प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 01 मई 2025 को मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में पहले वर्ल्ड ऑडियो विजुअल और एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) वेव्स 2025 का उद्घाटन किया। समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि WAVES ये सिर्फ एक छोटा सा नाम नहीं है। ये एक लहर है – कल्चर की, क्रिएटिविटी की, यूनिवर्सल कनेक्ट की। इस Wave पर सवार हैं, फिल्में, म्यूजिक, गेमिंग, एनीमेशन, स्टोरीटेलिंग, क्रिएटिविटी का अथाह संसार। Waves एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म है, जो आप जैसे हर आर्टिस्ट, हर क्रिएटर का है। जहां हर कलाकार, हर युवा एक नए आइडिया के साथ क्रिएटिव वर्ल्ड के साथ जुड़ेगा।
World Audio Visual & Entertainment Summit यानि WAVES… ये सिर्फ एक acronym नहीं है।
ये एक Wave है – Culture की, Creativity की, Universal Connect की।
WAVES एक ऐसा global platform है, जो आप जैसे हर artist, हर creator का है।
जहां हर कलाकार, हर युवा एक नए idea के साथ creative… pic.twitter.com/sUhxbv3UdS
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जैसे नया सूरज उगते ही आकाश को रंग देता है, वैसे ही ये समिट अपने पहले पल से ही चमकने लगी है। “Right from the first moment, The summit is roaring with purpose.” पहले एडिशन में ही Waves ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। अभी तो WAVES में कई तरह की खूबसूरत लहरें आनी बाकी हैं, भविष्य में Waves अवॉर्ड्स भी लॉन्च होने वाले हैं। ये आर्ट और क्रिएटिविटी की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स होने वाले हैं। हमें जुटे रहना है, हमें जग के मन को जीतना है, जन-जन को जीतना है।’
उन्होंने कहा कि ‘हम देखते हैं कि छोटे बच्चे के जीवन की शुरुआत, जब बालक पैदा होता है तब से, मां से उसका संबंध भी लोरी से शुरु होता है। मां से ही वो पहला स्वर सुनता है। उसको पहला स्वर संगीत से समझ आता है। एक मां, जो एक बच्चे के सपने को बुनती है, वैसे ही क्रिएटिव वर्ल्ड के लोग एक युग के सपनों को पिरोते हैं। WAVES का मकसद ऐसे ही लोगों को एक साथ लाने का है।’
#WATCH | मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WAVES 2025 – विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हम देखते हैं कि छोटे बच्चे के जीवन की शुरूआत, बालक पैदा होता है तब से मां से उसका संबंध भी लोरी से शुरू होता है। मां से ही वे पहला स्वर सुनता है। उसको… pic.twitter.com/FmdTYfuHsA
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वेव्स 2025 सो संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारत, बिलियन प्लस आबादी के साथ-साथ, बिलियन प्लस स्टोरीज का भी देश है। दो हज़ार साल पहले, जब भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र लिखा, तो उसका संदेश था – “नाट्यं भावयति लोकम्” इसका अर्थ है, कला, संसार को भावनाएं देती है, इमोशन देती है, फीलिंग्स देती है। सदियों पहले जब कालिदास ने अभिज्ञान-शाकुंतलम लिखी, शाकुंतलम, तब भारत ने क्लासिकल ड्रामा को एक नई दिशा दी। भारत की हर गली में एक कहानी है, हर पर्वत एक गीत है, हर नदी कुछ न कुछ गुनगुनाती है। आप भारत के 6 लाख से ज्यादा गांवों में जाएंगे, तो हर गांव का अपना एक फोल्क है, स्टोरीटेलिंग का अपना ही एक खास अंदाज़ है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हमारे यहां नाद ब्रह्म यानि साउंड ऑफ डिवाइन की कल्पना है। हमारे ईश्वर भी खुद को संगीत और नृत्य से अभिव्यक्त करते हैं। भगवान शिव का डमरु – सृष्टि की पहली ध्वनि है, मां सरस्वती की वीणा – विवेक और विद्या की लय है, श्रीकृष्ण की बांसुरी – प्रेम और सौंदर्य का अमर संदेश है, विष्णु जी का शंख, शंख ध्वनि- सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान है, इतना कुछ है हमारे पास, अभी यहां जो मन मोह लेने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई, उसमें भी इसकी झलक दिखी है। और इसलिए ही मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है। ये Create In India, Create For The World का सही समय है।’
