Home नरेंद्र मोदी विशेष Fear & Ceasefire: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऐसे झुका पाकिस्तान, भारत से...

Fear & Ceasefire: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऐसे झुका पाकिस्तान, भारत से खौफ के चलते अमेरिका से गुहार, संघर्ष विराम की पूरी इनसाइड स्टोरी

SHARE

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से जो रौद्र रूप अपनाया उसकी पाकिस्तान को कल्पना तक नहीं थी। भारतीय जल, थल और नभ तीनों सेनाओं के रणबांकुरों ने जो युद्ध में जो पराक्रम दिखाया, उससे पाकिस्तान इतना नुकसान हुआ कि वो थर-थर कांपने लगा। चीन और तुर्की के जिन हथियारों के दम पर पाकिस्तान ने जंग में उतरने का फैसला लिया, वो हथियार भारतीय शूरवीरों और सुदर्शन चक्र के आगे बेहद बौने और फेल साबित हुए। भारतीय सेना के इन तेज हमलों को देख रहे पाकिस्तान का खौफ तब बहुत ज्यादा बढ़ गया, जबकि भारतीय हमले की जद में पाकिस्तान का परमाणु जखीरा भी आ गया। जिन परमाणु बम पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। इससे घबराया पाकिस्तान अमेरिका शरण में जाकर सीजफायर करवाने की गुहार लगाने लगा। अमेरिकी मदद से भले ही पाक सीजफायर कराने में सफल रहा हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। भारतीय सेना का पराक्रम और आक्रमण ने पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया है कि वो सालों पीछे पहुंच चुका है। सीजफायर के बाद भी भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने से लेकर लंबे समय तक कूटनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा।

भारतीय सुदर्शन चक्र ने पाक के एयर डिफेंस सिस्टम को किया तबाह
पाकिस्तान के घुटनों पर आने की एक बड़ी वजह यह भी थी कि भारत का बार-बार पाकिस्तान के अंदर घुसकर स्ट्राइक और सफल हमले करना। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने जब इस बार भारत ने पाकिस्तान पर हमला बोला तो पहले दिन सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पीओके और पाकिस्तान में बने 9 आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया। लाहौर के एकदम नजदीक से हमला किया। एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने कहा कि उसने सिर्फ आतंकियों के ठिकानों पर हमला बोला है, अगर पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों पर हमला बोला तो वो पलटवार करेगा। पाकिस्तान ने रात में ड्रोन और मिसाइल से हमला कर दिया। बस फिर क्या था, भारत ने पलटवार किया और लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। इसके अलावा भी कई शहरों पर हमले किए। इसके अगले दिन फिर से वार पलटवार हुआ, इस बार भी पाकिस्तान के सभी हमले नाकाम रहे। ड्रोन से लेकर मिसाइल तक को भारत ने हवा में ही गिरा दिए। इसके बाद भारत ने जब पलटवार किया तो पाक सेना के छिपने की जगह कम पड़ गई। भारत ने पाकिस्तान के पांच एयरबेस उड़ा डाले, एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया।पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम हुआ भारत
सेना के हेडक्वार्टर से सटे नूर खान एयरबेस के पास ही पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर है। भारत के सटीक हमले में नूर खान एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। परमाणु कमांड सेंटर के भारतीय मिसाइल के जद में आने के खतरे में पाकिस्तानी सेना में कंपकपी पैदा कर दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिस परमाणु जखीरे पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर रावलपिंडी के चकलाला में नूर खान एयरबेस है। यहां पर पाकिस्तानी एयरफोर्स का एयर मोबिलिटी कमांड का सेंटर है। पाकिस्तान को यह अच्छे से समझ में आ गया कि परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है। लेकिन पहली बार पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम है। सोशल मीडिया पर तो यह भी चर्चा हो रही है कि पाकिस्तान के किराना हिल्स में न्यूक्लियर लीक हो रही है। यह मुशफ एयरबेस (सरगोधा) के पास किराना हिल्स पर भारतीय वायुसेना द्वारा हमला किया गया। जहाँ पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को एक बंकर में रखता है। हालांकि भारतीय वायुसेना से इससे साफ इनकार किया है।

