कांग्रेस समर्थित कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सेना का अपमान करते हुए एक विवादित बयान दिया है। कांग्रेस के करीबी कुमारस्वामी ने कहा है कि जिनके पास खाने को नहीं होता है, वो सेना में भर्ती हो जाते हैं। एक चुनावी सभा में कुमारस्वामी कन्नड भाषा में यह बात बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सीमाओं की रक्षा करते हैं वे अमीर लोगों के बच्चे नहीं होते। वे उन गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं जो दो जून की रोटी भी नहीं जुटा पाते। कुमारस्वामी के इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है और कहा है कि कुमारस्वामी को पता होना चाहिए कि सेना में लोग देशप्रेम की वजह से जाते हैं। बीजेपी ने कुमार स्वामी के इस बयान की कड़ी निंदा की है।
People who don’t have food to eat join Defence: @hd_kumaraswamy
Kumaraswamy avare, people join Defence forces due to the love they have for Nation. Why don’t you send your Son to serve in army instead of contesting for MP seat.
You may then know what it needs to be a soldier. pic.twitter.com/J8vSZl6ZRN
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) April 11, 2019
इसके पहले कांग्रेस सेना से जुड़े मामले को भी राजनीतिक रंग देती आई है। कभी सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताने वाले कांग्रेसी नेताओं ने हाल ही में वायुसेना प्रमुख को ही झूठा बता दिया। राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पटखनी खाने के बाद अब कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा है, ‘सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय और वायुसेना प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भी शामिल करना चाहते थे। उस वक्त वायुसेना प्रमुख ने दासौ के साथ मिलकर एचएएल का दौरा भी किया और पाया कि वह यान बनाने में सक्षम है। मुझे लगता है कि वायुसेना प्रमुख सही नहीं हैं, वह झूठ बोल रहे हैं और सच को छुपा रहे हैं।’
असल में वायुसेना के प्रमुख बीएस धनोआ ने एक दिन पहले चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि युद्धक विमान राफेल पर हो रही राजनीति का बुरा असर कहीं देश की सैन्य तैयारियों पर न पड़े। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों ने अपने युद्धक विमान अपग्रेड कर लिए हैं और हमें अभी तक इनके मिलने का इंतजार है। साफ है अपने राजनीतिक मतलब से कांग्रेस सेना पर भी उंगली उठाने से कभी चूकती नहीं है।
संजय निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक को Fake कहा था
भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के 38 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। सेना के शौर्य की इससे बड़ी मिसाल क्या हो सकती है कि इस कार्रवाई में भारत की तरफ से कोई नुकसान नहीं हुआ था। सभी ने सेना के इस शौर्य को सलाम किया। सेना ने स्वयं सामने आकर इस कार्रवाई पर बयान दिया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे भी फर्जी करार दे दिया। पार्टी के नेता संजय निरुपम ने इसे फेक कहा।
कांग्रेसी संदीप दीक्षित ने सेना को गुंडा कहा
11 जून, 2017 का वह दिन कोई सच्चा भारतीय नहीं भूल पाएगा जब कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख को गुंडा कहा। संदीप दीक्षित ने कहा, ”पाकिस्तान उलजुलूल हरकतें और बयानबाजी करता है। ख़राब तब लगता है कि जब हमारे थल सेनाध्यक्ष सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं।” संदीप दीक्षित के इस बयान से साफ है कि सेना के प्रति कांग्रेस पार्टी के मन में कितना सम्मान है। हद तो तब हो गई जब न तो राहुल गांधी ने और न ही सोनिया गांधी ने सदीप दीक्षित के बयान पर कोई टिप्पणी की और न ही माफी की मांग की।
दिग्विजय सिंह ने सेना के जवान को थप्पड़ मारा
