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स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने की आपातकाल की निंदा, लोकसभा में रखा दो मिनट का मौन, देखिए वायरल वीडियो

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बीजेपी सांसद ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बन गए हैं। लोकसभा स्पीकर बनने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने आपातकाल का जिक्र कर इसकी जमकर निंदा की। लोकसभा में इसपर दो मिनट का मौन भी रखा गया। ओम बिरला ने कहा कि ये सदन 1975 में देश में आपातकाल लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लेकिन अपना संबोधन जारी रखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया और बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान लोगों को कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपी गई अनिवार्य नसबंदी का, शहरों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई मनमानी का और सरकार की कुनीतियों का प्रहार झेलना पड़ा। ये सदन उन सभी लोगों के प्रति संवेदना जताना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं।

सोशल मीडिया पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का यह संबोधन तेजी से वायरल हो रहा है। लोग आपातकाल के लिए कांग्रेस की निंदा कर रहे हैं और तंज कस रहे हैं। आप भी देखिए लोग सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं।

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