अल्पसंख्यक मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में जोर-शोर से काम कर रहा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अगुवाई में हुनर हाट योजना आम लोगों की जिंदगी में बदलाव ला रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपने अभिभाषण में भी इस योजना से हो रहे फायदों का जिक्र किया।
Thanks to Hon’ble President of India Shri Ram Nath Kovind Ji @rashtrapatibhvn , from bottom of my heart for encouraging #HunarHaat , which has become “Employment and Empowerment Exchange” of indigenous artisans and craftsmen of the country. #Vocal4Local @PMOIndia @hunarhaat pic.twitter.com/QFtpEeT2c5
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) January 29, 2021
समाज के सभी वर्गों के लिए अनवरत किए जा रहे कार्यों का ही परिणाम है कि हुनर हाट आज सोशल मीडिया पर भी छाया रहा। दरअसल, हुनर हाट जैसी योजनाओं ने कम पूंजी में भारत के पारंपरिक रोजगार के ढांचे को न सिर्फ पुनर्जीवित किया है, बल्कि उसे बड़ा आकार भी दिया है।
‘हुनर हाट’ ने लाखों को दिया रोजगार
‘हुनर हाट’ अब तक देश के कई राज्यों में आयोजित किया जा चुका है, इसे दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों के ‘स्वदेशी विरासत के सशक्तिकरण’ का ‘मेगा मिशन’ की तरह देखा जाता है। हुनर हाट शिल्पकारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है। अल्पसंख्यक विकास मंत्रालय के पिछले साल के आंकड़े के अनुसार लगभग तीन वर्षों में ‘हुनर हाट’ के माध्यम से लगभग तीन लाख दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगार के मौके मिले हैं, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं।
लखनऊ में चल रहा वोकल फॉर लोकल थीम के साथ 24वां हुनर हाट
22 जनवरी से 4 फरवरी 2021 तक लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देशभर के दस्तकारों-शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हुनर हाट के उद्घाटन के मौके पर कहा कि लखनऊ के “हुनर हाट” में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनर के उस्ताद शामिल हो रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लखनऊ के “हुनर हाट” में देश के दस्तकार/शिल्पकार, अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मेटल वेयर, बाघ प्रिंट, बाटिक, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी-बूटियां, ब्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बेंत-बांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूड़ियाँ, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी-आयरन के खिलौने, कांथा एम्ब्रोइडरी, ब्रास-पीतल के प्रोडक्ट, क्रिस्टल ग्लास आइटम, चन्दन की कलाकृतियां आदि के स्वदेशी हस्तनिर्मित शानदार उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए लेकर आए हैं।
जब पीएम मोदी ने किया था हुनर हाट का दौरा
गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट के पास आयोजित हुनर हाट का दौरा किया था। वहां प्रधानमंत्री मोदी ने लिट्टी-चोखा भी खाया और कुल्हड़ की चाय पी, जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया था। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्टॉल पर जाकर उत्पादों को देखा और स्टॉल लगाने वाले दुकानदारों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री के साथ अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे।
क्या है हुनर हाट
हुनर का मतलब होता है, किसी भी कला या विधा में पारंगत। हाट का अर्थ बाजार होता है। इस तरह से हुनर हाट का मतलब हुआ ऐसे कारीगरों का बाजार जहां उनकी चीजें बिकती हैं। हुनर हाट के जरिये सरकार देशभर के परंपरागत दास्तकारों, शिल्पकारों और खानसामों को प्रोत्साहित कर रही है। हुनर हाट का आयोजन केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा उस्ताद योजना के तहत किया जाता है। उस्ताद योजना का उद्देश्य भारत के अल्पसंख्यक समुदाय की परंपरागत कला तथा शिल्प की धरोहर का संरक्षण करना है। इसके लिए उनके कौशल में वृद्धि की जाती है। तथा उनके उत्पादों को वैश्विक बाज़ार तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर यूपी का भदोही जिला कारपेट (दरी) के लिए मशहूर है। लेकिन बेहतर बाजार मुहैया न होने से कारीगरों को उनके उत्पाद का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह से कई राज्यों में कारीगर नायाब चीजें तैयार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बाजार नहीं मिल पाता है। पीएम मोदी ने हुनर हाट के बारे में कहा था कि इस योजना के माध्यम से हम कच्छ से कटक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक काम करने वाले भारतीय कारीगरों और शिल्पकारों के विश्व स्तरीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और उनकी मार्केटिंग करने में मदद करेंगे। पहली बार 2016 में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर प्रगति मैदान दिल्ली में इसकी शुरुआत की गई थी।
हुनर हाट के फायदे
- प्रतिभाशाली कलाकारों को प्लेटफॉर्म मिलता है।
- भारतीय कारीगरों व शिल्पकारों के विश्वसनीय ब्रांड का निर्माण।
- भारतीय धरोहर को बढ़ावा देने वाले कारीगरों व शिल्पकारों को बढ़ावा।
- शिल्पकारों व कारीगरों को सशक्तिकरण व रोज़गार के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना।
- मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक।