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देश में केवल पीएम नरेन्द्र मोदी करते हैं हर हफ्ते 100 घंटे काम, सांसद तेजस्वी सूर्या से बोले नारायण मूर्ति

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में ये बात मशहूर है कि उन्हें स्वस्थ और सादा जीवन पसंद है। उनका योग से लगाव भी किसी से छुपा नहीं है। प्रधानमंत्री के स्वस्थ जीवनशैली का ही नतीजा है कि करीब 74 साल के होने के बावजूद वे एक्टिव और एनर्जेटिक नजर आते हैं और रोजाना 16 से 18 घंटे तक बिना थके काम करते हैं। पीएम मोदी को वर्कहॉलिक होने को अब टेक दिग्गज भी मानने लगे हैं। हाल ही में इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या के बीच मुंबई से बेंगलुरु की एक फ्लाइट में लगभग दो घंटे की बातचीत हुई। इस मुलाकात को तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर “एक मास्टरक्लास” बताया। बातचीत के दौरान जब तेजस्वी सूर्या ने नारायण मूर्ति के “हर युवा को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए” वाले बयान का जिक्र किया, तो नारायण मूर्ति मुस्कराते हुए बोले, “मैं जानता हूं कि देश में सिर्फ एक इंसान है, जो 100 घंटे हर हफ्ते काम करता है और वो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।”

सांसद तेजस्वी ने फ्लाइट में नारायणमूर्ति के साथ सेल्फी शेयर की
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और आईटी उद्योग के दिग्गज ने मुंबई-बेंगलुरु उड़ान में लगभग दो घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत को “एक प्रेरणादायक मास्टरक्लास” बताते हुए सांसद सूर्या ने कहा कि उन्होंने तकनीक और विनिर्माण से लेकर शहरी शासन, युवाओं के कौशल विकास, नैतिकता और नेतृत्व जैसे विषयों पर चर्चा की। एक्स पर नारायणमूर्ति के साथ एक सेल्फी साझा करते हुए, सूर्या ने लिखा, “आज मुंबई से बेंगलुरु लौटते समय दिग्गज एनआरएन के साथ एक प्रेरणादायक बातचीत हुई। एनआरएन ने भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई और इसे एक वैश्विक महाशक्ति बना दिया। उन्होंने इंफोसिस के माध्यम से लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए संपत्ति का सृजन किया।”

पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने से उत्पादकता पर असर पड़ा
इससे पहले इस नारायणमूर्ति ने कहा था कि वह 1986 में भारत के छह-दिवसीय कार्य सप्ताह से पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह में बदलाव से निराश थे। पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने से उत्पादकता पर असर पड़ा था। मूर्ति ने यह भी कहा कि भारत के विकास के लिए त्याग की आवश्यकता है, विश्राम की नहीं। मूर्ति ने नवंबर 2024 में भी कहा था, “जब प्रधानमंत्री मोदी सप्ताह में 100 घंटे काम कर रहे हैं, तो हमारे आस-पास जो कुछ भी हो रहा है, उसके प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाने का एकमात्र तरीका उतनी ही मेहनत करना है।” उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जर्मनी और जापान के बारे में भी बात की और तर्क दिया कि अथक परिश्रम ने उन देशों के पुनर्निर्माण में मदद की।

70 घंटे काम का सुझाव लेकर जाऊंगा कब्र तक-नारायणमूर्ति
नारायण मूर्ति ने दोहराया कि उन्होंने अपना नजरिया नहीं बदला है। उन्होंने कहा “मैं 70 घंटे काम करने वाली अपनी बात से पीछे नहीं हटूंगा। इसे मैं अपनी कब्र तक लेकर जाऊंगा। उनका कहना है कि जर्मनी और जापान जैसे देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सिर्फ कड़ी मेहनत से ही फिर खड़े हो सके और भारत को भी ऐसा ही करना होगा। हालांकि दूसरी ओर दिलचस्प बात ये है कि इन्फोसिस ने हाल के महीनों में अपने कर्मचारियों को “संतुलित कार्य-जीवन शैली” अपनाने की सलाह दी है। यहां तक कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान घंटों की निगरानी भी शुरू की गई है। यानी कंपनी खुद यह देख रही है कि कर्मचारी जरूरत से ज्यादा देर तक काम न करें।

