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PM Modi के विजन से ग्लोबल हेल्थ हब बन रहा भारत, Medical Tourism से चार लाख करोड़ का बाजार, विदेशी मरीज बढ़े

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी विजन ने देश को ग्लोबल हेल्थ डेस्टिनेशन बना दिया है। इलाज को अफोर्डेबल बनाना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इसका अप्रोच सिर्फ हेल्थ केयर नहीं बल्कि वेलनेस है। पीएम मोदी ने हमेशा भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बाकायदा मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देने की बात हमेशा कही है। यह बात इसलिए भी उत्साहवर्धक है, क्योंकि विदेशों में भी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति की ओर काफी झुकाव देखने को मिलता है। इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे भरोसेमंद और सस्ता मेडिकल टूरिज्म हब बनता जा रहा है। पिछले साल 73 लाख से ज्यादा विदेशी मरीज इलाज करवाने आए। यहां विभिन्न बीमारियों का इलाज का खर्च अमेरिका, सिंगापुर और कोरिया जैसे देशों की तुलना में 60% से 80% तक कम है। 2024 में भारत का मेडिकल टूरिज्म बाजार 85,250 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था। 2034 तक यह 4.27 लाख करोड़ रु. पार होने का अनुमान है। मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स के 46 गंतव्यों में भारत टॉप टेन में रखा गया था। इसके साथ ही व्यावहारिक सुविधाओं, अत्याधुनिक मशीनरी, अनुभवी डॉक्टरों और इंटरनेशनल क्वालिटी के चलते अब यह लगातार टॉप-5 डेस्टिनेशन की ओर बढ़ रहा है।

 

मोदी सरकार की विजनरी नीतियां भारत में बढ़ा रहीं मेडिकल टूरिज्म
न्यू इंडिया के साथ आधुनिक तकनीक को अपना रहा हमारा देश कई मामलों में विकसित देशों को पीछे छोड़ चुका है। मेडिकल भी एक ऐसा ही सेक्टर हैं, जिसे कोरोना काल के बाद से वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिल रही है। मोदी सरकार की विजनरी नीतियां बड़ी वजह बन रही हैं कि पिछले कुछ वर्षों में दूसरे देश से इलाज कराने के लिए भारत आने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ गई है। भारत में इलाज कराने आने वाले विदेशी लोगों की यात्रा को मेडिकल टूरिज्म के नाम से जाना जाता है। ऐसे में केंद्र सरकार मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और इलाज के लिए आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई रणनीति पर काम कर रही है। केंद्र सरकार देश को चिकित्सा पर्यटन का प्रमुख केन्द्र बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। पर्यटन मंत्रालय भारत को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यटन के क्षेत्र में समग्र रूप से विस्तार दे रहा है। देश में वर्तमान समय में संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों के भाग के रूप में चिकित्सा पर्यटन सहित भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों एवं उत्पादों को बढ़ावा दिया जाता है।

चेन्नई में सबसे ज्यादा विदेशी मरीज,वेलनेस का हब बना केरल
दिल्लीः देश में सर्वाधिक 9 जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पताल। लिवर ट्रांसप्लांट, कार्डियक सर्जरी व न्यूरोसर्जरी के लिए आते हैं।
चेन्नईः करीब 40% विदेशी मेडिकल टूरिस्ट और 30% घरेलू यहां आते हैं। आई सर्जरी, हिप रिप्लेसमेंट, बाईपास के लिए भरोसेमंद। चेन्नई में कई विशिष्ट अस्पताल हैं जो विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपचार प्रदान करते हैं, जिनमें हृदय शल्य चिकित्सा, कैंसर उपचार और अंग प्रत्यारोपण आदि शामिल हैं।
मुंबईः यहां पर 6 जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पताल हैं। कैंसर उपचार और कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए लोगों का पसंदीदा गंतव्य।

हैदराबादः 2 जेसीआई अस्पताल। अंग प्रत्यारोपण, कैंसर उपचार का उभरता केंद्र। हजार एकड़ में स्वास्थ्य टूरिज्म हब बनेगा। हैदराबाद को रोबोटिक सर्जरी, लीवर ट्रांसप्लांट और जोड़ प्रतिस्थापन जैसी जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए एक पसंदीदा स्थान बना दिया है।
बेंगलुरुः 3 जेसीआई अस्पताल। अंग प्रत्यारोपण, कार्डियक सर्जरी और एआई आधारित डायग्नोस्टिक्स के लिए प्रसिद्ध है।
केरलः आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी के लिए प्रसिद्ध। वैलनेस टूरिज्म का केंद्र। ऐसे उपचारों की मांग मध्य पूर्व से बढ़ रही है। केरल में ऑर्थोपेडिक सेंटर, हार्ट सर्जरी अस्पताल, डेंटल क्लीनिक और बैरिएट्रिक सर्जरी अमेरिका और यूके की तुलना में काफी कम लागत पर सेवाएं दे रहे हैं।
जयपुर: यहां SMS हॉस्पिटल और अन्य निजी अस्पताल विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। जयपुर में इलाज की लागत अन्य विकसित देशों की तुलना में कम है। यहां अब अमेरिका, नाइजीरिया जैसे देशों से भी मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

