प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन ने 14 अगस्त 2025 को अपने 6 साल पूरे कर लिए हैं। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी मिशन का उद्देश्य था – ग्रामीण भारत के हर घर तक नल के जरिए स्वच्छ पेयजल पहुंचाना। आज, यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांव-गांव में बदलाव और आजादी की एक नई कहानी बन चुकी है। इसने खासतौर पर महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं और ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया है।
छह साल पहले तक देश के 19 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता था। बाकी करोड़ों घरों को रोज दूर-दराज के जल स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन आज, 15.69 करोड़ से अधिक घरों में नल का पानी पहुंच रहा है। इससे देश के 81 प्रतिशत से अधिक गांव ‘हर घर जल’ सुविधा से लैस हो चुके हैं। छह सालों में जल जीवन मिशन ने यह साबित कर दिखाया है कि जब योजनाओं में स्पष्ट उद्देश्य, तकनीकी सहयोग और जनभागीदारी हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अब यह मिशन केवल जलापूर्ति नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है, जो ग्रामीण भारत में सम्मान, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की नई धाराएं बहा रहा है।
देश के 15.7 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पहुंचा नल से जल!#6YearsOfJalJeevanMission pic.twitter.com/Tn86aMoKcc
— BJP (@BJP4India) August 14, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन के छह वर्ष पूरे होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर MyGovIndia के अलग-अलग पोस्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल ग्रामीण भारत में जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा के परिणामों में भी उल्लेखनीय बदलाव आया है, विशेषकर महिलाओं को- देश की नारी शक्ति को लाभ हुआ है।
We mark #6YearsOfJalJeevanMission, a scheme that focuses on dignity and transforming lives. It has also ensured better healthcare, especially for our Nari Shakti. https://t.co/N7jTHDyrLb
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2025
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भारत भर में जल जीवन मिशन के स्थायी प्रभाव की एक झलक।
A glimpse of the lasting impact of Jal Jeevan Mission across India. #6YearsOfJalJeevanMission https://t.co/jd2BotNcuC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2025
जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले कई महिलाओं को रोज सुबह 4 बजे उठकर कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था। अब उनके घर में नल लग चुका है और पानी उपलब्ध है। इससे न सिर्फ समय की बचत हो रही है बल्कि वे अब खेत में काम कर पाती हैं, बच्चों को समय दे पाती हैं और स्वयं सहायता समूह की बैठकों में भी भाग ले रही हैं। ऐसी ही हजारों कहानियां देश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ रही हैं, जहां जल जीवन मिशन ने महिलाओं को पानी की तलाश के संघर्ष से मुक्त कर उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया है।
मिशन की एक विशेषता इसका सामुदायिक नेतृत्व आधारित ढांचा है। गांवों को न केवल योजना का लाभार्थी बनाया गया, बल्कि उन्हें इसके नियोजन, क्रियान्वयन और निगरानी में भी भागीदार बनाया गया। अब तक 5.29 लाख से अधिक ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) का गठन हो चुका है, जो स्थानीय स्तर पर जल प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इसके अलावा 2.63 लाख गांवों को ‘हर घर जल’ युक्त घोषित किया गया है। यह दर्शाता है कि ग्रामीण समुदाय अब जल प्रबंधन को केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारी भी मान रहे हैं।
पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए मिशन के तहत 24.80 लाख से अधिक महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के जरिए पानी की जांच का प्रशिक्षण दिया गया है। इससे न केवल जल सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि महिलाओं को विज्ञान आधारित निर्णय प्रक्रिया में भी भागीदार बनाया गया है। मिशन की निगरानी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी भरपूर उपयोग किया गया है। ग्राम कार्य योजनाएं, डेटा रिपोर्टिंग, और ऑनलाइन डैशबोर्ड के जरिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में गति भी आई है और विश्वास भी बढ़ा है।
जल जीवन मिशन ‘सोपान’ (बॉटम-अप) दृष्टिकोण का पालन करता है, जहां समुदाय योजना बनाने से लेकर उसे कार्यान्वित करने, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव के काम में अहम भूमिका निभाते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्लूएससी) /पानी समिति का गठन किया गया है तथा उन्हें मजबूत बनाया जा रहा है। समुदाय की सहभागिता से ग्रामीण कार्य-योजना विकसित की गई है, कार्यान्वयन समर्थन एजेंसियों को साथ लाया गया, ताकि कार्यक्रम के क्रार्यान्वयन में ग्रामीण समुदायों का समर्थन किया जा सके तथा लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है।
हर घर में नल से जल पहुंचने के कारण ग्रामीण महिलाओं को सिर पर पानी ढोने से भी मुक्ति मिली है। जनता और खासतौर से महिलाओं तथा ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी की बदौलत, जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन बन गया है। दीर्घकालीन पेयजल सुरक्षा, स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें एक साथ मिलकर यह काम कर रही हैं तथा वे सब मिलकर गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों, अपने जल स्रोतों और इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
हर घर में पीने लायक स्वच्छ जल पहुंचाने का काम जो पिछले 70 साल में नहीं हुआ, वो मोदी सरकार में पिछले 6 साल से भी कम समय में हुआ है। जल जीवन मिशन के तहत मोदी सरकार हर घर नल से शुद्ध जल सुनिश्चित कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की परिकल्पना पर छोटी सी अवधि में ही 15 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल की सुविधा है।
जनता और खासतौर से महिलाओं तथा ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी की बदौलत, जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन बन गया है। दीर्घकालीन पेयजल सुरक्षा, स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें एक साथ मिलकर यह काम कर रही हैं तथा वे सब मिलकर गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों, अपने जल स्रोतों और इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
जल जीवन मिशन का असर जीवन के हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जलजनित बीमारियों जैसे डायरिया, हैजा आदि में कमी दर्ज की गई है। लड़कियों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है क्योंकि अब उन्हें स्कूल छोड़कर पानी लाने नहीं जाना पड़ता। साथ ही, महिलाओं को समय मिलने से वे सूक्ष्म उद्यमों और स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
2028 तक विस्तार का प्रस्ताव
सरकार अब इस मिशन को 2028 तक विस्तार देने पर विचार कर रही है। नए प्रस्ताव में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, संचालन और रखरखाव, जल स्रोत की स्थायित्व, और सामुदायिक सहभागिता को और मजबूत करने की योजना शामिल है।