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आतंकियों का पक्ष लेने वालों पर अमित शाह का तीखा हमला: नेहरू-सोनिया-राहुल से लेकर चिदंबरम तक सबको लपेटा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार 29 जुलाई को लोकसभा में विपक्ष, खासकर कांग्रेस को आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर जमकर घेरा। अपने पूरे भाषण में उन्होंने 1948 से लेकर 2013 तक के कांग्रेस के कार्यकाल को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा आतंकवादियों को लेकर नरमी दिखाती रही है और पाकिस्तान को बचाने की कोशिश करती रही है। इस क्रम में उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से लेकर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम तक सबको लपेटा।

पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान को लेकर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सवाल किया था कि क्या सबूत है कि आतंकी पाकिस्तान से आए? इस पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि कल देश के पूर्व गृह मंत्री पूछते हैं कि क्या सबूत है? पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा चिदंबरम जी? हमारे पास पक्के सबूत हैं ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे। वोटर आईडी मिले, पाकिस्तानी चॉकलेट मिलीं और स्थानीय लोगों ने पहचान भी की। आप पाकिस्तान को क्लीन चिट क्यों दे रहे हैं?” 130 करोड़ देशवासी देख रहे हैं कि कौन आतंकियों के साथ खड़ा है।

इसके साथ ही गृहमंत्री ने बताया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत पहलगाम में हमला करने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। लेकिन जब वे ये जानकारी दे रहे थे, तो समाजवादी सांसद अखिलेश यादव के साथ विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर गृह मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि मैं सोच रहा था कि विपक्ष आतंकियों के मारे जाने पर खुश होगा, लेकिन इनके चेहरे पर तो मायूसी छा गई। लगता है आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि पहलगाम में धर्म पूछकर मारने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया है। चार लोगों ने इन आतंकियों की पहचान की, जिसके बाद इन्हें मार गिराया गया। उनके पास से बरामद किए गए कारतूसों से भी पुष्टि हुई कि इन्हीं लोगों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों पर हमला किया था।

इसके बाद अमित शाह ने सिर्फ चिदंबरम पर ही नहीं, कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाए। शाह ने सीधे तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक बढ़त पर थी, सरदार पटेल ना बोलते रहे, लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम कर दिया था। शाह ने कहा कि 1960 में सिंधु जल पर भौगोलिक और रणनीतिक रूप से हम बड़े मजबूत थे। उन्होंने सिंधु समझौता क्या किया 80 प्रतिशत भारत का पानी पाकिस्तान को दे दिया। शाह ने कहा कि 1965 की लड़ाई में हाजीपीर जैसे रणनीतिक जगह पर हमने कब्जा किया लेकिन 1966 में लौटा दिया।

उन्होंने कहा कि 1962 में चीन के साथ युद्ध के वक्त नेहरू ने 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दी और कहा कि वहां “घास का एक तिनका भी नहीं उगता, उस जगह का क्या करूं।” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू जी का सिर मेरे जैसा था। तब एक सांसद महावीर प्रसाद त्यागी ने कहा था, आपके सिर पर एक बाल नहीं है, वो भी चीन को भेज दें क्या?”

अमित शाह ने इसके बाद कश्मीर, सिंधु जल समझौते और 1965, 1971 की लड़ाइयों में भारत की उपलब्धियों और कांग्रेस सरकार की ‘कमजोरी’ का जिक्र किया। शिमला समझौते पर शाह ने कहा कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिक हमारे पास थे, 15 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हमारे पास थी, लेकिन फिर भी पीओके का मसला कांग्रेस ने उलटा कर दिया।

अमित शाह ने सबसे तीखा हमला बाटला हाउस एनकाउंटर पर कांग्रेस नेता के रवैये को लेकर बोला। बाटला हाउस एनकाउंटर (2008) की बात करते हुए शाह ने सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद टीवी पर रोते दिखे। पता चला कि सोनिया गांधी बाटला हाउस के आतंकवादियों के लिए फूट-फूटकर रो रही थीं। अरे, रोना है तो शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के लिए रोते!

अमित शाह ने इसके बाद एक-एक करके बताया कि कितने कुख्यात आतंकी कांग्रेस की सरकारों के दौरान भारत से फरार हो गए। उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम कास्कर 1986 में भागा, राजीव गांधी की सरकार थी। सैयद सलाउद्दीन 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी। टाइगर मेमन 93 में भागा, अनीस इब्राहिम 93 में भागा, रियाज भटकल 2007 में भागा, इकबाल भटकल 2007, मिर्जा सादाब बेग 2009 में भागा इनकी सरकार थी। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि जब-जब कोई बड़ा आतंकी भागा, तब-तब कांग्रेस सत्ता में थी।

अमित शाह का यह पूरा भाषण न केवल विपक्ष पर हमला था, बल्कि देश को यह संदेश देने की कोशिश थी कि मोदी सरकार आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करती। उन्होंने कांग्रेस पर आतंकियों को बचाने, पाकिस्तान को क्लीन चिट देने और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के आरोप लगाए। सुनिए गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन-

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