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मोदी सरकार का बड़ा फैसला: उज्ज्वला लाभार्थियों को 300 रुपये सस्ता सिलेंडर देने के लिए ₹12,000 करोड़ की सब्सिडी मंजूर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 8 अगस्त को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में घरेलू रसोई गैस से जुड़े दो अहम फैसले लिए गए हैं। पहला, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY-पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को 2025-26 तक 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी जारी रखने का फैसला किया गया है। दूसरा, घरेलू एलपीजी पर हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी तेल विपणन कंपनियों -आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल को 30,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मंजूर की गई है।

उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए सब्सिडी जारी रहेगी
कैबिनेट के निर्णय के तहत पीएमयूवाई के तहत जुड़े उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2025-26 में प्रति वर्ष अधिकतम 9 रिफिल पर 300 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की सब्सिडी दी जाएगी। इस पर कुल अनुमानित खर्च 12,000 करोड़ रुपये का आएगा।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मई 2016 में शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाते हैं। 1 जुलाई 2025 तक देश में 10.33 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उज्ज्वला 2.0 के तहत अब लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी मुफ्त दिया जाता है।

फाइल फोटो

मोदी सरकार ने मई 2022 में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी शुरू की थी। इसे अक्टूबर 2023 में बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया। इसके चलते एलपीजी की खपत में भी सुधार हुआ है। 2019-20 में औसतन 3 रिफिल की तुलना में 2024-25 में यह बढ़कर 4.47 रिफिल प्रति उपभोक्ता हो गई है।

तेल कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज
कैबिनेट ने घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल को 30,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि देने का फैसला भी किया है। यह राशि बारह किस्तों में दी जाएगी और वितरण का कार्य पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।

एलपीजी की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 2024-25 के दौरान ऊंचे स्तर पर बनी रहीं और आगे भी इनके ऊंचे रहने की आशंका है। बावजूद इसके, उपभोक्ताओं को बढ़ती लागत का भार नहीं उठाना पड़ा, जिससे तीनों तेल कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा। यह राहत पैकेज कंपनियों को कच्चा तेल और एलपीजी खरीदने, कर्ज चुकाने और जरूरी पूंजीगत व्यय को बनाए रखने में मदद करेगा।

इन दोनों फैसलों से यह साफ होता है कि सरकार एक ओर तो आम उपभोक्ताओं को महंगे ईंधन से राहत देना चाहती है, वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिरता को भी बनाए रखने के लिए गंभीर है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर स्वच्छ और सुरक्षित रसोई ईंधन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। यह पहल भारत की ऊर्जा सुरक्षा, उपभोक्ता कल्याण और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।

 

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