परमाणु कमांड सेंटर भारत के जद में आने से पाक को लगा डर
रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे इस अहम एयरबेस से सभी लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों का नियंत्रण किया जाता है। पिछले दिनों भारत में हुए मिसाइल और ड्रोन हमले इसी एयरबेस से किये गए थे। इसी के पास नेशनल कमांड अथोरिटी की बिल्डिंग भी है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करता है। इसे पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी कहा जाता है। भारत के हमलों से पाकिस्तान को डर सताने लगा कि परमाणु कमांड सेंटर भी भारत की जद में है।

• नूर खान एयरबेस पर हमले के एक दिन पहले भी भारत रावलपिंडी पर ड्रोन हमला करने में सफल रहा था। पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि ड्रोन रावलपिंडी स्टेडियम पर गिरा। लेकिन असल में जिस जगह पर ड्रोन गिरा उसके पास आईएसआई के कश्मीर डिवीजन का दफ्तर है।
• भारत ने दिखा दिया कि पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर समेत तमाम सैन्य ठिकाने भारतीय मिसाइलों की जद में हैं, वह कहीं भी सटीक हमला कर सकता है।
• सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसी के बाद पाकिस्तान ने तत्काल अमेरिका से भारत को किसी भी स्थिति में रोकने की गुहार लगाई।
• पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका तत्काल सीजफायर सुनिश्चित करे। अमेरिका से उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो इसके बाद सीजफायर कराने के प्रयास के लिए सक्रिय हुए।

