ऑपरेशन सिंदूर के दूरगामी प्रभाव अब सामने आने लगे हैं। इस ऑपरेशन पाकिस्तान के ‘भाईजान’ बने तुर्किए, अजरबैजान और चीन की भारत में दुकान बंद होने वाली है। तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ तो भारत में ट्रेड स्ट्राइक के तहत इन देशों का हर स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। दरअसल, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्किए और अजरबैजान का असली चेहरा पूरी दुनिया के सामने आ गया। पाकिस्तान ने इस दौरान भारत पर जो ड्रोन और मिसाइल दागे वो ‘मेड इन’ चाइना और तुर्किए में बने थे। पाकिस्तान ने जो चीन की फुस्स मिसाइल और तुर्किए के ड्रोन भारत पर हमले में इस्तेमाल किये, उनके अवशेष अब देश में मौजूद हैं। चीन और तुर्किए अब इन सबूतों को नकार नहीं सकता है। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में ऐसी चोट दी कि वो घुटनों पर आ गया और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा। पाकिस्तान को सबक सिखा दिया गया है अब उसके ‘भाईजान’ चीन, तुर्किए और अजरबैजान की दुकान भारत में बंद करने की तैयारी हो रही है। इसके साथ ही भारत द्वारा पाकिस्तान को दिए मुंह तोड़ जवाब की वीरगाथा अब स्कूल और कालेजों में पढ़ाई जाएगी। वीरों की धरती राजस्थान ने इसमें बाजी मारी है। यानी, ऑपरेशन सिंदूर के बारे में राजस्थान के स्कूल और कालेजों में सिलेबस का हिस्सा बनेगा। इसमें स्टूडेंट्स को देश प्रेम जागृत करने के लिए भारतीय सेना के साहस और उनके द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में किए गए भरपूर एक्शन के बारे में बताया जाएगा।
राजस्थान पहला राज्य जहां ऑपरेशन सिंदूर सिलेबस में होगा शामिल
संभवत आने वाले नए सत्र में ही स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर के चैप्टर को शामिल किया जाएगा। राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जो ऑपरेशन सिंदूर को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है। बताया जा रहा है कि एक पुस्तक को नया नाम ‘सिंदूर’ दिया जा रहा है। इस बार स्टूडेंट के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। पहले फेज में इस सत्र से कक्षा एक से पांचवी तक का पूरा सिलेबस बढ़ेगा। उसके दूसरे और तीसरे फेज में 6 से 12 तक का सिलेबस बदलेगा। ऐसे में सरकार नए शिक्षा सत्र से स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव और अपग्रेडेशन कर रही है। आपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा। राष्ट्रीय शिक्षानीति के अनुरूप इसी सत्र से स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी है। ऐसे में भारतीय सैन्य शक्ति के अदम्य साहस से युवा पीढ़ी को परिचित करवाने के लिए इस गौरवगाथा को शामिल किया जाएगा। विभागीय स्तर पर एक्सपर्ट कमेटी के साथ चर्चा कर इसे सिलेबस का हिस्सा बनाया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर से सेना के बहादुरी की कहानियां पढ़ेंगे बच्चे और युवा
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पूरे देश में उत्साह है। 7 मई को भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में संचालित आतंक के अड्डों पर एयर स्ट्राइक की थी। भारतीय सेना ने सिर्फ 25 मिनट में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और सकुशल वापस लौट आई। इस एयर स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना पाकिस्तान में 400 किलोमीटर तक अंदर घुस गई थी। चार दिन तक चले ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की बहादुरी पर पूरे देश को नाज है। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सेना के बहादुरी की कहानियां स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पढाई जाएंगी। यह सफल ऑपरेशन बच्चों और युवाओं में राष्ट्रभक्ति का नया जोश भर रहा है।
किताब का नाम होगा सिंदूर, परीक्षाओं में ऑपरेशन से जुड़े सवाल आएंगे
इसके अलावा स्कूली बच्चों की एक किताब का नाम सिंदूर रखा जाएगा। राजस्थान शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद शर्मा के मुताबिक समिति द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किए जाने को लेकर अनुशंसा अनुरूप कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा है कि नए सत्र से सिलेबस अपग्रेडेशन की तैयारी है, ऐसे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को हम कैसे छोड़ सकते हैं। एजुकेशन एक्सपर्ट सुरेंद्र सेनी के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर भारत की सेना के अदम्य साहस का प्रतीक है। इसमें भारत ने दिखाया है कि अगर कोई भारत को नुकसान पहुंचाएगा तो भारत की सेना उसे छोड़ेगी नहीं। ऑपरेशन सिंदूर भारत के प्रतीक व्यक्ति के लिए गर्व की बात है। आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इससे जुड़े सवाल भी आ सकते हैं। वहीं, किताबों में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की पहल की टीचर्स ने भी स्वागत किया है।
🚨 🇹🇷 The Boycott Turkey movement is being intensifying across India.🇮🇳
No Trade With Turkish.
