सच कहना अगर बगावत है
तो समझो हम भी बागी हैं।
इल्ज़ाम चाहे अब जो धर लो
हम सच कहने के आदी हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर पिछले कुछ समय से इन चार पंक्तियों को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं। उन्हें जो सच और सही लगता है, वही वह बोल-कर रहे हैं। भले ही इससे उनकी पार्टी के स्वयंभू मुखिया राहुल गांधी को कितना ही बुरा लगे। इससे उनकी सेहत पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। शशि थरूर ने अपनी पार्टी कांग्रेस के ना चाहने के बावजूद मोदी सरकार के उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसने कई देशों में ऑपरेशन सिंदूर की सत्यता और पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को उजागर किया। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जब पनामा में आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए पीएम मोदी और भारत सरकार के कदमों की तारीफ की तो कांग्रेस नेताओं के गले नहीं उतरी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े हैं। इससे कांग्रेस नेताओं को मिर्ची लगनी ही थी और इसपर सियासत तेज हो गई। दरअसल, थरूर ने पीएम मोदी की असीमित ऊर्जा, वैश्विक सक्रियता और संवाद क्षमता को भारत की ‘प्राइम एसेट्स’ यानी सबसे बड़ी ताकत बताया है। इसके बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि थरूर ने राहुल गांधी की पोल खोल दी है।
राहुल गांधी के अनर्गल आरोपों की शशि थरूर ने ही हवा निकाली
कांग्रेस लंबे समय से विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करती रही है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी यह आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार की कमजोर कूटनीति के कारण भारत वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है। लेकिन कांग्रेस के ही सांसद शशि थरूर की इस तारीफ ने पार्टी को ही पिछले पांव पर ला दिया है। शशि थरूर के एक अखबार में लिखे लेख ने खुद उनकी पार्टी में ही हलचल मचा दी है। द हिंदू में प्रकाशित एक लेख में, थरूर ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अभियान में, राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी कम्यूनिकेशन का एक मौका था। पीएम मोदी के ऊर्जावान नेतृत्व में भारत जब एकजुट होता है, तो स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी आवाज उठा सकता है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर लिखा कि शशि थरूर ने मान लिया कि पीएम मोदी की वैश्विक सक्रियता और नेतृत्व भारत के लिए रणनीतिक लाभ है। थरूर ने राहुल गांधी को एक्सपोज कर दिया है।
शशि थरूर ने फिर की प्रधानमंत्री की तारीफ, कांग्रेस हुई असहज
अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए उनकी नियुक्ति की खबर के बाद से ही, कांग्रेस के कुछ नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। जबकि थरूर ने साफ-साफ कहा है कि देश किसी दल से ऊपर है और वे इस प्रतिनिधिमंडल में देश की बेहतरी के शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि शशि थरूर का प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक था, जिन्हें 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया था, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता के बारे में अवगत कराया जा सके। शशि थरूर ने शानदार तरीके से भारत का पक्ष रखा और आतंकवाद के आका पाकिस्तान को जमकर एक्सपोज किया। पाकिस्तान के आतंकवाद से घनिष्ठ संबंधों के बारे में भी बताया। थरूर ने आगे कहा कि प्रतिनिधिमंडलों ने दुनिया को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की नपी-तुली सैन्य कार्रवाई को समझाया। थरूर ने इन देशों के समक्ष मोदी सरकार के ऑपरेशन सिंदूर को भी बेहद सफल, शानदार, कूटनीतिक और रणनीतिक कदम बताया।पीएम के आतंकवाद के खिलाफ कदमों की पनामा में भी प्रशंसा
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने एक बार फिर से पार्टी को असहज करने वाला बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पनामा में आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए पीएम मोदी और भारत सरकार के कदमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का एक प्राइम एसेट बताया है। थरूर ने पीएम की ऊर्जा, गतिशीलता और दूसरे देशों के साथ जुड़ने की उनकी इच्छा को लेकर और अधिक समर्थन दिए जाने की अपील की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पिछले महीने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और तीन अन्य देशों में सत्तारूढ़ भाजपा के आतंकवाद विरोधी कूटनीतिक अभियान का नेतृत्व किया था। वे विदेशों में भेजे गए सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे थे।
अमेरिकियों ने पाकिस्तान को याद दिलाया होगा कि वह अपनी धरती से आतंकवादियों को हमारे देश में भेजने, उन्हें मार्गदर्शन देने, प्रशिक्षण देने, हथियार देने, वित्तपोषित करने, उपकरण देने और भेजने में सक्षम नहीं है… अमेरिका में लोग ओसामा प्रकरण को इतनी जल्दी नहीं भूल सकते हैं
सांसद शशि… pic.twitter.com/joiugIgv9y— #TharoorSoulOfIndia 🇮🇳 جمیل (@jameelsjam) June 19, 2025
