प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के तहत हुए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के साथ-साथ उसके दोस्त चीन की भी पोल खोलकर रख दी है। पाकिस्तान के षड्यंत्रकारी मंसूबों में साथ देने वाले देश के गद्दार ‘जासूस’ तो अब जगह-जगह एक्सपोज हो ही रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले ऑपरेशन सिंदूर में चीन का कुटिल चेहरा भी उजागर हो गया है। अब यह खुलकर सामने आया है कि संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की मदद के बहाने चीन भी भारत के साथ परोक्ष युद्ध कर रहा था। पाकिस्तान हमलों के लिए जासूसी करा रहा था और उधर चीन ने भी पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी की थी। उसने पाकिस्तान को सैन्य मदद मुहैया कराने के साथ पाकिस्तानी सेना को सैटेलाइट सपोर्ट भी दिया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ (सीजेडब्ल्यूएस)के हवाले से यह खुलासा किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान का पलड़ा भारी करने के लिए पूरा जोर लगा दिया, लेकिन भारतीय सेना के जांबाज शौर्य और पराक्रम के आगे इन दोनों षड्यंत्रकारियों की जुगलबंदी टिक नहीं पाई।
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में चीन की भूमिका पर गंभीर सवाल
भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ (सीजेडब्ल्यूएस) की ताजा रिपोर्ट से चीन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान को भारत की सैन्य तैनाती की निगरानी के लिए उसके एयर डिफेंस और रडार सिस्टम को नए सिरे से व्यवस्थित करने में मदद की। इसके अलावा उसने पाकिस्तान की उपग्रह निगरानी प्रणाली को भारत पर बेहतर फोकस करने में भी मदद की। सीजेडब्ल्यूएस के महानिदेशक मेजर जनरल (रिटायर्ड) अशोक कुमार के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान की रडार तैनाती इस तरह करवाई कि अगर हम कोई हवाई कार्रवाई हो तो पाकिस्तान को उसकी जानकारी पहले से हो जाए। सीजेडब्ल्यूएस के एडवाइजरी बोर्ड में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भारत की तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडर शामिल हैं।
पाकिस्तान के चीन को लेकर फेक दावे की पोल खुली
पाकिस्तान दावा करता रहा है कि उसने सिर्फ चीन से मिले हथियारों का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट में उसके दावों की पोल खोलते हुए बताया गया कि चीन ने पाकिस्तान को रणनीतिक, खुफिया और तकनीकी सहायता भी दी है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन ने इस संघर्ष को अपनी रक्षा प्रणालियों की ‘लाइव फायर टेस्टिंग’ के रूप में देखा। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि चीन ने खुद देखा कि उसके कई सिस्टम नाकारा साबित हुए। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का रक्षा नेटवर्क पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से रोकने में पूरी तरह सक्षम रहा।
दिल्ली पर दागी शाहीन मिसाइल भारत ने गिराई
यह भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने दिल्ली पर हमले के लिए शाहीन मिसाइल दागी थी। भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इसे हवा में ही मार गिराया। वह भी इतनी सावधानी से कि इसका मलबा तक जमीन पर नहीं गिरा। भारतीय सेना ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने शाहीन मिसाइल का भी इस्तेमाल किया था। शाहीन मिसाइल में वारहेड न्यूक्लियर नहीं था। पाकिस्तान ने पहली बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ किया। शाहीन मिसाइल को नूर खान एयरबेस से लॉन्च किया गया था। भारतीय सेना ने बाद में इस एयरबेस को टारगेट किया और पाकिस्तान के लॉन्चिंग सिस्टम को तबाह कर दिया। भारतीय सेना के वेस्टर्न कमांड ने पाकिस्तानी हमलों को नाकाम करने के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि पाकिस्तान की तरफ से दागी गई मिसाइलों को भारत ने कैसे हवा में तबाह कर दिया।अमृतसर का पवित्र स्वर्ण मंदिर भी था निशाने पर
मेजर जनरल कार्तिक शेषाद्रि ने यह खुलासा किया है कि पाकिस्तानी सेना ने पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के अलावा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर ड्रोन हमले की कोशिश की थी। लेकिन हमारी सेना ने इन सबको नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने धार्मिक स्थलों के साथ नागरिकों को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी। शेषाद्रि ने बताया कि पाकिस्तान ने 8 मई की सुबह अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़ और भुज पर ड्रोन के साथ लंबी दूरी की मिसाइलें दागी थीं। भारतीय सेना के आकाश मिसाइल सिस्टम और एल-70 डिफेंस गन ने सभी हमले नाकाम कर दिए।