ये Create In India, Create For The World का सही समय है।
आज जब दुनिया storytelling के नए तरीके ढूंढ रही है… तब भारत के पास हजारों वर्षों की अपनी कहानियों का खजाना है।
और ये खजाना timeless, thought-provoking और truly global है।
– पीएम श्री @narendramodi
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प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज जब दुनिया स्टोरीटेलिंग के लिए नए तरीके ढूंढ रही है, तब भारत के पास हज़ारों वर्षों की अपनी कहानियों का खज़ाना है। और ये खजाना Timeless है, Thought-Provoking है और Truly Global है। और ऐसा नहीं है कि इसमें कल्चर से जुड़े विषय ही हैं, इसमें विज्ञान की दुनिया है, स्पोर्ट्स है, शौर्य की कहानियां हैं, त्याग-तपस्या की गाथाएं हैं। हमारी स्टोरीज में साइंस भी है, फिक्शन भी है, करेज है, ब्रेवरी है, भारत के इस खजाने की बास्केट बहुत बड़ी है, बहुत विशाल है। इस खजाने को दुनिया के कोने-कोने में ले जाना, आने वाली पीढ़ियों के सामने नए और इंटेरेस्टिंग तरीके से रखना, ये waves platform की बड़ी जिम्मेदारी है।’
समिट में उन्होंने कहा कि ‘कंटेंट क्रिएशन में भारत की एक और विशेषता, आपकी बहुत मदद करने वाली है। हम, आ नो भद्र: क्रतवो यन्तु विश्वत: के विचार को मानने वाले हैं। इसका मतलब है, चारों दिशाओं से हमारे पास शुभ विचार आएं। इसी भाव के साथ, पारसी यहां आए। और आज भी पारसी कम्यूनिटी, बहुत गर्व के साथ भारत में थ्राइव कर रही है। यहां Jews आए और भारत के बनकर रह गए। दुनिया में हर समाज, हर देश की अपनी-अपनी सिद्धियां हैं। इस आयोजन में यहां इतने सारे देशों के मंत्रीगण हैं, प्रतिनिधि हैं, उन देशों की अपनी सफलताएं हैं, दुनिया भर के विचारों को, आर्ट को वेलकम करना, उनको सम्मान देना, ये हमारे कल्चर की ताकत है। इसलिए हम मिलकर, हर कल्चर की अलग-अलग देशों की उपलब्धियों से जुड़ा बेहतरीन कंटेंट भी क्रिएट कर सकते हैं। ये ग्लोबल कनेक्ट के हमारे विजन को भी मजबूती देगा।’
#WATCH | मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने WAVES 2025 – विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “यह भारत में ऑरेंज इकोनॉमी का उदय काल है। कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर, यह ऑरेंज इकोनॉमी की तीन धुरी है। भारतीय फिल्मों की पहुंच अब दुनिया के कोने-कोने… pic.twitter.com/C0KEo5rruA
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक भारतीय कंटेंट को सबटाइटल के साथ देख रहे हैं। इंडिया में ओटीटी इंडस्ट्री ने पिछले कुछ सालों में 10 गुना दिखाई है। Screen size भले छोटा हो रहा हो, पर scope infinite है। स्क्रीन माइक्रो होती जा रही है पर मैसेज मेगा होता जा रहा है। आजकल भारत का खाना विश्व की पसंद बनता जा रहा है। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत का गाना भी विश्व की पहचान बनेगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ऑरेंज इकोनॉमी के इस बूम में, मैं Waves के इस मंच से देश के हर युवा क्रिएटर से कहूंगा, आप चाहे गुवाहाटी के म्यूज़िशियन हों, कोच्चि के पॉडकास्टर हों, बैंगलुरू में गेम डिज़ाइन कर रहे हों, या पंजाब में फिल्म बना रहे हैं, आप सभी भारत की इकोनॉमी में एक नई Wave ला रहे हैं – Creativity की Wave, एक ऐसी लहर, जो आपकी मेहनत, आपका पैशन चला रहा है। और हमारी सरकार भी आपकी हर कोशिश में आपके साथ है।’
देखिए प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन-