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आतंकियों के पास इतना समय नहीं कि धर्म पूछकर मारे: देखिए पहलगाम हमले पर राहुल के करीबी कांग्रेसी नेताओं के बयान

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फोटो सोशल मीडिया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में आक्रोश का माहौल है। यहां इस्लामी आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों के चुन-चुनकर मारा। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाए कि वो हमेशा याद रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ-साफ कहा है कि ‘हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।’ लेकिन मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस के कुछ नेता पाकिस्‍तान सरकार की भाषा बोल रहे हैं। राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता पाकिस्‍तान के बचाव में उतर आए हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कर्नाटक के कांग्रेस मंत्री आरबी तिम्मापुर, हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मंत्री चंद्र कुमार, कांग्रेस के सीनियर लीडर बीके हरिप्रसाद, मणिशंकर अय्यर के बाद अब महाराष्ट्र से कांग्रेसी विधायक विजय वडेट्टीवार ने अपने बयानों से पाकिस्तान का पक्ष लिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के करीबी महाराष्ट्र के विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आखिर आतंकियों के पास इतना समय ही कहां होता है कि वे किसी के कान में जाकर पूछें कि तुम्हारा धर्म क्या है। टेररिस्ट को पूछने का समय होता है क्या?

 

इस्लामी आंतकियों का पक्ष लेने वालों में वे अकेले नहीं हैं। कांग्रेस के कई नेता पाक आतंकियों के प्रति हमदर्दी जता चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया में वाहवाही पाने वाले कांग्रेसी नेताओं में कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर भी शामिल हैं। तिम्मापुर ने यह जोर देकर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने लोगों पर गोली चलाने से पहले धर्म नहीं पूछा होगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। वह वहां खड़ा होकर ये नहीं पूछेगा और फिर गोली चलाएगा।

इसके पहले कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कड़े सुरक्षा उपाय तुरंत किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। सिद्धारमैया के इस बयान को पाकिस्‍तानी चैनलों और अखबारों ने तुरंत लपक लिया और इसे भारत के भीतर से युद्ध के खिलाफ आवाज बताया।

कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद भी हमले पर राजनीति करने से बाज नहीं आए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर उन्होंने लिखा कि ‘कोई यह नहीं समझ सका कि पीएम मोदी सऊदी अरब से वापस क्‍यों लौटे? वह जम्‍मू-कश्‍मीर नहीं गए। उन्‍होंने ऑल पार्टी मीटिंग में भी हिस्‍सा नहीं लिया। हमले के बाद उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस भी नहीं किया। वह घायल पीड़ितों से मिलने भी नहीं गए। जिन्‍होंने अपने परिजनों को खोया, उनसे भी उन्‍होंने मुलाकात नहीं की। क्‍या वह केवल बिहार में चुनाव रैली करने के लिए वापस लौटे थे? क्‍या राष्‍ट्रीय शोक से राजनीति ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है?

इतना ही नहीं राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी मणिशंकर अय्यर ने आतंकी हमले के बाद भारत के सिंधु जल संधि निलंबित करने के फैसले पर कहा कि आप ऐसे कैसे पानी रोक सकते हो।

मणिशंकर अय्यर ने इसके बाद एक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम की घटना ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ को दर्शाती है। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘बहुत से लोगों ने विभाजन को रोकने की कोशिश की, लेकिन यह इसलिए हुआ क्योंकि गांधी और पंडित नेहरू जैसे लोगों और जिन्ना और कई अन्य मुसलमानों के बीच भारत की राष्ट्रवाद की प्रकृति और इसकी सभ्यता की विरासत के बारे में मूल्यों और आकलन में अंतर था, जो जिन्ना से सहमत नहीं थे। मणिशंकर अय्यर ने यह भी कहा कि आज के भारत में, क्या एक मुसलमानों को लगता है कि उन्हें स्वीकार किया जाता है? क्या एक मुसलमान को लगता है कि उसे प्यारा माना जाता है?क्या एक मुसलमान को लगता है कि उसका सम्मान किया जाता है?

पहलगाम हमले के बाद देश पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी सरकार के मंत्री चंद्र कुमार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त पूरा विश्व हम पर थूक रहा है कि हमारे देश में कैसी सुरक्षा व्यवस्था है? पानी और बिजली रोककर किसी से बदला थोड़ी लिया जाता है।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख तारिक अहमद कर्रा ने तो यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान को और बर्बाद नहीं करना चाहिए, सबको शांति से बैठकर बातचीत करनी चाहिए।

हमले को लेकर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा है कि यह हमला प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक संदेश है, क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के पति ने आगे कहा कि यही कारण है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा। वाड्रा ने यह भी कहा कि यह सरकार हमेशा हिंदुत्व की बात करती है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को परेशानी होती है। इसके साथ ही वाड्रा यह कहना नहीं भूले कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।

इस सब को लेकर आज सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेता निशाने पर बने हुए हैं। लोग सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं। आप भी देखिए लोग कांग्रेस को लेकर क्या कह रहे हैं…

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