प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के विकास को नई दिशा देने वाले तीन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। ये फैसले भारत को टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और शहरी परिवहन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे। आज, 12 अगस्त को किए गए इन फैसलों से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपनों को भी नई रफ्तार मिलेगी। कैबिनेट द्वारा मंज़ूर किए गए इन प्रोजेक्ट्स में ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों की स्थापना, अरुणाचल प्रदेश में 700 मेगावॉट की जलविद्युत परियोजना और उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी का विस्तार शामिल है।
#Cabinet approves four new semiconductor manufacturing units in Odisha, Punjab and Andhra Pradesh with an outlay of ₹ 4600 crore and are expected to generate a cumulative employment for 2034 skilled professionals which would catalyse the electronic manufacturing ecosystem… pic.twitter.com/47QbtxtonU
— PIB India (@PIB_India) August 12, 2025
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के अंतर्गत चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनका कुल निवेश लगभग 4,600 करोड़ रुपये होगा। इन परियोजनाओं के तहत ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर निर्माण और पैकेजिंग इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इन इकाइयों से लगभग 2,034 कुशल पेशेवरों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है, जबकि हजारों अन्य को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगा। ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में SICSEM कंपनी द्वारा देश की पहली सिलिकॉन कार्बाइड आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट स्थापित की जाएगी, जो रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन, रेलवे और सौर ऊर्जा उपकरणों में उपयोग होने वाली चिप्स का निर्माण करेगी। इसी क्षेत्र में अमेरिका की 3D Glass Solutions कंपनी भी एक उन्नत ग्लास सबस्ट्रेट आधारित पैकेजिंग यूनिट लगाएगी, जो हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में उपयोगी होगी।
पंजाब के मोहाली में CDIL कंपनी अपनी मौजूदा इकाई का विस्तार करते हुए उच्च क्षमता वाले सेमीकंडक्टर उपकरणों जैसे MOSFETs और ट्रांजिस्टर का निर्माण करेगी, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में किया जाएगा। वहीं आंध्र प्रदेश में ASIP टेक्नोलॉजीज़ द्वारा मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स और ऑटोमोबाइल उत्पादों के लिए एक आधुनिक पैकेजिंग यूनिट स्थापित की जाएगी, जिसमें दक्षिण कोरियाई कंपनी APAC Tech तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बना रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किया गया दूसरा प्रमुख निर्णय लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी से संबंधित है। 5,801 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में लखनऊ में 11.165 किलोमीटर लंबी नई मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन शामिल होंगे। इस विस्तार के साथ लखनऊ का मेट्रो नेटवर्क 34 किलोमीटर लंबा हो जाएगा, जिससे शहर के सबसे पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
यह मेट्रो लाइन पुराने लखनऊ के व्यावसायिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े इलाकों जैसे अमीनाबाद, पांडेयगंज, चौक, यहियागंज और KGMU मेडिकल यूनिवर्सिटी को शहर के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी। साथ ही यह मार्ग बड़ा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, रूमी दरवाजा जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से ना केवल ट्रैफिक की भीड़भाड़ कम होगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। बेहतर कनेक्टिविटी से छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अब तक सार्वजनिक परिवहन की पहुंच सीमित थी।
#Cabinet approves Lucknow Metro Rail Project of Phase-1B of the length 11.165 Km, consisting of 12 Metro Stations with an outlay of Rs. 5,801 crore
The project is set to be a transformative development for Lucknow. It promises to deliver enhanced connectivity, reduced traffic… pic.twitter.com/eZiBwTopHF
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कैबिनेट का तीसरा बड़ा फैसला अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में 8,146.21 करोड़ रुपये की लागत से 700 मेगावॉट की तातो-द्वितीय जलविद्युत परियोजना के निर्माण को लेकर था। इस परियोजना से हर वर्ष 2738.06 मिलियन यूनिट स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन होगा। यह परियोजना नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) और अरुणाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में कार्यान्वित की जाएगी। इसमें केंद्र सरकार द्वारा राज्य की हिस्सेदारी के तहत 436.13 करोड़ रुपये की सहायता और साथ ही आवश्यक सड़क, पुल और पारेषण लाइन जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 458.79 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
इस परियोजना के माध्यम से अरुणाचल को 12 प्रतिशत निशुल्क बिजली और एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (LADF) प्राप्त होगी। परियोजना के अंतर्गत लगभग 33 किलोमीटर सड़कों और पुलों का निर्माण होगा, जिससे स्थानीय क्षेत्र की पहुंच और संपर्क में व्यापक सुधार आएगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना क्षेत्र में अस्पताल, स्कूल, बाज़ार, खेल के मैदान जैसे सामाजिक ढांचे का भी विकास किया जाएगा, जिससे स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं की बेहतर उपलब्धता होगी। इस परियोजना से स्थानीय लोगों को मुआवजा, रोजगार और CSR गतिविधियों के तहत भी अनेक लाभ प्राप्त होंगे, जो क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बल देगा।
#Cabinet approves Investment Proposal for construction of 700 MW Tato-II Hydro Electric Project in Shi Yomi District of Arunachal Pradesh with an outlay of Rs.8146.21 crore and completion period of 72 months
The project with an installed capacity of 700 MW (4 x 175 MW) would… pic.twitter.com/PlEKGPMSRa
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इन तीनों फैसलों से साफ है कि सरकार का ध्यान तकनीकी आत्मनिर्भरता, स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ शहरी विकास जैसे क्षेत्रों पर पूरी तरह केंद्रित है। भारत अब सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो रहा है, वहीं उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत में भी आधारभूत ढांचे के विकास को नई दिशा दी जा रही है। ये निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा को मजबूती प्रदान करते हैं और देश के समग्र, संतुलित और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।