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के पाक के खिलाफ अहम बिंदु
1 पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही थी, चीन ने पाकिस्तान को अपने उपग्रहों से मदद दी, ताकि भारत के हथियारों की तैनाती का पता चल सके।
2 चीन के सैटेलाइट सपोर्ट से पाकिस्तान को अपना एयर डिफेंस सिस्टम और रडार फिर से व्यवस्थित करने में मदद मिली। चीन ने पाकिस्तान को एयर डिफेंस सिस्टम भी दिया, ताकि भारत की हवाई कार्रवाई से बचा जा सके।
3 चीन ने कूटनीतिक समर्थन से आगे बढक़र पाकिस्तान को लॉजिस्टिक और खुफिया मदद के अलावा सैन्य मदद भी मुहैया कराई।
4 जिस तरह चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, उससे आशंका बढ़ गई है कि भविष्य में अगर भारत और चीन में संघर्ष होता है तो पाकिस्तान चीन के समर्थन में उतर सकता है।पाक की तरह ड्रैगन के भी नापाक मंसूबे खुलकर सामने आए
भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ (सीजेडब्ल्यूएस) की ताजा रिपोर्ट से चीन के नापाक मंसूबे खुलकर सामने आ गए हैं। अमरीका के साथ ट्रेड वॉर में भारत की मदद से सहयोग की गुहार लगा चुके चीन के ताजा कदम से साबित हो गया कि वह पाकिस्तान की तरह भारत को लेकर कड़वाहट से भरा हुआ है। इसीलिए उसने अपरोक्ष रूप से ही सही ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाया। हालांकि जिस तरह चीन के हथियार और दूसरी रक्षा प्रणालियां नाकाम हुई हैं, उससे पाक के साथ चीन की भी नींद उड़ी हुई है। आने वाले समय में चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ सामरिक रणनीति अपना सकते हैं। लेकिन इससे भी आगे चीन भारत की आर्थिक उन्नति में बाधा डालने के कदम उठा सकता है। अब भारत इसे ध्यान में रखते हुए नई रणनीति बना रहा है।
देश में पाकिस्तान के ‘जासूसी नेटवर्क’ पर लगातार करारा प्रहार
चीन की इस साजिशन जासूसी के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा जासूसी कराने के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही देश में पाकिस्तान के इस ‘जासूसी नेटवर्क’ पर करारा प्रहार निरंतर जारी हैं । देश में फैले ऐसे नेटवर्क पर लगातार कड़ी चोट की जा रही है और कड़ी से कड़ी जोड़कर जासूस पकड़े भी जा रहे हैं। अब तक जिन जासूसों के नाम सामने आए हैं, उनमें सबसे चौंकाने वाला नाम हरियाणा के हिसार से पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का है। यानी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ऐसी इंफ्लूएंसर को लालच देकर अपने साथ मिलाने की कोशिश में है। ताकि जांच एजेंसियों को ज्यादा शक ना हो। लेकिन ज्योति मल्होत्रा की वॉट्सऐप में ऐसी चैट मिली है जो जांच एंजेसियों को बहुत ज्यादा काम आने वाली है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ज्योति के सहयोग से भारत के रॉ एजेंट्स का पता लगाना चाहती थी। ज्योति और PAK खुफिया एजेंसी के अधिकारी अली हसन के बीच हुई चैटिंग के माध्यम से इस बात का खुलासा हुआ है।
यह ज्योति मल्होत्रा है यूट्यूब वर है
जासूसी के आरोप में इसे हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
विशेष समुदाय के लोगों को शुक्रगुजार करना चाहिए की विशेष समुदाय की जाति की नहीं निकली नहीं तो पूरे समुदाय को इसके जासूसी का कर्ज चुकाना पड़ता। pic.twitter.com/eazNlMBFD4— Uma Shankar Patel (@OBCUMASHANKAR) May 17, 2025
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाक की जासूसी में किया गिरफ्तार
वॉट्सऐप चैटिंग में अली हसन ने कोड वर्ड के जरिए ज्योति से पूछा था कि जब वो अटारी बॉर्डर गई थी, तो वहां उसे कोई मिला था क्या, जिसे ज्योति को कहीं एंट्री दिलानी है। ज्योति के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की भी एंट्री हो गई है और वह उसे चंडीगढ़ ले गई। यहां उससे पूछताछ हुई और NIA को शक है कि उसने ISI के साथ सीक्रेट इन्फॉर्मेशन शेयर की है। अली हसन वह व्यक्ति है, जिसने ज्योति के पाकिस्तान जाने पर उसके लिए हर प्रकार की सहायत उपलब्ध करवाई। केंद्रीय एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वह वीजा के लिए PAK दूतावास गई तो दानिश ने अली का नंबर दिया और उससे बातचीत करने लगी। पहली बार पाकिस्तान गई तो दानिश ने उसे अली से मिलने को कहा। पाकिस्तान में ज्योति को पुलिस सिक्योरिटी दी गई जो हैरानी की बात है। जिस फाइव स्टार होटल में वह रुकी, उसका वीडियो भी अपलोड किया है।पाक दूतावास के जुड़ा है कई जासूसों का कनेक्शन
