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मुद्रा योजना के 10 साल: बांटे गए 33 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से ज्यादा लोन, योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला- PM

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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के आज, 8 अप्रैल को 10 साल हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर इसकी सराहना की है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि ‘आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर जश्न मना रहे हैं, मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं, जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में, मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है, ऐसे लोगों को सशक्त बनाया है, जिन्हें पहले वित्तीय सहायता से आगे बढ़ने के लिए नजरअंदाज किया गया था। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!’

उन्होंने कहा कि ‘यह विशेष रूप से उत्साहजनक है कि मुद्रा लाभार्थियों में से आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों से हैं, और 70% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। प्रत्येक मुद्रा ऋण अपने साथ सम्मान, आत्म-सम्मान और अवसर लेकर आता है। वित्तीय समावेशन के अलावा, इस योजना ने सामाजिक समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है। आने वाले समय में, हमारी सरकार एक मजबूत इकोसिस्टम पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, जहां हर महत्वाकांक्षी उद्यमी को ऋण तक पहुंच हो, जिससे उसे आत्मविश्वास और आगे बढ़ने का मौका मिले।’

योजना ने करोड़ों लोगों की बदली जिंदगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना की शुरुआत की गई थी। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वित्तीय सहायता देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण बड़े स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है। इस योजना ने अल्प समय में ही कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं। पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है। इसके जरिए 32.61 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन दिए हैं। इसमें से करीब 70 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों को दिए गए हैं।

सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े समूहों तक पहुंच
मुद्रा योजना ने पारंपरिक ऋण बाधाओं को तोड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत मुद्रा खाते अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों के पास हैं। इसके अलावा, मुद्रा ऋण लेने वालों में से 11 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों से हैं, जो हाशिए पर पड़े समुदायों को सक्षम बनाकर समावेशी विकास में योजना के योगदान को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत औसतन हर 5 मिनट में 32 करोड़ के लोन दिए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में वित्तीय पहुंच बढ़ाने और समावेशी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के प्रभाव को लगातार स्वीकार किया है। आईएमएफ ने 2017 में कहा कि यह योजना महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को वित्त तक पहुंच प्रदान करने में सहायक रही है। 2019 में, आईएमएफ ने कहा कि माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी के तहत यह योजना विनिर्माण, व्यापार और सेवाओं में लगे व्यवसायों को ऋण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपनी 2024 की रिपोर्ट में, आईएमएफ ने एक बार फिर मुद्रा योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से उद्यमिता के लिए भारत का सक्षम नीतिगत वातावरण, स्वरोजगार बढ़ाने में सक्रिय योगदान दे रहा है।

कारोबार के लिए अब 20 लाख रुपये तक कर्ज
मोदी सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना के अंतर्गत ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया। नई तरुण प्लस श्रेणी उन उद्यमियों को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान करेगी, जिन्होंने अपने पिछले तरुण ऋण चुका दिए हैं। इस योजना के तहत 20 लाख रुपये तक के ऋण को अब माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड के तहत कवर किया जाएगा, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए वित्तपोषण तक पहुंच आसान हो जाएगी। इसके पहले पीएमएमवाई के के तहत, लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यम क विकास / विकास और वित्तपोषण की जरूरतों के स्तर को दर्शाते हुए ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ के लिए तीन श्रेणी में बांटा गया था। शिशु के तहत 50 हजार, किशोर में 50 हजार से पांच लाख तक और तरुण में पांच लाख से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। अब आप नई तरुण प्लस श्रेणी 20 लाख तक के लोन ले सकते हैं। मुद्रा योजना की सफलता छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।

स्वरोजगार को मिल रहा बढ़ावा
मुद्रा योजना से देश में स्वरोजगार को बढ़ावा मिला है। इस योजना ने अल्प समय में ही कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। मोदी सरकार ने इस योजना ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाया है। मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 52 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को पीएम मुद्रा लोन दिए जा चुके हैं। इस योजना के लाभार्थियों में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।

जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
कई लोगों के पास हुनर तो है, लेकिन पूंजी की कमी की वजह से अपने हुनर का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देने और उनके हाथों को काम देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की थी। मोदी सरकार की मुद्रा योजना के जरिए छोटे व्यापारियों और युवाओं को बिना बैंक गारंटी के लोन उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी की मुद्रा योजना से देश में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है और ऐसे लोगों को अपने व्यवसाय के लिए लोन मिला है, जिनकी बैंकों में कोई पहुंच नहीं है। मुद्रा योजना से न सिर्फ स्वरोजगार के मौके मिले हैं बल्कि इसने जॉब मल्टिप्लायर का काम काम किया है, औरों को भी रोजगार का अवसर दिया है।

छोटे कारोबारियों को साहूकारों से मिली मुक्ति
मुद्रा योजना शुरू होने से पहले ऊंची पहुंच वालों को तो लोन आसानी से मिल जाया करते थे, लेकिन छोटे कारोबारियों को साहूकारों के चक्कर लगाने पड़ते थे। साहूकारों का ब्याज देने के चक्कर में उनकी पूरी जिंदगी ब्याज के कर्ज में डूब जाती थी। मुद्रा योजना ने उद्यमियों को ब्याजखोर लोगों से बचाया है। मोदी सरकार मुद्रा योजना से उद्यमियों के सपनों को साकार कर रही है। केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की है।

मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिलना हुआ आसान
मुद्रा योजना से पहले तक छोटे कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से कर्ज लेने में काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं। कर्ज लेने के लिए गारंटी भी देनी पड़ती थी। इस वजह से कई लोग कारोबार तो शुरू करना चाहते थे, लेकिन बैंक से कर्ज लेने से कतराते थे। अब मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का कर्ज मिलता है। इसके अलावा कर्ज के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में कर्ज चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

रोजगार के बड़े अवसर पैदा कर रही है मुद्रा योजना
छोटे व्यापारी आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में असमर्थ थे, उनके लिए मुद्रा योजना वरदान साबित हुआ है। व्यापार को बढ़ावा देने के साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। दर्जी, मैकेनिक, टैक्सी चलाने वाले, ऑटो चलाने वाले, बुनकर… सभी को आसानी से लोन मिल जा रहा है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है। सही मायनों में यह योजना प्रधानमंत्री मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास का सटीक उदाहरण है।

PMMY का ऐसे उठा सकते हैं फायदा
मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना होगा। बैंक का ब्रांच मैनेजर आपसे कामकाज से बारे में जानकारी लेता है। उस आधार पर आपको PMMY लोन मंजूर करता है।

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