्रभावित देश भी औसतन इससे कहीं कम (अपने आम बजट का 10-14 फीसदी) खर्च करते हैं। इतना ही नहीं, 1980 से 2023 तक पाकिस्तान के हथियारों के आयात में नाटकीय रूप से औसतन 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। हथियारों के आयात में वृद्धि उन वर्षों में हुई जब उसे आईएमएफ से धन मिला है। सूत्रों ने यह भी कहा कि विश्व बैंक एवं अन्य बहुपक्षीय संस्थानों में अगर पाकिस्तान को कर्ज देने का कोई प्रस्ताव आता है तो भारत उसका भी विरोध करेगा। एफएटीएफ एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है जो मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादियों को वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक मानक निर्धारित करता है।