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मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला: जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, गन्ने का FRP बढ़ाया, मेघालय से असम तक बनेगा हाईवे

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नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मोदी सरकार जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराएगी। आज, 30 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि जनगणना साथ जातियों की गणना भी होगी। यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने हमेशा से ही जातिगत जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद से ही जाति को जनगणना की किसी भी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने लोकसभा में आश्वासन दिया कि जातिगत जनगणना को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। कई मंत्री साथ बैठे और जातिगत जनगणना का प्रस्ताव रखा गया। इसके बावजूद भी कुछ नहीं किया गया। खानापूर्ति के लिए महज सर्वे कराकर मामले को छोड़ दिया गया। मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला लेकर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। इससे राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के हाथ से एक बड़ा चुनावी मुद्दा फिसल गया है।

मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को भी एक बड़ी सौगात दी है। गन्ने का एफआरपी बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है। इस फैसले से गन्ना किसानों को 1,11,701 करोड़ रुपये मिलेंगे।

अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। सरकार ने मेघालय से असम तक नए हाइवे को मंजूरी दी है, जो 166.8 किलोमीटर लंबा 4 लाइन का हाइवे होगा। इस सिल्वर कॉरिडोर की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये होगी। यह मार्ग मेघालय में शिलॉन्ग के पास मावलिंगखुंग से शुरू होकर असम में सिलचर के पास पंचग्राम तक जाएगा।

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