प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 25 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में फिजी के प्रधानमंत्री सित्वेनी रम्बुका के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों की नई तस्वीर पेश की। इस दौरान कई अहम समझौते हुए और भविष्य के लिए बड़े विजन साझा किए गए। प्रेस वक्तव्य में भारत–फिजी सहयोग की गहराई, साझा विरासत और साझे भविष्य पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी में भारतीय मूल के लोगों के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए बताया कि उन्नीसवीं सदी में भारत से गए 60,000 से अधिक गिरमिटिया मजदूरों ने फिजी की समृद्धि में अहम भूमिका निभाई। फिजी सरकार द्वारा ‘गिरमिट डे’ की घोषणा को उन्होंने दोनों देशों की साझा विरासत का सम्मान बताया।
दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े फैसले लिए गए। भारत द्वारा फिजी की राजधानी सुवा में 100-बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जाएगा। इसके साथ ही डायलिसिस यूनिट्स, सी एम्बुलेंस और जन औषधि केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं आम लोगों तक पहुंच सकें। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत फिजी में ‘जयपुर फुट’ कैंप का आयोजन करेगा ताकि विकलांग लोगों को सहायता मिल सके।
कृषि के क्षेत्र में भारत द्वारा भेजे गए लोबिया बीज फिजी की मिट्टी में अच्छे से फल-फूल रहे हैं। अब भारत 12 एग्री-ड्रोन और 2 मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैब भी फिजी को उपहार स्वरूप देगा। इसके साथ ही दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया है। भारत फिजी की नेवी और सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध कराएगा। साइबर सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन में भी सहयोग की सहमति बनी है।
पीएम मोदी ने बताया कि भारत फिजी यूनिवर्सिटी में हिंदी और संस्कृत पढ़ाने के लिए शिक्षक भेजेगा, और फिजी के पंडित भारत आकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। साथ ही, भारत और फिजी के बीच खेलों के जरिए भी संबंध मजबूत हो रहे हैं। भारतीय कोच अब फिजी की क्रिकेट टीम को ट्रेन करेंगे। फिजी की सबसे बड़ी चिंता Climate Change पर भी भारत ने सहयोग का वादा किया। भारत और फिजी पहले से ही इंटरनेशनल सोलर अलायन्स, CDRI और ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायन्स में मिलकर काम कर रहे हैं। अब भारत डिजास्टर रेस्पॉन्स की दिशा में भी फिजी की क्षमताएं बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फिजी को भारत ‘Pacific Island हब’ के रूप में देखता है। उन्होंने प्रधानमंत्री रम्बुका की “Oceans of Peace” पहल की सराहना की और फिजी के Indo-Pacific Ocean Initiative से जुड़ने का स्वागत किया।
भारत और फिजी दोनों ग्लोबल साउथ के विकास और सम्मान की साझी सोच रखते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “हम मानते हैं कि कोई भी आवाज अनसुनी न हो और कोई भी देश पीछे न छूटे।”