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मोदी सरकार का आतंकियों के बाद नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, 58 नक्सलियों समेत दुर्दांत बसवा राजू भी ढेर, लाल आतंक के गढ़ में लहराया तिरंगा

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पीएम मोदी सरकार एक साथ की मोर्चों पर काम कर रही है। एक ओर पाकिस्तान में आतंक के आका को छठी का दूध पिला दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में सौ से ज्यादा आतंकियों को तबाह कर देने से पाकिस्तान बिलबिला रहा है। दूसरी ओर सरकार ने नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार किया है। सुरक्षा बलों ने इसी महीने 50 से ज्यादा कट्टर नक्सलवादियों को बड़े ऑपरेशनों में मार गिराया है। मारे गए नक्सलियों में 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी शामिल है। इसे नक्सलियों का हाफिज सईद भी कहा जाता है। सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के जंगल में चलाए ऑपरेशन में 27 नक्सलियों को मार गिराया है। इससे पहले छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें 16 महिला और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम के मुताबिक नक्सलियों ने पहाड़ में लगभग 250 गुफाओं में ठिकाने बना रखे थे। बड़े कैडर के इलाज के लिए अस्पताल और हाईटेक हथियार बनाने 4 फैक्ट्री बनाकर रखे थे। जवानों ने सभी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज शान से तिरंगा लहरा रहा है।

दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सरहद पर नक्सलियों से मुठभेड़
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिले की सरहद पर मुठभेड़ हुई। यह खुफिया सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के बोटेर में नक्सलियों का पोलित ब्यूरो सदस्य और नक्सल संगठन का महासचिव बसवा राजू मौजूद है। इसी आधार पर फोर्स को रवाना किया गया। अबूझमाड़ के बोटेर पहुंचते ही जवानों पर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इसके जवाब में छत्तीसगढ़ के बस्तर में फोर्स ने एनकाउंटर में 27 नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों के एनकाउंटर का लाइव वीडियो भी सामने आया है। 38 सेकेंड के वीडियो में गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाज सुनाई दे रही है। दोनों तरफ से गोलीबारी हो रही है। एक जवान ने भीषण गोलीबारी का वीडियो अपने कैमरे में कैद कर लिया। सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन को प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने बड़ी कामयाबी बताया है।

पोलित ब्यूरो मेंबर और महासचिव नक्सली बसवा राजू ढेर
राज्य के तीन जिलों नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा की सरहद पर हुई इस मुठभेड़ में 4 जिलों के DRG जवानों ने 2 दिनों तक इलाके को घेरा। तीसरे दिन मुठभेड़ में नक्सलियों को मारा। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में डेढ़ करोड़ रुपए के इनामी नक्सली बसवा राजू उर्फ गगन्ना, उर्फ नम्बाला केशव राव को भी ढेर किया गया है। ये पोलित ब्यूरो मेंबर और नक्सल संगठन का महासचिव यानी सबसे बड़ा नक्सली लीडर था। बसवा राजू ताड़मेटला का मास्टर माइंड है। यहां 76 जवान शहीद हुए थे। झीरम हमले में भी नाम रहा है। यहां कांग्रेस के 27 से ज्यादा नेता और जवान शहीद हुए थे। देश के 6 राज्यों में इसी के इशारे पर नक्सल संगठन काम करता था।

अलग-अलग राज्यों में 10 नामों से जाना जाता था बसवा राजू
ये एक ऐसा नक्सली था, जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र में अलग-अलग 10 नामों से जाना जाता था। इसमें बसवा राजू उर्फ नम्बाला केशव राव उर्फ गगन्ना उर्फ प्रकाश उर्फ केशव उर्फ कृष्णा उर्फ वासवराज उर्फ राजू उर्फ कमलेश उर्फ कमलू नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ में बसवा राजू और केशव दादा के नाम से चर्चित था। पुलिस के मुताबिक बसवा राजू लंबे समय तक झारखंड के बूढ़ा पहाड़ में रह चुका है। लंबे समय से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ इन तीन राज्यों में इसका मूवमेंट था। पहले बस्तर के अबूझमाड़ में इसने अपना ठिकाना बना रखा था। कुछ महीने पहले ही वहां से कर्रेगुट्टा इलाके में गया, लेकिन जब वहां फोर्स का मूवमेंट होना शुरू हुआ तो नक्सलियों ने बसवा राजू को सुरक्षा के साथ वहां से निकाला। इसे अबूझमाड़ में शिफ्ट किया गया।

दूसरी जगह शिफ्ट होने निकला और फोर्स के घेरे में फंसा
इसके बाद पुलिस को सूचना मिली की ये अबूझमाड़ के बोटेर इलाके में मौजूद हैं। इसके बाद पिछले माह दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और कोंडागांव के DRG जवानों को ऑपरेशन पर निकाला गया था। इसके बाद 21 मई की सुबह बसवा राजू को जवानों के आने की सूचना मिल गई। वह अपनी टीम के साथ दूसरी जगह मूवमेंट करने निकल गया था। बसवा राजू दूसरी जगह शिफ्ट होने की फिराक में था, लेकिन इन चारों जिलों के सैकड़ों जवानों ने 19 और 20 तारीख को उस पूरे इलाके को घेर लिया था। 21 मई की सुबह जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। सुबह करीब 11 बजे तब बसवाराजू के मारे जाने की खबर सामने आई। शाम तक पुलिस ने इसकी पुष्टि कर दी थी। इसके साथ ही कुल 27 नक्सलियों को जवानों ने एनकाउंटर में मार गिराया। मारे गए सभी नक्सलियों के शव को बरामद कर लिया गया है। मारे गए नक्सलियों में बड़े कैडर के नक्सली भी शामिल हैं। जवानों ने 27 नक्सलियों के साथ एक-47, इंसास, SLR जैसे भारी मात्रा में ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद किए हैं।

