बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में गजब का घमासान मचा है। पार्टी के सांसद आपस में एक-दूसरे से जंग कर रहे हैं। हालात यह हैं कि ममता बनर्जी अपनी ही सांसद को निलंबित करने की धमकियां देने में लगी हैं। दूसरी ओर खुद ममता बनर्जी शिक्षकों के भर्ती घोटाले में गले तक फंसी हुई हैं। पश्चिम बंगाल सरकार को कोर्ट की कई बार फटकार लगा चुकी है। लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा पिछले हफ्ते टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग से मिलने से पहले सहयोगी कल्याण बनर्जी के साथ झगड़े के बाद रोते हुए दिखीं थी। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इस मुद्दे पर सदन में पार्टी के चीफ व्हिप के पद से कल्याण बनर्जी को हटाने की ही मांग कर डाली। उन्होंने यह मांग तब कि जब कीर्ति आजाद सहित टीएमसी सांसदों के बीच तीखी बातचीत के कथित वीडियो और व्हाट्सएप चैट सामने आए। इन सभी ने कल्याण बनर्जी को संयम बरतने की सलाह दी थी। दरअसल, कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद से कहा था कि मैं दिल्ली से कोलकाता पहुंच गया हूं। बीएसएफ और दिल्ली पुलिस को भेजकर मुझे गिरफ्तार करवा लो।
Soon after the public spat between two TMC MPs in the precincts of the Election Commission of India on 4th April 2025, the irate MP continued slandering the ‘Versatile International Lady (VIL)’…
This is the stuff legends are made of! pic.twitter.com/dsubQrmQUj
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
टीएमसी के चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी और कीर्ति आजाद आपस में भिड़े
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही टीएमसी नेता आपस में ही टकराने लगे हैं। एक विवाद 4 अप्रैल को हुआ, जब टीएमसी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कथित डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्रों को लेकर चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उसके बाद संसद तक मार्च भी निकाला। पार्टी के चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी को एक ज्ञापन पर टीएमसी सांसदों के हस्ताक्षर करवाने का काम दिया गया था, जिसे चुनाव आयोग को सौंपना था। इस बीच टीएमसी के दो सांसद कल्याण बनर्जी और कीर्ति आजाद आपस में भिड़ गए। उनके बीच पहले चुनाव दफ्तर में कहासुनी हुई फिर उसके बाद व्हाट्सएप चैट पर जंग हुई। टीएमसी के सांसदों को ज्ञापन सौंपने चुनाव आयोग के दफ्तर जाना था। तय कार्यक्रम के मुताबिक टीएमसी सांसदों को पहले पार्टी दफ्तर पर जमा होना था फिर वहां से चुनाव आयोग मुख्यालय पहुंचना था। लेकिन एक सांसद संसद से सीधे चुनाव आयोग पहुंच गए। ये बात दूसरे सांसद को चुभ गई।
दोनों सांसदों के बीच व्हाट्सअप ग्रुप में कैसे हुई भिड़ंत
इस बहस की शुरुआत कल्याण बनर्जी के व्हाट्सएप चैट से हुई। कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद से कहा कि मैं दिल्ली से कोलकाता पहुंच गया हूं। बीएसएफ और दिल्ली पुलिस को भेजकर मुझे गिरफ्तार करवा लो। इसके बाद कल्याण बनर्जी ने इंटरनेशनल ग्रेट लेडी लिखा। इसके बाद कीर्ति आजाद ने कल्याण बनर्जी को जो जवाब दिया, उसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। कीर्ति आजाद ने कहा कि कल्याण बनर्जी तुमने ज्यादा ही पी ली है। जाओ और आराम से सो जाओ। कीर्ति आजाद ने कहा कि कल्याण बनर्जी बच्चों की तरह बर्ताव कर हैं। उनको सयानों की तरह बर्ताव करना चाहिए, क्योंकि ममता बनर्जी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कीर्ति आजाद ने यहां तक कह दिया कि मुझे उकसाओ मत। इसके बाद कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद को जवाब दिया। कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि कीर्ति आजाद को अंदरूनी राजनीति करने के कारण पार्टी से निकाला गया था। उन्होंने यहां तक कहा कि कीर्ति इतने पॉपुलर हैं कि क्रिकेट का चुनाव हार गए थे।
कल्याण बनर्जी ने बोतल तोड़ कर अध्यक्ष पर फेंकी – सौगत रॉय
कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि वक्फ विधेयक पर जेपीसी की बैठक के दौरान कल्याण बनर्जी ने बोतल तोड़ कर पैनल के अध्यक्ष पर फेंक दी थी। वे इस तरह का खराब व्यवहार करते रहे हैं। बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेडी किलर कहा था और बाद में माफी भी मांगी थी। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले को उठाया है। अमित मालवीय ने बताया कि पिछले दिनों चुनाव आयोग के मुख्यालय पर इन दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि इस झगड़े की आंच पार्टी के एक वॉट्सऐप ग्रुप तक भी पहुंची। उन्होंने एक बहुमुखी अंतरराष्ट्रीय महिला का ज़िक्र किया, जिससे यह मामला और भी बढ़ गया।