15 अक्टूबर 2015 की इस तस्वीर को देख कर कोई भी समझ जाएगा कि कांग्रेस पार्टी के दिल में सेना के प्रति कितनी नफरत भरी हुई है। ये तस्वीर उस समय की है जब मध्यप्रदेश के एक पुलिस कंट्रोल रूम में नियम विरुद्ध नियुक्ति मामले में पूछताछ के लिए आए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अर्द्ध सैनिक बल के जवान को बिना किसी गलती के थप्पड़ मारा था। खास बात यह कि दिग्विजय सिंह के विरुद्ध पार्टी ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही माफी मांगने को कहा।
कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने सेना को हत्यारा कहा
16 अप्रैल, 2017 को दिग्विजय सिंह ने एक और शर्मनाक बयान दिया जिसे सुनकर कोई भी समझ सकता है कि कांग्रेस पार्टी सेना के प्रति क्या भाव रखती है। उन्होंने कहा, ”कश्मीरी लोगों को एक तरफ आतंकवादी मारते हैं, दूसरी तरफ भारतीय सेना के जवान।” दिग्विजय सिंह के इस बयान से समझा जा सकता है कि किस तरह कांग्रेस पार्टी सेना को सियासत का मोहरा बनाती है।
आतंकी बुरहान वानी को जिंदा रखते कांग्रेसी सैफुद्दीन सोज
जिस आतंकी बुरहान वानी को भारतीय सेना ने एनकाउंटर कर ढेर कर दिया उसे कांग्रेस पार्टी जिंदा रखने की बात कहती है। कश्मीर में पार्टी के नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा कि उनका बस चलता तो वह आतंकी बुरहान वानी को जिंदा रखते।
कांग्रेस के सलमान निजामी को ‘रेपिस्ट’ लगती है सेना
कश्मीर में यूथ कांग्रेस के नेता सलमान निजामी भारतीय सेना को रेपिस्ट कहते हैं। इतना ही नहीं वह कश्मीर को भी भारत के साथ नहीं बल्कि आजाद देखना चाहता है। यानि कश्मीर को पाकिस्तान के साथ ले जाने को आतुर सलमान निजामी गुजरात में कांग्रेस पार्टी का प्रचार करते हैं, राहुल गांधी के साथ रहते हैं और वही राहुल सेना के सम्मान की बात याद दिलाते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने सेना को नरसंहार करने वाला कहा
21 जून, 2018 को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सेना को नरसंहार करने वाला बताया। आजाद ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर में सेना का निशाना आतंकवादियों पर नहीं, आम नागरिकों पर ज्यादा होता है।” जाहिर है कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार आयोग के मुस्लिम उच्चायुक्त जेन बिन राद अल-हुसैन की उस रिपोर्ट को ताकत देने की कोशिश की है जिसमें भारत पर ह्यूमेन राइट्स के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। सूत्रों की मानें तो यह बयान राहुल गांधी के इशारे पर दिया गया है क्योंकि पार्टी ने इस मामले पर अपनी सफाई भी पेश नहीं की है।
कांग्रेस परस्त पत्रकार भी करते हैं सेना का अपमान
संविधान से मिली अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का बेजा इस्तेमाल करने का ताजा उदाहरण 07 सितंबर को तब सामने आया जब तथाकथित सेक्यूलर पत्रकार शेखर गुप्ता ने एक ट्वीट किया। अपनी गिरी हुई सोच के तहत उन्होंने धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भारतीय सेना से जोड़ दिया और असभ्य टिप्पणी की।
Indian Army is worried now that men can legally have sex with other men@AmritaNayak3 reports: https://t.co/thNycdBSDr
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) September 7, 2018
शेखर गुप्ता का पुराना रिकॉर्ड ये है कि वह भारत और भारतीय सेना का विरोध करते हैं। विशेषकर राष्ट्रवाद नाम से ही उन्हें नफरत है। दरअसल यह बीमारी सिर्फ शेखर गुप्ता की नहीं है, बल्कि खुद को सेक्यूलर कहने वाले राजनीतिक दल, पत्रकार और कई तथाकथित बुद्धिजीवी भी इसमें शामिल हैं। ये भारत को सेना के एक पंचिंग पैड की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। जब चाहो सेना के बारे में अभद्र टिप्पणी कर दो क्योंकि देश का कानून उन्हें ये अधिकार देता है।
बहरहाल हम आपको ये बता दें कि शेखर गुप्ता वही पत्रकार हैं जिनके 10 जनपथ यानि सोनिया गांधी तक सीधी पहुंच है। ऐसा माना जाता है कि गुप्ता जी वही करते हैं जो कांग्रेस आलाकमान की तरफ से ऑर्डर आता है। बीते 12 जनवरी, 2018 को जब सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था तो इसका आयोजन भी इसी पत्रकार महोदय ने किया था। यह ट्वीट भी संभवत: कांग्रेस के इशारे पर ही किया गया हो सकता है, क्योंकि कालांतर में कई ऐसे प्रकरण हुए हैं कांग्रेस ने सेना पर सवाल उठाए हैं।