केंद्र की मोदी सरकार के एक फैसले ने अग्निवीरों के चेहरे पर खुशी और विपक्ष की बोलती बंद करके रख दी है। राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक विपक्ष के कई नेता केंद्र सरकार की अभिनव पहल अग्निवीर योजना की बगैर तथ्यों के ही झूठी आलोचना में जुटे थे। गृह मंत्रालय के निर्णय ने इनके मुंह पर ताले लगाने का काम किया है। अग्निवीरों के लिए बड़ी खुशखबरी यह है कि केंद्र ने अग्निवीरों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब चार साल की सर्विस के बाद पूर्व अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है और गृह मंत्रालय ने इस फैसले को लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके तहत CISF से लेकर CRPF तक में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत रिजर्वेशन का लाभ दिया जाएगा। अर्धसैनिक बलों की ओर से भी इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। अब गृह मंत्रालय के इस अहम कदम से जहां विपक्षी हमलों की धार को कुंद हो गई है, वहीं इससे हजारों की संख्या में अग्निवीरों को फायदा होगा।पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से भी छूट मिलेगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पूर्व अग्निवीरों की भर्ती का बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत केंद्रीय बलों में पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और उम्र में छूट के प्रावधान किए गए हैं। इतना ही नहीं, पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से भी छूट मिलेगी। इस पर बात करते हुए सीआईएसएफ के डीजी नीना सिंह ने कहा कि, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व अग्निवीरों का केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुखों ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुरूप उनके बलों में कांस्टेबल के 10 प्रतिशत पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे। बता दें कि अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, सशस्त्र सीमा बल और असम राइफल शामिल हैं।सीआईएसएफ और बीएसएफ को प्रशिक्षित और अनुशासित कर्मी मिलेंगे
सीआईएसएफ महानिदेशक नीना सिंह और बीएसएफ में डीजी नितिन अग्रवाल ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब थलसेना, नौसेना और वायु सेना में अग्निवीरों को लेकर विपक्ष ने नए सिरे से अनावश्यक बहस शुरू की है। डीजी सिंह ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके अनुरूप सीआईएसएफ भी पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया तैयार कर रहा है।” सीआईएसएफ प्रमुख ने कहा कि भविष्य में कांस्टेबल पद पर सभी नियुक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित रहेंगी। उन्होंने ‘डीडी न्यूज’ से कहा, ‘‘शारीरिक परीक्षा में भी उन्हें छूट दी जाएगी। इसके अलावा आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी। पहले वर्ष में आयु में छूट पांच वर्ष की होगी और उसके बाद के वर्ष में आयु में छूट तीन वर्ष की होगी।” सिंह ने कहा, ‘‘पूर्व अग्निवीर इसका लाभ उठा सकेंगे और सीआईएसएफ यह सुनिश्चित करेगा। यह सीआईएसएफ के लिए भी लाभकारी होगा, क्योंकि बल को प्रशिक्षित और अनुशासित कर्मी मिलेंगे।”बीएसएफ में पहले साल बैच में पांच और फिर तीन साल आयु में छूट मिलेगी
विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसी और विभागों ने पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की योजना की घोषणा पहले ही कर दी है। सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक अग्रवाल ने कहा, ‘‘उन्हें चार साल का अनुभव होता है। वे पूरी तरह अनुशासित और प्रशिक्षित कर्मी हैं। यह बीएसएफ के लिए बहुत अच्छी बात है क्योंकि हमें प्रशिक्षित जवान मिल रहे हैं। थोड़े समय के प्रशिक्षण के बाद उन्हें सीमा पर तैनात किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती से सभी सुरक्षा बलों को लाभ मिलेगा। अग्रवाल ने कहा, ‘‘कुल रिक्तियों में से 10 प्रतिशत उनके लिए आरक्षित होंगी। उनके लिए आयु सीमा में छूट भी होगी। पहले बैच को आयु में पांच साल की छूट मिलेगी और उसके बाद के बैच को आयु में तीन साल की छूट मिलेगी।”
10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना को और बेहतर बनाने में जुटे
मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और इस स्कीम को अधिक आकर्षक व कारगर तरीके सुझाने का काम सौंपा है। इसलिए अभी अग्निवीरों को और फायदे मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसकी हर कमी को दूर करना चाहती है। भारतीय सेना ने भी एक इंटरनल सर्वे किया है जिसमें अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव करने की सिफारिश की है। काबिले जिक्र है कि अभी अग्निवीर भर्ती परीक्षा में सिलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को पहले साल हर महीने 30,000 रुपए सैलरी मिलती है। इसमें 9,000 रुपए कॉर्पस फंड के तौर पर कटने के बाद पहले साल इन हैंड सैलरी 21,000 रुपए आती है। दूसरे साल 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 33,000 रुपए सैलरी और इसमें 23100 रुपए इन हैंड मिलते हैं। इसी तरह हर साल 10 प्रतिशत सैलरी बढ़ती है। तीसरे वर्ष 36500 रुपए सैलरी में 25550 रुपए इन हैंड और चौथे साल सैलरी बढ़कर 40000 रुपए हो जाती है।
🚨🚨Akhilesh Yadav On Agniveer!!
He said, I myself studied in a military School and I talked with many officials and they all are saying this Agnipath scheme is destroying our Army.
If you don’t scrap this scheme, We will remove this the day our govt will form🔥 pic.twitter.com/nC56GvGtzz
— Newton (@newt0nlaws) July 2, 2024
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अग्निवीर योजना पर बेतुके सवाल
मोदी सरकार ने युवाओं को सेना से जोड़ने और उन्हें कम आयु में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत जून, 2022 में की थी। इसमें 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया। जिनमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दल इस योजना को लेकर अनावश्यक रूप से सरकार पर निशाना साध रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अग्निवीरों का क्या होगा। जबकि योजना में ही ऐसे अग्निवीरों को एकमुश्त लाखों रुपये मिलने के अलावा कई संस्थानों में नौकरी और स्वरोजगार के कई अवसर दिए हुए हैं। केंद्र सरकार की इस सोच से उन हजारों युवाओं को फायदा होगा, जिन्होंने अग्निवीर में अपनी सेवाएं दी हैं।
राहुल का झूठ: अग्निवीरों के शहीद होने पर कोई मुआवजा नहीं मिलता
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी संसद में भी झूठ की राजनीति करने से बाज नहीं आए। पिछली 1जुलाई को राहुल गांधी ने दावा किया कि अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती हुए सैनिकों के वीरगति प्राप्त करने पर परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलता है। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के दावे को सफेद झूठ बताया। राहुल गांधी के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और फिर गृह मंत्री अमित शाह ने आसन से मांग की कि वो राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बयानों की सत्यता की जांच करवाएं।
हकीकत – रक्षा मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि अग्निवीर वीरगति को प्राप्त होता है तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की सांत्वना राशि मिलती है। इस पर भी राहुल गांधी अपनी बात पर अड़े रहे और कहा कि हमारा अलग नजरिया है और रक्षा मंत्री का अलग। दोनों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि राहुल गांधी को उनके झूठ के लिए यूं ही बचकर निकलने नहीं दिया जाए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह संसद है, यहां झूठ नहीं बोला जा सकता है।