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संभल हिंसा का मास्टरमाइंड बेनकाब, कॉल डिटेल ने उगले राज, सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के इशारे पर हुई थी हिंसा

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उत्तर प्रदेश से संभल में पिछले साल हुई हिंसा की पड़ताल में इसके मास्टरमाइंड का नाम सामने आ गया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तब अपने जिस सांसद को बचाने की नापाक कोशिश की थी, अब हिंसा की साजिश की जब परतें उघड़ीं तो उन्हीं के सांसद जियाउर रहमान बर्क ही बेपर्दा हो गए। दरअसल, 24 नवंबर, 2024 को जब संभल में शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई, तब समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया था कि उनके सांसद जियाउर रहमान बर्क शहर से बाहर थे। लेकिन अब जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने पुलिस पूछताछ में बड़ा दावा किया है। SIT ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल की है। जफर अली ने पुलिस को साफ-साफ बताया है कि हिंसा से पहले सांसद जियाउर रहमान बर्क ने उन्हें फोन किया था। तब बर्क ने उनसे कहा था कि सर्वे हुआ तो हमारी कौम हम पर ही थूकेगी। सुबह किसी भी हाल में सर्वे नहीं होना चाहिए। चाहे इसके लिए जो भी करना पड़े। वो हिंसा से पहले और बाद में पल-पल की जानकारी भी ले रहे थे। इतना ही नहीं बर्क ने ही हिंसा में पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप लगाने को कहा था।यह है पूरा मामला…कोर्ट ने दिया था जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश
दरअसल, संभल में जामा मस्जिद है। हिंदू पक्ष काफी समय से इसके श्री हरिहर मंदिर होने का दावा कर रहा है। इसी दावे के आधार पर ही कोर्ट ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। संभल के कैला देवी मंदिर के ऋषिराज गिरी समेत आठ वादियों ने सिविल जज सीनियर डिविजन आदित्य कुमार सिंह की चंदौसी स्थित कोर्ट में वाद दाखिल किया है। हिंदू पक्ष के एक स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने बताया, ‘कोर्ट में दायर याचिका में बताया गया है कि बाबरनामा और आइना-ए-अकबरी ने पुष्टि की है कि उस स्थान पर श्री हरिहर मंदिर था, जहां अब जामा मस्जिद है। मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था।’ महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को सिविल कोर्ट याचिका दायर कर सर्वे की मांग की थी।सुनियोजित तरीके से ताबड़तोड़ पथराव और आगजनी, फिर हुई फायरिंग
कोर्ट ने कमीशन गठित कर इसी याचिका पर 7 दिन में सर्वे रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट की ओर से सर्वेक्षण का आदेश जारी होने के तुरंत बाद सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे मुस्लिम समुदाय में असंतोष उत्पन्न हुआ। उनका मानना है कि इस प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई और उनके पक्ष को पर्याप्त समय या अवसर नहीं दिया गया। सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। मुस्लिम समुदाय ने इस सर्वेक्षण का विरोध किया, जबकि हिंदू पक्ष ने इसे अपनी आस्था से जुड़ा मामला बताया। इसके बाद कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ पथराव कर दिया और की जगह आगजनी की। बढ़ते बवाल के चलते पुलिस को फायरिंग को मजबूर होना पड़ा और इस दौरान 4 लोगों की मौत हो गई।

समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क की भूमिका पर सवाल
संभल में पिछले साल से ही शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस की जांच में एक के बाद एक सच सामने आ रहे है। जामा मस्जिद सर्वे के विरोध की साजिश में घिर चुके संभल के सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क का बच पाना अब मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन लग रहा है। पुलिसिया जांच में जब कॉल डिटेल्स खंगाली गई तो सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध निकलकर सामने आई है।

सांसद ने फोन पर कहा था कि किसी भी हाल में सर्वे नहीं होने देना
संभल हिंसा मामले में गिरफ्तार शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि हिंसा से पूर्व और बाद में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पल-पल की जानकारी ले रहे थे। जफर ने स्वीकार किया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने 23 नंवबर को रात्रि 12.32 बजे फोन कॉल पर कहा था कि मैं संभल से बाहर हूं, सर्वे नहीं होने देना है। यदि मस्जिद का सर्वे हो गया तो आने वाले समय में हमारी ही कौम हम पर थूकेगी।