अमेरिका में हमारे तर्कों ने भारत की स्थिति को मजबूत किया
कांग्रेस सांसद थरूर ने विशेष रूप से अमेरिका में भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों के एक साथ पहुंचने का भी जिक्र किया और कहा, “जबकि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी वहां मौजूद था, हमने पाया कि अमेरिकी प्रतिनिधि, हमारी चिंताओं को दोहरा रहे थे और आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समर्थन कर रहे थे। तथ्यों और लगातार वकालत पर आधारित हमारे तर्क भारत की स्थिति को और मजबूत कर रहे थे।” उन्होंने इस आउटरीच को सफल बताते हुए लिखा, “हमने लगातार देश की सीमापार से खतरे की गंभीरता को उजागर किया, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए वैश्विक सहमति बनाना था।”
भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों पर हमारा फोकस
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, नरेन्द्र मोदी सरकार के रुख का समर्थन करने के कारण शशि थरूर अपनी ही कुछ पार्टी सहयोगियों के निशाने पर हैं। तिरुवनंतपुरम से सांसद चुने जाने के बाद से ही उनकी और पार्टी के बीच मतभेद बढ़े हैं, दोनों के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर असहमति है, जिसमें पीएम मोदी को लेकर लगातार तारीफ के शब्द भी शामिल हैं। पूर्व कांग्रेस सांसद उदित राज ने थरूर पर इसे लेकर निशान साधा था, जबकि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के तहत विदेश दौरे पर गये थरूर ने कहा था कि भारत ने पहली बार 2015 में कार्रवाई के लिए नियंत्रण रेखा पार की थी। शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के न्योते को स्वीकार करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए स्पष्ट किया कि जब वह संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने थे, तब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका ध्यान भारत की विदेश नीति एवं उसके राष्ट्रीय हित पर है, न कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विदेश नीति पर है।
शशि थरूर की सोच ने राहुल गांधी को बेनकाब किया- भाजपा
इस बीच द हिंदू में प्रकाशित उनके लेख के बाद कांग्रेस सदमे में है। थरूर ने लिखा है कि वैश्विक मंच पर पीएम मोदी भारत के लिए “एक प्रमुख संपत्ति” है और इसे और अधिक समर्थन मिलना चाहिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस केंद्र सरकार पर उसकी विदेश नीति को लेकर हमला कर रही है। लेख में थरूर द्वारा कुछ मुद्दों पर अपनी पार्टी कांग्रेस से अलग रास्ता अपनाने और उसमें मतभेदों को भी उजागर किया गया है। थरूर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “शशि थरूर ने माना है कि पीएम मोदी की गतिशीलता और वैश्विक पहुंच भारत के लिए रणनीतिक लाभ है। शशि थरूर ने राहुल गांधी को बेनकाब किया है।”
ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का अद्भुत क्षण
अपने लेख में श्री थरूर ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनयिक पहुंच राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का क्षण था। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छाशक्ति वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन इसे और अधिक समर्थन की आवश्यकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कूटनीतिक पहुंच राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संचार का एक क्षण था। इसने पुष्टि की कि भारत, जब एकजुट होता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी बात रख सकता है।” दूसरी ओर हाल ही में, शशि थरूर ने पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मतभेदों को स्वीकार किया, हालांकि इसे उन्होंने सामान्य वैचारिक असहमति बताया।
Lok Sabha MP and former Union Minister Dr. @shashitharoor writes- Lessons from Operation Sindoor’s global outreach.https://t.co/bROpQsdtsP
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— PMO India (@PMOIndia) June 23, 2025
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी शशि थरूर के लेख को किया शेयर
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के लेख को शेयर किया। लेख को शेयर करते हुए लिखा- “लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर लिखते हैं – ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच से सबक।” वहीं भाजपा ने थरूर के लेख को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि यह राहुल गांधी के रुख के विपरीत है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से भारत को होने वाले लाभ को मान्यता दिए जाने के बारे में एक्स पर पोस्ट किया। थरूर ने अपने लेख में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक पहल की सराहना की, जिसे उन्होंने ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद’ का उदाहरण बताया। थरूर ने इसे एकजुट भारत की ताकत का शानदार प्रतीक भी बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस अभियान के जरिए न केवल सैन्य दृढ़ता दिखाई, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी अपनी बात प्रभावी ढंग से रखी है।