नक्सल संगठन की सबसे खतरनाक टीम बटालियन नंबर-1 बनाई
बसवाराजू बस्तर में हुई अधिकांश नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड था। नक्सलियों को कब किस जगह किस कैंप में किस लोकेशन में हमला करना है, कहां जवानों को एंबुश में फंसाना है इसकी पूरी प्लानिंग करता था। मैप तैयार करता था और संगठन के लड़ाकों को निर्देश देता था। केंद्रीय कमेटी सदस्यों के साथ बैठक कर प्लानिंग करता था। इसकी प्लानिंग में नक्सलियों को कई बड़ी सफलताएं भी मिली। पुलिस के लिस्ट में यह मोस्ट वांटेड नक्सली था। छत्तीसगढ़ में इस पर डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित था। बसवाराजू ने ही बस्तर में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 बनाई थी। चुनिंदा लड़ाकों को इसमें रखा था। माड़वी हिड़मा को इस बटालियन का कमांडर बनाया गया था। ये नक्सल संगठन की सबसे खतरनाक टीम है। इसमें AK-47, इंसास, SLR , स्नाइपर गन जैसे हथियारों से लैस नक्सली हैं। हालांकि, नक्सलियों की ये टीम अब कमजोर पड़ गई है।

इन हमलों में मास्टरमाइंड बसवा राजू का नाम
• 2010 में ताड़मेटला में CRPF जवानों पर हमला करने की घटना का मास्टरमाइंड रहा, जिसमें 76 जवान शहीद हुए थे।
• 2013 में दरभा घाटी के झीरम में कांग्रेस के काफिले पर हमला हुआ था। 27 कांग्रेस नेता और जवान शहीद हुए थे। इसमें भी बसवा राजू का नाम सामने आया था।
• 2018 में अरकू हमले भी बसवा राजू का नाम सामने आया था। इस हमले में तेलगु देशम पार्टी के MLA और पूर्व MLA की हत्या हुई थी। इसके पीछे इसी का हाथ था।
• 2019 में गढ़चिरौली हमले में 15 कमांडों की हत्या में शामिल था। 1 आम नागरिक की भी हत्या की गई थी।सुरक्षा बलों ने लगातार नक्सलियों के खिलाफ चलाए ऑपरेशन
इससे पहले भी सुरक्षा बलों ने लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए हैं। छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें 16 महिला और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नक्सलियों ने पहाड़ में लगभग 250 गुफाओं में ठिकाने बना रखे थे। बड़े कैडर के इलाज के लिए अस्पताल और हाईटेक हथियार बनाने 4 फैक्ट्री बनाकर रखे थे। जवानों ने सभी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। कर्रेगुट्टा पहाड़ PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC & CRC जैसी नक्सल संस्थाओं का Headquarter था। उसे जवानों ने तबाह कर दिया। शाह ने फिर दोहराया कि देश को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त हो जाएगा।टेक्निकल इनपुट की रणनीति से जवानों ने 450 IED का चक्रव्यूह तोड़ा
DGP ने बताया कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर पहुंचने के रास्ते में नक्सलियों ने 450 IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बिछा रखे थे। उन्हें विश्वास था कि इतनी सुरक्षा के बावजूद कोई भी फोर्स उनके किले तक नहीं पहुंच पाएगी, लेकिन सुरक्षाबलों ने यह भ्रम तोड़ दिया। हर IED को डिफ्यूज कर जवान चोटी तक पहुंचे। ऑपरेशन से पहले टेक्निकल फील्ड इनपुट जुटाए गए। 24 घंटे एनालिसिस के बाद रणनीति तैयार की गई। फोर्स ने पहाड़ी की चोटी पर न सिर्फ अपना बेस कैंप बनाया, बल्कि वहां हेलीपैड भी तैयार किया, ताकि सूचना और मदद जल्दी पहुंच सके। ऑपरेशन कर्रेगुट्टा को लेकर मिली सफलता पर CRPF DG जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ पुलिस DG अरुण देव गौतम ने बीजापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कामयाबी और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी।

अमित शाह का ऐलान- 2026 तक खत्म कर देंगे नक्सलवाद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफल ऑपरेशनों के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज शान से तिरंगा लहरा रहा है।

‘सरदार’ की मौत के टूटा हौसला, दंतेवाड़ा में 9 माओवादियों का आत्मसमर्पण
नक्सलियों के सरदार बसवा राजू के ढेर होने के बाद माओवादियों का हौसला पस्त हो गया है। ‘सरदार’ की मौत के बाद दंतेवाड़ा में 9 माओवादियों ने एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। नक्सल विरोधी अभियान के तहत जिले की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इनमें से चार नक्सली इनामी हैं, जिन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। सभी नक्सली विभिन्न इलाकों में सक्रिय थे और लंबे समय से पुलिस के रडार पर थे। इन सभी ने दंतेवाड़ा के एसपी गौरव रॉय के समक्ष समर्पण किया। प्रशासन ने इसे नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी कामयाबी बताया है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। नारायणपुर-बीजापुर के बॉर्डर पर अबतक के सबसे सबसे एंटी नक्सल ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद डीआरजी के सभी 300 जवान सुरक्षित रूप वापस पुलिस मुख्यालय दंतेवाड़ा लौट आये है। जवानों के इसी टुकड़ी ने नारायणपुर में माओवादियों के महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ़ बसवा राजू समेत 27 माओवादियों को ढेर करने में कामयाबी पाई थी।

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