PAK खुफिया एजेंसी के अली हसन ने ही उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से मिलवाया। भारत लौटने के बाद उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए काम करना शुरू कर दिया। वह वॉट्सऐप, स्नैपचैट, टेलीग्राम समेत दूसरे माध्यमों के जरिए उन्हें खुफिया जानकारियां भेज रही थी। पाकिस्तानी दूतावास के अफसर दानिश और यूट्यूबर ज्योति तक पहुंचने के पीछे एजेंसियों को बड़ी जानकारी मिली। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सभी एजेंसियां पूरे देश में एक्टिव हैं और इसी दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर पंजाब के मलेरकोटला से पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में गजाला खातून को पकड़ा। गजाला को दानिश पैसे भेज रहा था। इसके बदले में दानिश खुफिया सूचनाएं लेने लगा। गजाला ने बताया कि मालेरकोटला में दानिश का एक सोर्स यामीन मोहम्मद है और वह भी खुफिया इन्फॉर्मेशन देता है। पुलिस ने यामीन मोहम्मद को पकड़ लिया। इनसे दानिश के दूसरे राज्यों में सोर्स के बारे में पूछताछ की गई जिसमें बड़ा खुलासा हुआ। केंद्रीय एजेंसियों ने दानिश को ट्रैक करना शुरू कर दिया तो ज्योति भी दानिश से बात करती हुई मिली। इससे वह एजेंसियों की नजरों में आ गई। NIA को इस बात की जानकार मिली है कि ज्योति भी हमले से पहले कश्मीर गई थी। जहां उसने ISI के टारगेट पर रहने वाली जगहों पर जाकर वीडियो भी बनाए थे।
मोदी सरकार और खुफिया एजेंसियां देश में पाकिस्तान के लिए ‘जासूसी’ करने वालों पर लगातार शिकंजा कस रही हैं। पिछले कुछ समय में पाक के नेटवर्क बने इन जासूसों को पकड़ा है….
ये है हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा जो पाकिस्तान के लिए जासूसी मामले में गिरफ्तार हुई है।
ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी और सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेजती थी!
देश को ऐसे गद्दारों से खतरा है!😎 pic.twitter.com/7e6LUGAVqK
— deepak (@budhwardee) May 18, 2025
1. ज्योति मल्होत्रा – हरियाणा की हिसार निवासी यूट्यूबर। 17 मई को गिरफ्तार हुई। उस पर पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है। उसने अपने पाकिस्तानी हैंडलरों के नाम ‘जट्ट रंधावा’ जैसे छद्म नामों से सेव किए थे। वह जासूसी से मिले पैसों से बहुत लग्जरी लाइफ जीती थी। ज्योति ने कई बार पाकिस्तान की यात्रा की और वहां से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के खिलाफ जासूसी गतिविधियाँ संचालित कीं। उसके चीन कनेक्शन की भी जांच हो रही है।
2. अहमद रजा उर्फ शाहरुख – मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी। उस पर ISI के लिए स्थानीय नेटवर्क संचालित करने का आरोप है।
3. भवानी सिंह – राजस्थान के बीकानेर में रेलवे कर्मचारी। फरवरी 2025 में एक पाकिस्तानी महिला द्वारा हनीट्रैप में फंसाकर संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ।
4. वी.लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और अभिलाष पी.ए. – कर्नाटक और केरल के नौसेना ठिकानों पर ठेकेदार के रूप में कार्यरत। फरवरी 2025 में ISI के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार हुए।
5. आमान सलीम शेख – मुंबई निवासी। फरवरी 2025 में ISI के लिए सिम कार्ड सक्रिय करने और अन्य सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार हुए।
6. नुरुद्दीन उर्फ रफी – मैसूर, कर्नाटक निवासी। फरवरी 2025 में ISI के साथ संपर्क में रहने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार।
7. शहजाद वहाब – रामपुर, उत्तर प्रदेश निवासी। शहजाद वहाब रामपुर का एक व्यापारी है, जो मसालों के व्यापार की आड़ में जासूसी गतिविधियों में लिप्त था। इसने पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करते हुए संवेदनशील जानकारी साझा की और “ऑपरेशन सिंदूर” से संबंधित गोपनीय दस्तावेज़ पाकिस्तान भेजे। शहजाद ने कई बार पाकिस्तान की यात्रा की और वहां से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के खिलाफ जासूसी गतिविधियाँ संचालित कीं।