सासंद के कहने पर ही पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप मढ़ा
सांसद ने कहा था कि इसके लिए लोगों को इकट्‌ठा किया जाए। साथ ही, सर्वे का पुरजोर विरोध किया जाए। इसके बाद संभल में हिंसा हुई इसके बावजूद भी सांसद संपर्क में बने रहे। इतना ही नहीं 25 नंवबर को सासंद के कहने पर ही पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप मढ़ा गया था। दरअसल, शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को संभल में हिंसा भड़काने के मामले में 23 मार्च को अरेस्ट कर लिया गया था। उनकी जमानत अर्जी बीते शुक्रवार को भी खारिज कर दी गई।

फोन की कॉल डिटेल ने खोली सपा सांसद की पोल
संभल पुलिस ने अपर जिला सत्र एवं न्यायाधीश निर्भय नारायण सिंह की कोर्ट में केस डायरी दाखिल कर दी है। पुलिस की ओर से अदालत में दाखिल केस डायरी में मस्जिद के सदर जफर अली और सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के वार्तालाप का ब्यौरा दिया गया है। सदर जफर अली की कॉल डिटेल्स रिपोर्ट (सीडीआर) को भी आधार बनाया गया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से जफर अली को मुख्य साजिशकर्ता कहा गया है। साथ ही बताया गया है कि जफर अली ने मास्टरमाइंड सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क के साथ मिलकर हिंसा की साजिश रची थी। वहीं, जमानत निरस्त करने के लिए दी गई दलील अदालत ने गंभीर माना है।

कोर्ट में केस डायरी पेश, जफर से पूछताछ का सारा ब्यौरा
शासकीय अधिवक्ता हरिओम सैनी ने पूरे मामले में मीडिया को बताया कि पुलिस की ओर से दाखिल केस डायरी में पुलिस अधिकारियों की सदर जफर अली से पूछताछ का ब्यौरा दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने उनसे जब पूछा कि 24 नंवबर को सर्वे के दौरान वो मस्जिद के अंदर थे तो उन्हें कैसे मालूम हुआ कि पथराव कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोली चलाई है। इस पर उन्होंने कहा कि सासंद जियाउर्रहमान बर्क के कहने पर उन्होंने ऐसा कहा था। यानी अब पूरे प्रकरण की परत दर परत सच्चाई बाहर आने लगी है।

जियाउर्रहमान बर्क का बच पाना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
अदालत में पुलिस की ओर से शुक्रवार को दाखिल की गई केस डायरी के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। दरअसल, सांसद की कॉल डिटेल्स सीडीआर को पुलिस ने आधार बनाते हुए साजिश की पोल खोल कर सच सामने ला दिया है। वहीं, संभल पुलिस ने सासंद जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ के लिए पिछले दिनों दिल्ली जाकर उन्हें नोटिस तामील करा दिया है। देखने वाली बात यह होगी कि सांसद पुलिस पूछताछ में अपने बचाव में पुलिस को क्या दलील देंगे? शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के मामले में दाखिल गई केस डायरी में सपा सांसद का भी नाम है।

संभल में कानून व्यवस्था कड़ी की गई
इसी दौरान हिंसा हो गई, जिसके बाद कुछ दिन तक संभल में कर्फ्यू भी लगा रहा। हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस ने पहले जफर अली को हिरासत में लिया और पूछताछ की। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 23 मार्च को जफर अली की गिरफ्तारी हुई। इससे पहले उनसे एसआईटी ने पूछताछ की। संभल हिंसा में अभी तक 80 के करीब लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और कईयों की तलाश जारी है। आगामी त्योहारों को लेकर संभल में पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। शुक्रवार को संभल में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाल। कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने के लिए संभल पुलिस ने रूट मार्च किया और ड्रोन का इस्तेमाल किया। सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि राम नवमी, हनुमान जयंती और अंबेडकर जयंती आ रही है, इसलिए हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

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