भारत 1971 से बहुत ही बेहतर हालात में, इस खौफ ने पाकिस्तान को तोड़ा
इसके अलावा पाकिस्तान को 2025 में 1971 वाला खौफ अंदर ही अंदर खाए जा रहा था? दरअसल, आज भारत की ताकत और हालात 1971 से काफी अलग हैं। 1971 के विपरीत, अब पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं। इसके बावजूद, भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है, जिसने एक परमाणु संपन्न राष्ट्र की सीमा में घुसकर बार-बार सफलतापूर्वक प्रहार किया है। पाकिस्तान और आतंकियों को लगातार कमजोर किया है।
• दरअसल, 1971 में जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना युद्ध के मैदान में थी तो उस जगह की स्थानीय आबादी, जो अब बांग्लादेश कहलाती है, पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय रूप से संघर्ष कर रही थी। भारत की सेना को वहां की जनता का पूरा समर्थन प्राप्त था। लेकिन 2025 में ऐसा नहीं होने के बावजूद हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान को धूल चटा दी।
• आज पाकिस्तानी सेना अपनी जनता और जनमत पर लगभग नियंत्रण रखती है। ऐसे कठिन हालात में भी भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को तबाह किया है और आतंक के संरक्षकों का जीवन तहस-नहस कर दिया है।
• पाकिस्तान भी जानता है कि यह 1971 वाला भारत नहीं है। जब उस समय पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिक हमने कैदी बनाकर रख लिए थे तो अभी तो भारत पहले से बहुत ज्यादा संपन्न, समृद्ध और आत्मरक्षा करने में सक्षम है। इस समय देश की कमान की नरेन्द्र मोदी जैसे निर्भीक, विजनरी, देशभक्त और आतंकियों के दुश्मन के हाथ में है। उन्होंने ही भारतीय सेना आधुनिक हथियारों से लैस कर दिया है। भारत के पास एस-400 जैसी एयर डिफेंस सिस्टम है। जिसका जलवा पाकिस्तान देख चुका है, जो भारतीय सेना का सुदर्शन चक्र है।
• 1971 के मुकाबले हमारी सैन्य शक्ति कई गुना बेहतर है। जब हमने तब ही पाकिस्तान को घुटने टेकने पर विवश कर दिया था तो अब उसका क्या हश्र होता, यह वह अच्छी तरह से जानता है।
• उस समय तो पाकिस्तान के साथ पश्चिमी गठबंधन और अरब के देश मजबूती से खड़े थे। तब अमेरिका पाकिस्तान के साथ खड़ा था। आज भारत के साथ अमेरिका सहित विश्व के तमाम देश खड़े हैं और पाकिस्तान एकदम अलग-थलग पड़ गया है। तब चीन भी पाकिस्तान की मदद कर रहा था। लेकिन, इस बार उसने मदद का अपना तरीका बदला था और वह सीधे युद्ध में पाकिस्तान के साथ उतरना नहीं चाह रहा था। लेकिन, पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराने के बारे में जरूर बात कर रहा था।
• 1971 में जो देश पाकिस्तान के साथ खड़े थे, उनके साथ अभी भारत के कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध बेहतर हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए इस युद्ध में लंबे समय तक टिका रहना मुश्किल था। उसे तीन-चार दिनों में ही अपनी गलती का एहसास हो गया।
• उसने युद्ध के हालात और उसके लिए विनाशकारी हों, इससे पहले ही फोन कर अपना डर जाहिर कर दिया। पाकिस्तान यह भी जानता है कि अगर इस बार वह ज्यादा देर तक उलझा रहेगा तो 1971 की तरह उससे और टुकड़े होंगे। बलूचिस्तान और पीओके उसके हाथ से चला जाएगा।भारत अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम समझौते के लिए हुआ राजी
दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान ने नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की कार्रवाई के बाद भारत को अशांत करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के मुंहतोड़ जवाब के बाद पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए। दोनों देशों के बीच महानिदेशक (DGMO) स्तर की वार्ता हुई जिसमें संघर्षविराम पर सहमति बनी। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है। लेकिन, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। 80 घंटे से अधिक समय तक चले टकराव के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम पांच बजे से संघर्ष विराम हो गया, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर कायराना हरकत करते हुए संघर्ष विराम का उल्लंघन भी किया। सीमा पर फिलहाल माहौल तनावपूर्ण है। संघर्ष विराम को लेकर पाकिस्तान का रुख कटघरे में है। अब सरकार की ओर से पिछले चार दिनों के पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी साझा की गई है। जिसमें ये सामने आया कि सेना के जोरदार हमले के बाद कैसे पाकिस्तान अमेरिका के सामने संघर्ष विराम की गुहार लगाने पहुंचा। बाद में भारत अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम समझौते के लिए राजी हुआ।

पहला प्रहार: बहावलपुर में आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद, घर में घुसकर फन कुचला
भारतीय सशस्त्र बलों ने जब सात मई को 1.05-1.25 बजे के बीच 25 मिनट के अंदर नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। यह भारत का पहला प्रहार था, जिसने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी- आईएसआई से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय- मुरीदके, जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर- बहावलपुर के आतंकी शिविरों पर हमला पड़ोसी देश के लिए चौंकाने वाला था। भारतीय सेना ने इस ठिकाने पर सबसे घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसने आतंकियों की रीढ़ तोड़ दी। सूत्रों बताया कि सैन्य स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था “इन लोगों को मिट्टी में मिला दो। सशस्त्रबलों की ओर से की गई भीषण कार्रवाई में बहावलपुर, मुरिदके और मुजफ़्फराबाद के कैंप को मिट्टी में मिला दिया। पाकिस्तान के हालात हर दौर के बाद बदतर होते गए। युद्ध के हर चक्र में वह परास्त हुआ। पाकिस्तान स्थित वायुसेना ठिकानों पर हमलों के बाद उसे समझ आया कि वह दौड़ में ही नहीं है। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि सुरक्षित तो आप भी नहीं हैं।

दूसरा प्रहार: सैन्य ठिकानों पर तबाही बरसाकर पाक की तोड़ी कमर
सात मई को हुए भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के नागरिकों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तान की ओर से किए गए इन नाकाम हमलों का भारत की ओर से कड़ा जवाब दिया गया। सेना द्वारा आतंकी शिविरों पर हमले बहुत ही सटीकता से किए गए। पाकिस्तान में रहीमयार खान एयरबेस का रनवे पूरी तरह से समतल हो गया। चकलाला स्थित पाकिस्तानी वायुसेना बेस नूर खान पर भी बुरा हाल हुआ। तकनीकी और सैन्य क्षमताओं के बीच बड़ा अंतर था। भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत बड़ा अंतर था। पाकिस्तान को एहसास हो गया था कि वे उस श्रेणी में नहीं हैं। भारत ने अपनी मर्जी से जवाबी प्रहार किया और पाकिस्तान के हमलों को नाकाम कर दिया गया। पाकिस्तान को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर पर सूत्रों ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में टर्निंग प्वाइंट 9 और 10 मई की कार्रवाई थी। 9 मई को भारत द्वारा हवाई हमले किए गए और 10 मई को भारत की ओर से तबाही मचाने वाला जोरदार हमला किया। जिसने पाकिस्तान के हौसले तोड़ दिए और वह घुटनों पर आने को मजबूर हो गया।

तीसरा प्रहार: किसी तीसरे की दखल बर्दाश्त नहीं करेगा भारत
भारत की ओर से आतंकवादियों के अड्डों पर किए जा रहे जोरदार हमलों के चलते 10 मई आते-आते शहबाज शरीफ और असीम मुनीर के हौसले पस्त हो गए। भारत की ओर से मचाई गई भीषण तबाही के बाद पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के पास गुहार लगाने पहुंच गए। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया कि कश्मीर मसले पर वह किसी तीसरे पक्ष को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर से बात करने के बाद मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को फोन किया और बताया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि, भारत ने साफ कर दिया कि बातचीत डीजीएमओ के बीच ही होनी चाहिए, किसी और के बीच नहीं। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से 10 मई को दोपहर 1 बजे मिलने का समय मांगा। गौरतलब है कि भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ को बताया था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे पर हमला किया है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने भारत द्वारा हवाई ठिकानों पर हमला करने के बाद समय मांगा था।

पाक के नाक रगड़ने पर माना भारत, अब सिर्फ डीजीएमओ स्तर पर बात
पाकिस्तान की गुहार के बाद भारत संघर्ष विराम के लिए मान गया, लेकिन पाकिस्तान ने संघर्ष विराम के कुछ घंटों के बाद आपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए। कई जगहों पर फिर से हमले की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई राजनयिक वार्ता फिलहाल नहीं हो रही है। सिर्फ दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) के बीच संपर्क हुआ है ताकि सीमा पर स्थिति को संभाला जा सके। इसके साथ ही भारत का संदेश बिल्कुल साफ है- अब अगर पाकिस्तान गोली चलाएगा, तो भारत दोगुनी ताकत से जवाब देगा। और जब तक पीओके का मुद्दा हल नहीं होता, तब तक कोई भी बातचीत, मेल-मिलाप या समझौता संभव नहीं है।

आतंकी तबाह, अब पीओके की भारत में वापसी ही एकमात्र मुद्दा
सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। अब केवल एक ही मामला बचा है- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी। इसके अलावा और कोई बात नहीं है। अगर वे आतंकवादियों को सौंपने की बात करते हैं तो हम बात कर सकते हैं। हमारा किसी और विषय पर कोई इरादा नहीं है। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच सरकारी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है। यह कोई एक दिन की कार्रवाई नहीं थी, बल्कि अब इसे भारत-पाक रिश्तों का नया दौर कहा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह स्थिति अब स्थायी रूप से बनी रहेगी और दुनिया को इसे ‘नए सामान्य’ की तरह स्वीकार करना होगा।

 

Leave a Reply