कल्याण को पार्टी के मुख्य सचेतक पद से तुरंत हटाया जाए
तृणमूल कांग्रेस के एक और सांसद सौगत रॉय ने इस पूरे मामले में कल्याण बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने कल्याण बनर्जी पर एक महिला सांसद के साथ दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया है। सौगत रॉय ने कहा- “उनका असभ्य व्यवहार कई बार हमारे सामने आया है। कल्याण को पार्टी के मुख्य सचेतक पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। मैं इस निर्णय को ममता बनर्जी के पर छोड़ता हूं।” वहीं, कल्याण बनर्जी ने सौगत रॉय को जवाब देते हुए कहा- “सौगत रॉय ने पार्टी की छवि बहुत पहले ही खराब कर दी थी। याद कीजिए 2016 के वे दिन जब नारद स्टिंग के दौरान हमारे खिलाफ चोर-चोर के नारे लगाए गए थे। उनमें से किसी को भी इसका सामना नहीं करना पड़ा। मुझे अकेले ही इसका सामना करना पड़ा। इसलिए छवि को सौगत रॉय ने खराब किया है, मैंने नहीं।”
ये है महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच विवाद
दूसरी ओर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच कई मुद्दों को लेकर तनावपूर्ण खेला हो रहा है। महुआ मोइत्रा इसलिए कल्याण बनर्जी से नाराज हैं क्योंकि उन्हें पार्टी के चीफ व्हिप के चलते लोकसभा में बोलने का पर्याप्त समय नहीं मिला। कल्याण बनर्जी कई सांसदों के बीच फ़्लोर टाइम को मैनेज करने के लिए ज़िम्मेदार हैं। महुआ मोइत्रा सदन में ज़्यादातर मुद्दों पर अपनी राय रखना चाहती हैं। हालांकि उन्हें कथित तौर पर कई मौकों पर इससे वंचित किया गया, जिससे वे निराश हैं। इसके अलावा ये भी आरोप हैं कि महुआ मोइत्रा ने भी कल्याण बनर्जी और उनकी बेटी के खिलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। एक बार उन्होंने कल्याण बनर्जी को ‘छोटो लोक’ (बंगाली में नीच व्यक्ति) कहा था जिस कारण बनर्जी बहुत आहत हुए थे।
ममता बनर्जी ने दी सांसद महुआ मोइत्रा को निलंबन की चेतावनी
वैसे यह पहली बार नहीं है, जबकि सांसद महुआ मोइत्रा पर अंगुली उठी हो। मोइत्रा और विवादों का हमेशा से ही नाता रहा है। वह कई बार अनर्गल बयानबाजी से भी सुर्खियों में आई हैं। अब मिली जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओबेरियन ने ममता बनर्जी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। इसके बाद एक महिला राज्यसभा सांसद के माध्यम से महुआ मोइत्रा को सीएम ममता बनर्जी का संदेश पहुंचाया गया है। सीएम ममता के संदेश में सांसद महुआ मोइत्रा को कड़ी कार्रवाई और निलंबन की चेतावनी दी गई है।
शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार की सुप्रीम कोर्ट में किरकिरी
पश्चिम बंगाल में 25 हजार 753 टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति रद्द होने पर ममता सरकार की किरकिरी हो रही है। भाजपा नेताओं ने भी वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (WBSSC) भर्ती में हुए घोटाले की निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिज संजीव खन्ना की बेंच ने 25 हजार 753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया मामले की जांच जारी रखने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को इन नियुक्तियों को गलत बताया था। साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सही बताया था, जिसमें नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की CBI जांच पर रोक लगा दी है। बेंच ने कहा, ‘ कैबिनेट के निर्णय की जांच CBI को सौंपने का कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला उचित नहीं था।’
যোগ্য চাকরিহারা শিক্ষক শিক্ষিকাদের মারলে কেন, পুলিশ তুমি জবাব দাও। জবাব তোমায় দিতেই হবে…
যোগ্য চাকরিহারা শিক্ষক শিক্ষিকাদের উপর মমতা পুলিশের নির্মমভাবে লাঠিচার্জের প্রতিবাদে আজ বিজেপির বিধায়কগন লালবাজারের সামনে বিক্ষোভ প্রদর্শন করতে গেলে মমতা পুলিশ প্রায় টেনে হিঁচড়ে গায়ের… pic.twitter.com/t0GANU0i82
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 9, 2025
भाजपा बोली- ममता बनर्जी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह फेल
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के मुताबिक ‘शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मामले में मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा- कई मौके मिलने के बावजूद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की मांगी गई सूची नहीं दी। राज्य सरकार 15 अप्रैल तक सूची जमा कर सकती है। ऐसा न होने पर हम 21 अप्रैल को एक लाख लोगों के साथ नबन्ना तक मार्च करेंगे। यह एक गैर-राजनीतिक, लोगों का आंदोलन होगा। वहीं, भाजपा सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा- सरकार ने अगर पिछले आदेश को स्वीकार कर लिया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती।