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भारत पर टिकी हैं दुनिया की उम्मीदें, मजबूत होती अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों के सुधारों का रिफ्लेक्शन- PM मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज, 9 दिसंबर को फिनटेक से संबंधित ग्‍लोबल थॉट लीडरशिप प्‍लेटफॉर्म-इन्फिनिटी फोरम के दूसरे संस्करण को संबोधित किया। इन्फिनिटी फोरम के दूसरे संस्करण का विषय ‘गिफ्ट-आईएफएससी: नर्व सेंटर फॉर न्यू एज ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज’ है। फोरम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया की उम्मीदें भारत पर टिकी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘आज पूरी दुनिया भारत से उम्मीदें लगाए हुए है। और ये ऐसे ही नहीं हुआ है। ये, भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और पिछले 10 वर्षों में किए गए परिवर्तनकारी सुधारों का रिफ्लेक्शन है। इन सुधारों ने देश के आर्थिक बुनियाद को सशक्त किया है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत की विकास गाथा नीति, सुशासन और नागरिकों के कल्याण को सरकार द्वारा दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता पर आधारित है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत की विकास दर 7.7 प्रतिशत रही है। आईएमएफ और विश्व बैंक के साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के इस बयान को भी स्वीकार किया कि भारत ग्‍लोबल साउथ का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच की इस टिप्पणी पर भी प्रकाश डाला कि भारत में लाल फीताशाही कम होने से निवेश के बेहतर अवसर पैदा हो रहे हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण बढ़ाने के लक्ष्य पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गिफ्ट आईएफएससीए भारतीय और वैश्विक वित्तीय बाजारों को एकीकृत करने के एक बड़े सुधार का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “गिफ्ट सिटी की परिकल्पना एक ऐसे गतिशील इकोसिस्‍टम के रूप में की गई है, जो अंतर्राष्ट्रीय वित्त के परिदृश्य को पुन: परिभाषित करेगा”। उन्होंने कहा, “हम गिफ्ट सिटी को नए दौर की वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजारों में से एक है।” उन्होंने कहा कि फिनटेक में भारत की ताकत गिफ्ट आईएफएससी के विजन के साथ संबद्ध है, और इसके परिणामस्वरूप यह स्‍थान तेजी से फिन-टेक का उभरता हुआ केंद्र बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएफएससीए की ओर से 2022 में फिनटेक के लिए एक प्रगतिशील नियामक ढांचा और आईएफएससीए की फिनटेक प्रोत्साहन योजना को जारी किया गया, जो नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय और विदेशी फिनटेक को अनुदान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गिफ्ट सिटी में वैश्विक फिनटेक दुनिया का प्रवेश द्वार और दुनिया के लिए फिनटेक प्रयोगशाला बनने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने निवेशकों से इसका अधिकतम लाभ उठाने का भी आग्रह किया।

वैश्विक पूंजी के प्रवाह हेतु गिफ्ट आईएफएससी के एक प्रमुख प्रवेश द्वार बनने पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने ‘ट्राई-सिटी’ की अवधारणा को समझाया, यानी ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद और राजधानी गांधीनगर के बीच स्थित होने से इसे असाधारण कनेक्टिविटी मिलती है। उन्होंने कहा, “गिफ्ट आईएफएससी का अत्याधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा एक ऐसा मंच प्रदान करता है जो व्यवसायों को दक्षता बढ़ाने में सक्षम बनाता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि गिफ्ट आईएफएससी एक चुंबक के रूप में उभरा है, जो वित्तीय और प्रौद्योगिकी जगत की प्रतिभाओं को आकर्षित करता है। उन्होंने बताया कि आज, आईएफएससी में 58 परिचालन संस्थाएं, इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज सहित 3 एक्सचेंज, 9 विदेशी बैंकों सहित 25 बैंक, 29 बीमा संस्थाएं, 2 विदेशी विश्वविद्यालय, परामर्श फर्म, कानून फर्म और सीए फर्म सहित 50 से अधिक पेशेवर सेवा प्रदाता हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले कुछ वर्षों में गिफ्ट सिटी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में से एक होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत गहरे लोकतांत्रिक मूल्यों तथा व्यापार एवं वाणिज्य की ऐतिहासिक परंपरा वाला देश है।” भारत में प्रत्येक निवेशक या कंपनी के लिए विविध अवसरों की मौजूदगी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गिफ्ट के संबंध में भारत का विजन उसकी विकास गाथा से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा। सभी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, “आइए, गिफ्ट आईएफएससी के साथ मिलकर हम वैश्विक सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें। हम साथ मिलकर दुनिया के गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने के लिए नवोन्‍मेषी विचारों का पता लगाएं और उन्हें आगे बढ़ाएं।”

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