कोविड के बाद बढ़े विदेशी मरीज, 20 लाख लोगों को मिला रोजगार
कोरोना हालांकि इस साल एक बार फिर दस्तक देने की तैयारी में है। कई देशों में इसके मरीज मिल रहे हैं और भारत में भी कुल मरीजों की संख्या एक हजार पार कर गई है। लेकिन 2020 में पहली बार आए कोरोना के बाद भारत में मेडिकल टूरिज्म को पंख लग गए हैं। क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की तुलना में 2024 में इलाज के लिए भारत में आने वाले विदेशी मरीजों की संख्या करीब चार गुना तक बढ़ चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक विदेशी मरीजों की संख्या डेढ़ करोड़ का आंकड़ पार कर सकती है। कोरोना से पहले 2018 में केवल 6.40 लाख विदेशी इलाज के लिए भारत आए थे। फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे देश में अमेरिका-यूरोप के मुकाबले इलाज 50% तक सस्ता है और मोर्टेलिटी रेट भी अमेरिका से कम है। कोरोना के बाद पिछले पांच सालों में विदेशी मरीजों के आंकड़े इस रफ्तार से बढ़े हैं…
2024     73 लाख
2023     61 लाख
2022     48 लाख
2021     30 लाख
2020     18 लाख

 

भारत का मेडिकल टूरिज्म बाजार 85 हजार करोड़ रूपए तक पहुंचा
भारत किस तेजी से पसंदीदा मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि पिछले साल ही भारत का मेडिकल टूरिज्म बाजार 85 हजार करोड़ रूपए तक पहुंचा है। इससे 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के नित नए अवसर मिल रहे हैं। मेडिकल टूरिज्म बाजार सालाना 12% की दर से बढ़ रहा है। इस गति से हम आगे बढ़ते रहे तो 2034 तक यह सालाना 4.27 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच सकता है। मोदी सरकार ने 2024 में 4.63 लाख मेडिकल वीसा जारी किए थे। हालांकि, क्रिसिल रिसर्च के अनुसार बड़ी संख्या में मरीज टूरिस्ट वीसा पर आ रहे हैं। 2024 में 73 लाख विदेशी इलाज के लिए आए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) करने के उद्देश्य से इच्छुक ऐसे लोगों के लिए भारत का आधिकारिक पोर्टल लॉन्च किया है, जो भारतीय चिकित्सा सुविधाओं एवं उपचार का लाभ उठाना चाहते हैं। यह पोर्टल अंतरराष्ट्रीय मेडिकल टूरिस्ट की भारत में यात्रा की जानकारी और रोगी के आने-जाने के कार्यक्रम को सुव्यवस्थित करने में सहायता करता है। मोदी सरकार ने चिकित्सीय उपचार सेवा का लाभ उठाने वाले विदेशी नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 167 देशों के लिए ई-मेडिकल वीजा/ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा सुविधा का विस्तार किया है।टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी कई पहल से मेडिकल टूरिज्म
मोदी सरकार ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का निर्माण के लिए लोन की सुविधा के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। देश के कई प्रमुख अस्पतालों ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेश किया है। अब दंत प्रत्यारोपण तथा कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी विशेष शल्य चिकित्सा सुविधाएं अब इन टियर-2 और टियर-3 शहरों में उपलब्ध हो चुकी हैं। सस्ता और बेहतर इलाज मिलने के चलते इन शहरों में विदेशों से भी लोग आ रहे हैं। बता दें कि मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित किया जा सकता है। इसके अलावा चिकित्सा पर्यटन से नये रोजगारों का सृजन भी होता है। इससे कम लागत पर उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं की नैदानिक परिणामों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले उपचार प्राप्त किया जा सकता है। भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध आदि जैसे समग्र उपचार की उपलब्धता है। मेडिकल टूरिस्ट कम लागत पर जटिल तकनीक का लाभ उठाते हैं।

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