विपक्ष द्वारा देशभर में चलाया जा रहा ‘वोट चोरी’ अभियान अब सवालों के घेरे में है। जिस आंदोलन को लोकतंत्र की रक्षा का नाम देकर प्रचारित किया गया, अब वह खुद ही झूठ और भ्रामक प्रचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर पर उसे चुनावी धांधली का पुख्ता सबूत बताया, लेकिन उस वीडियो की सच्चाई सामने आते ही अब खुद उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि बीजेपी समर्थित व्यक्ति एक ही मतदान केंद्र पर बार-बार वोट डाल रहा है। उन्होंने इसे चुनाव आयोग की मिलीभगत का प्रतीक बताया और मुख्य चुनाव आयुक्त से जवाब मांगते हुए इसे एक जीता-जागता एफिडेविट करार दिया।
चुनाव आयोग को चुनौती देता एक भाजपाई का ये वीडियो चुनावी धांधली करनेवालों द्वारा दिया गया, एक जीता जागता एफ़िडेविट है, CEC इसका जवाब तो दे। pic.twitter.com/hV8Ror0gRJ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 17, 2025
अखिलेश यादव ने इस वीडियो से चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही इस वीडियो की हकीकत सामने आई, अखिलेश यादव का पूरा नैरेटिव झूठ और सियासी ड्रामा साबित हुआ। इस वीडियो की वास्तविकता सामने आते ही यह बात साफ हो गई कि यह पूरी कवायद लोकतंत्र और चुनाव आयोग को बदनाम करने के लिए सिर्फ एक सुनियोजित राजनीतिक हमला था।
दिनांक 19.05.2024 को मामले की जानकारी मिलने पर उसी दिन त्वरित एवं कड़ी कार्यवाही कर दी गई थी ।https://t.co/qW2Ecqtze4 https://t.co/EYyqEQlJfB
— CEO UP (@ceoup) August 20, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO UP) ने विपक्ष के ‘वोट चोरी’ अभियान की नींव ही हिला दी। ये वीडियो करीब साल भर पहले 13 मई 2024 का एटा जिले के खिरिया पमारान मतदान केंद्र का था। वीडियो में दिखने वाला युवक 18 वर्ष से कम आयु का नाबालिग था, जिसका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं था। वह स्वयं मतदान नहीं कर रहा था, बल्कि अशक्त व वृद्ध मतदाताओं की मदद कर रहा था। वीडियो को इस तरह एडिट किया गया कि यह प्रतीत हो कि वह बार-बार अकेले वोट डाल रहा है। चुनाव आयोग ने उसी समय तत्काल कार्रवाई करते हुए मतदान कर्मियों को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं एफआईआर दर्ज करते हुए उसी समय 25 मई 2024 को पुनर्मतदान भी करा दिया था।
विपक्ष का यह अभियान एक राजनीतिक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश है, न कि सच्चाई के लिए लड़ाई। हर चुनाव में हार के बाद विपक्ष ईवीएम, सुरक्षा बल, चुनाव आयोग और यहां तक कि मतदाताओं की नीयत तक पर सवाल उठाता है, लेकिन सबूतों के नाम पर सिर्फ काट-छांट किए गए वीडियो और भड़काऊ बयान मिलते हैं। वोट चोरी की जगह अब “सच छुपाओ, भ्रम फैलाओ” अभियान चल रहा है। और इसका सबसे ताजा उदाहरण बना अखिलेश यादव का फर्जी वीडियो कांड।
संदर्भित वीडियो लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के 40-फर्रूखाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित 103-अलीगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (जनपद एटा) के मतदेय स्थल (Polling Station) संख्या 343-प्राथमिक पाठशाला खिरिया पमारान में दिनांक 13.05.2024 को हुए… https://t.co/EYyqEQmh59
— CEO UP (@ceoup) August 20, 2025
वोट चोरी प्रकरण में सीएसडीएस के संजय कुमार की ओर से गलत डेटा को लेकर माफी मांगने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा में वोटर लिस्ट से नाम काटने के फर्जी दावे के बाद अखिलेश यादव के इस एडिटेड वीडियो से विपक्ष की किरकिरी हो रही है। इसने विपक्ष की ओर से हाल ही में शुरू किए गए वोट चोरी अभियान पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। विपक्ष एक ओर यह दावा कर रहा है कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर बड़े स्तर पर वोट चोरी करवा रहे हैं, जबकि विपक्ष जब कोई तथाकथित सबूत सामने लाता है वो एडिटेड, भ्रामक और फर्जी निकलता है।
खुल गई पोल, फट गई ढोल- राहुल गांधी झूठ मत बोल।
जिस आंकड़े के आधार पर राहुल गांधी ने अपना पूरा का पूरा फर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस SIR के ख़िलाफ़ किया था, वह आंकड़ा देने वाली एजेंसी ने ही उसे अपनी गलती मानकर डिलीट कर दिया है।
एजेंसी CSDS के हेड ने तो माफ़ी माँग कर पोस्ट डिलीट कर दी,… pic.twitter.com/0DwlNcEeDM
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) August 19, 2025
कांग्रेस का फर्जी प्रोपेगेंडा एक दिन भी नहीं टिक पाया! pic.twitter.com/QgBXNjfzAW
— Political Kida (@PoliticalKida) August 19, 2025
राहुल गांधी का एक और झूठ हुआ बेनकाब,
अब बिहार देगा कांग्रेस को करारा जवाब। pic.twitter.com/ntGdeiYoDT— BJP (@BJP4India) August 20, 2025
अखिलेश के दावे झूठे निकले ! 🚳
18000 एफिडेविट पर EC का फैक्ट चेक! बाराबंकी, जौनपुर, कासगंज पर EC की रिपोर्ट में दावे झूठे।
वोट चोरी के झूठे दावे एक्सपोज़ हो रहे हैं?
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) August 20, 2025
वोट चोरी का नाम, संत परंपरा को किया बदनाम ?
कांग्रेस के झूठ की पोल खोल ?#DeshNahiJhukneDenge | @AmanChopra_ pic.twitter.com/7lvULcFjPi— News18 India (@News18India) August 14, 2025
🚨Worst time for Congress IT Cell
Congress spent huge on Rahul Gandhi’s Vote Chori campaign but it Flopped Badly.
Two of its Biggest propaganda peddlers of Vote Chori campaign
– Kavya Karnatac is apologising with folded hands for making Fake Video
– Sanjay Kumar of CSDS is… pic.twitter.com/2cKKpjPuA3
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 20, 2025
चुनाव आयोग की साख और पारदर्शिता पर हमला करना अब कुछ विपक्षी दलों की रणनीति बन गई है। लेकिन लोकतंत्र सिर्फ चुनाव लड़ने का नहीं, परिणाम स्वीकारने का भी नाम है। अगर हर हार के बाद ‘चोरी हुआ वोट’ का नारा लगाने लगें, तो लोकतंत्र नहीं, अराजकता जन्म लेती है। राहुल गांधी का वोट चोरी प्रजेंटेशन और अखिलेश यादव द्वारा फैलाया गया वीडियो झूठ सिर्फ एक वायरल क्लिप नहीं था, वह उस बड़े नैरेटिव का हिस्सा था जिसमें विपक्ष जानबूझकर चुनावी संस्थाओं की छवि बिगाड़कर जनता की आस्था को डगमगाने की कोशिश कर रहा है।