पीएम रात दो बजे जापान से लौटे और पांच बजे दैनिक रुटीन शुरू

प्रधानमंत्री मोदी के स्वस्थ जीवनशैली का ही नतीजा है कि इतनी उम्र  होने के बावजूद वे एक्टिव और एनर्जेटिक नजर आते हैं और रोजाना 16 से 18 घंटे तक बिना थके काम करते हैं। करीब दो साल पहले का ही एक उदाहरण ले लीजिए…पीएम मोदी 16 घंटे की यात्रा और 12 घंटे के जापान प्रवास के बाद देर रात दो बजे भारत वापस आएंगे। थोड़ी-सी नींद लेने के बाद सुबह 5 बजे से उनका दैनिक रुटीन शुरू हो गया। वह भी तब, जबकि नवरात्रि के नौ दिन प्रधानमंत्री मोदी देवी मां के उपवास भी रख रहे थे।

पीएम मोदी कम समय में ही पूरी कर लेते हैं अपनी नींद 
प्रधानमंत्री मोदी को जानने वाले कहते हैं कि प्रधानमंत्री ऊर्जा से काम और काम से ऊर्जा हासिल करते हैं। वे कम समय में नींद पूरी कर लेते हैं, वो बिना आराम किए। बिना थके लंबी बैठक में हिस्सा लेते हैं, ताकि उनकी व्यस्तता सरकार के कामकाज में बाधा ना बने बल्कि ताक़त बने। तब उनकी यात्रा के 48 घंटे की बात करें तो पीएम मोदी ने 16 घंटे की जापान यात्रा की। 12 घंटे विदेश में बैठकें और श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने के बाद बुधवार को 20 घंटे देश में भी काम किया। पीएम मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अंतिम संस्कार कार्यक्रम मे शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जापान के टोक्यो पहुंचे।इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे को याद कर भावुक हो गए। प्रधानमंत्री ने भारत-जापान साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विजन की परिकल्पना में दिवंगत प्रधानमंत्री आबे के योगदान का जिक्र किया। शिंजो आबे के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ये दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। आज जापान आने के बाद, मैं अपने-आप को ज्यादा शोकातुर अनुभव कर रहा हूं। क्योंकि पिछली बार जब मैं आया तो आबे सान से बहुत लम्बी बातें हुई थी।और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी।’

जापान की 16 घंटे की यात्रा के बाद रात में सिर्फ तीन घंटे आराम
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने तब जानकारी देते हुए बताया था कि करीब 12 से 16 घंटे की इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ मुलाकात और द्विपक्षीय बैठक की। राजकीय अंतिम संस्कार के दौरान पीएम मोदी ने श्रीमती आबे से मुलाकात कर निजी तौर पर शोक प्रकट किया। पीएम नरेंद्र मोदी आधी रात को जापान से देश लौटने के बाद सिर्फ़ तीन घंटे आराम किया और फिर सुबह 5 बजे से प्रधानमंत्री मोदी ने अपना दैनिक रूटीन का काम शुरू कर दिया।

सुबह 5 बजे से दिनचर्या, दैनिक कार्यों के बाद नौ बजे पहुंचें दफ्तर
नवरात्र के दौरान भी पीएम मोदी के कार्यक्रमों का काफी बिजी शेड्यूल रहा। कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवरात्रि के दौरान उनकी दिनचर्या के बारे में जानना चाहते हैं। हम आपको बता दें कि पीएम मोदी आधी रात को देश लौटने के बाद सिर्फ़ तीन घंटे आराम करेंगे और फिर सुबह 5 बजे से योग के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की दिनचर्या शुरू हो जाएगी। सुबह उठ कर पूजा-पाठ के बाद ई-मेल चेक करेंगे। सुबह के अखबारों और टीवी चैनल पर नजर डालने के बाद पीएम मोदी सुबह नौ बजे अपने दफ्तर पहुंचेंगे।

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