भारत के दुश्मन और खालिस्तानियों के दोस्त-समर्थक कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पोल कनाडा की ही खुफिया एजेंसी ने खोलकर रख दी है। कनाडा ने पहली बार स्वीकार किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा-आतंकवाद फैलाने के लिए कनाडा की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, ‘खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, पैसे जुटाने या प्लान बनाने के लिए कनाडा को आधार (बेस) के रूप में उपयोग कर रहे हैं। भारत वर्षों से कनाडा की धरती से काम कर रहे खालिस्तानी चरमपंथियों के बारे में चिंता जताता रहा है, लेकिन कनाडा ने इस मुद्दे पर काफी हद तक आंखें मूंद ली थीं। खासकर पिछली ट्रूडो सरकार का तो खालिस्तानियों को समर्थन ही था। CSIS रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, जो वर्षों से उठाई जा रही भारत की चिंताओं को प्रमाणित करता है। इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान को भी बेनकाब कर दिया है। पाकिस्तान, कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के बढ़ते वैश्विक रुतबे को कम करने और अपनी भारत-विरोधी साजिशों को अंजाम देने के लिए कर रहा है।मार्क कार्नी की नई सरकार से भारत-कनाडा के संबंधों का नया दौर शुरू
कनाडा में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की नई सरकार आने के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों का नया दौर शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी द्वारा “संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए सुविचारित कदम उठाने पर सहमति” और एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को बहाल करने का निर्णय लेने के एक दिन दोनों देशों के बीच संबंधों की नई पटकथा लिखी जाने लगी है। कनाडा के प्रधान मंत्री की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, G7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत की और दोनों नेताओं ने दोनों देशों में नागरिकों और व्यवसायों के लिए नियमित सेवाओं की वापसी के उद्देश्य से नए उच्चायुक्तों को नामित करने पर भी सहमति व्यक्त की।
खालिस्तानी कनाडा का उपयोग भारत में हिंसा फैलाने और धन जुटाने में कर रहे
इस बीच पहली बार कनाडा की प्रमुख खुफिया एजेंसी, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए कनाडाई धरती का उपयोग करते रहे हैं। CSIS ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चिंताओं और खतरों को रेखांकित किया गया है। कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा को आधार (बेस) के रूप में उपयोग करते रहे हैं।”
कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद का बड़ा खतरा
कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (पीएमवीई) का खतरा मुख्य रूप से कनाडा स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों (सीबीकेई) के माध्यम से प्रकट हुआ है, जो मुख्य रूप से भारत में पंजाब के भीतर खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र राज्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 के दशक के मध्य से, कनाडा में पीएमवीई खतरा मुख्य रूप से सीबीकेई के माध्यम से प्रकट हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्तियों के एक छोटे समूह को खालिस्तानी चरमपंथी माना जाता है। क्योंकि वे मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या हिंसा की योजना बनाने के लिए कनाडा का उपयोग बेस के रूप में करते रहते हैं। विशेष रूप से, कनाडा से उभरने वाला वास्तविक और कथित खालिस्तानी चरमपंथ कनाडा में भारतीय विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों को संचालित करना जारी रखते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे अनर्गल आरोप
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया था, जब कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि 2023 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था। भारत ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है, उन्हें “बेतुका” और “प्रेरित” बताया था। इसके साथ ही कनाडा पर चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया। खुफिया एजेंसी CSIS की लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट कनाडा के भीतर विदेशी हस्तक्षेप और चरमपंथी गतिविधि के बारे में चिंताओं को फिर से जगाती है। खासकर भारत के साथ इसके संवेदनशील राजनयिक संबंधों के संदर्भ में स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “ये गतिविधियां प्रमुख मुद्दों पर कनाडा की स्थिति को भारत के अनुरूप लाने का प्रयास करती है। विशेष रूप से इस संबंध में कि भारत सरकार, कनाडा में एक स्वतंत्र मातृभूमि के समर्थकों को कैसे देखती है, जिसे वे खालिस्तान कहते हैं।
कनाडा से पाक भी दे रहा अपनी भारत-विरोधी साजिशों को अंजाम
दूसरी ओर पाकिस्तान एक बार फिर अपनी हरकतों के चलते दुनिया भर में बेनकाब हो गया है। कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS की ताजा रिपोर्ट ने पाकिस्तान की भी पोल खोलते हुए कहा है कि वह कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के बढ़ते वैश्विक रुतबे को कम करने और अपनी भारत-विरोधी साजिशों को अंजाम देने के लिए कर रहा है। यह खुलासा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि पाकिस्तान की कुटिल चालों को उजागर करता है। CSIS की 2024 की सार्वजनिक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने कनाडा में न सिर्फ राजनीतिक और सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने की कोशिश की, बल्कि भारत के खिलाफ अपनी गंदी राजनीति को हवा देने के लिए कनाडा के चुनावों में भी हस्तक्षेप किया।
कनाडा के संघीय और प्रांतीय चुनावों में पाक ने हस्तक्षेप की कोशिश की
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने कनाडा के संघीय और प्रांतीय चुनावों में गुप्त रूप से हस्तक्षेप करने की कोशिश की। उसका मकसद था कि उन नेताओं को उभारा जा सके, जो भारत की तुलना में पाकिस्तान समर्थक माने जाते हैं। यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान जहां लोकतंत्र सिर्फ नाम का है, वह दूसरे देशों में भी अपनी जैसी ही स्थिति चाहता है। CSIS ने इसे विदेशी हस्तक्षेप का सबसे घिनौना रूप बताया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान कनाडा में रहने वाले अपने आलोचकों और असंतुष्टों को दबाने के लिए भी गैरकानूनी तरीकों का सहारा ले रहा है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान भविष्य में भी कनाडा के विभिन्न स्तरों की सरकारों, सांस्कृतिक-धार्मिक समूहों और मीडिया को निशाना बना सकता है। खासतौर पर चुनावी उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में दखल देकर वह अपनी साजिशें कर सकता है। इसी रिपोर्ट में पहली बार कनाडा की खुफिया एजेंसी ने खालिस्तानी उग्रवादियों के भारत विरोधी मंसूबों को लेकर खुल कर बात की है।