Udaipur marble traders END business with Turkiye for siding with Pakistan amid the ongoing tensions between India and Pakistan. #Turkey #आर्थिक_बहिष्कार#BoycottTurkey #turkeyboycott pic.twitter.com/WUhvKvjQsn
— TIger NS (@TIgerNS3) May 14, 2025
पाकिस्तान का साथ देने से हैशटैग बॉयकॉट तुर्की सोशल मीडिया पर ट्रेंड
दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर का एक और इफेक्ट सोशल मीडिया पर हैशटैग बॉयकॉट_तुर्की ट्रेंड करना भी है। दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच वार में तुर्की, अजरबैजान और चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया है। तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया जो अब उसे काफी भारी पड़ता नजर आ रहा है. सोशल मीडिया पर तभी से हैशटैग बॉयकॉट तुर्की ट्रेंड करने लगा। वहीं ट्रेवल एजेंसियों ने भी अजरबैजान और उज्बेकिस्तान के लिए टूर ट्रिप लेना कैंसिल कर दिया है। साथ ही जिन लोगों की ट्रिप हाल फिलहाल में तुर्की के लिए थी वो अपना ट्रिप कैंसिल करा रहे हैं। इसी बॉयकॉट तुर्की ट्रेंड में अब ट्रेड सेक्टर की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने बताया कि भारत में आयात होने वाले कुल मार्बल का करीब 70% हिस्सा तुर्किये से आता है, लेकिन अब यह आयात बंद किया जा रहा है।
एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी उदयपुर के तुर्की से ट्रेड रिलेशन खत्म
तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद उदयपुर की मशहूर मार्बल मंडी ने तुर्की के साथ अपने सभी ट्रेड रिलेशन खत्म करने का ऐलान किया है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति ने यह फैसला राष्ट्रहित और देशभक्ति के चलते लिया है। समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकारी दी है और स्पष्ट किया है कि वे हर उस कदम का समर्थन करेंगे, जो भारत सरकार राष्ट्रहित में उठाएगी। उदयपुर, जो एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी के रूप में प्रसिद्ध है, यहां के व्यापारियों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि अब तुर्की से मार्बल का आयात नहीं किया जाएगा। समिति के महासचिव हितेश पटेल ने जानकारी दी कि उदयपुर में 50 से अधिक बड़े व्यापारी तुर्की से मार्बल आयात करते थे, जिनकी आयात मात्रा हजारों टन में होती थी। लेकिन तुर्की के पाकिस्तान के प्रति रुख को देखते हुए इन व्यापारियों ने तुर्की से किसी भी तरह का मार्बल खरीदने से इनकार कर दिया है।
तुर्की से अकेला उदयपुर करता है 5 हजार करोड़ का कारोबार
भारत हर साल तुर्की से करीब 14 लाख टन मार्बल आयात करता है, जिसमें से 5,000 करोड़ रुपये का व्यापार अकेले उदयपुर से होता था। तुर्की का मार्बल अपने उच्च गुणवत्ता और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हुए उदयपुर के व्यापारियों ने अपने मुनाफे की परवाह किए बिना तुर्की से व्यापार बंद कर दिया है। समिति के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने स्पष्ट किया कि यह फैसला केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि देशभक्ति और राष्ट्रहित की भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भारत सरकार तुर्की या किसी भी अन्य देश के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाती है, तो उदयपुर मार्बल मंडी उसके साथ खड़ी होगी। यह फैसला दिखाता है कि देश के व्यापारी केवल लाभ कमाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे मोदी सरकार के लिए आर्थिक नुकसान उठाने को भी तैयार हैं। उदयपुर की मार्बल मंडी ने तुर्की से व्यापार खत्म कर यह साबित कर दिया है कि भारत के व्यापारी अपने देश के सम्मान और सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब खरीदना पूरी तरह बंद किया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की ने पाकिस्तान को वॉर के मिसाइल से ड्रोन तक देने में मदद की। भारत के लोगों को तुर्की का ये रवैया रास नहीं आया है। लिहाजा भारत ने अब पाकिस्तान के साथ खड़े होने वाले तुर्की को आर्थिक मोर्चे पर करारा जवाब देना शुरू कर दिया है। तुर्कीये के खिलाफ भारतीय व्यापारियों ने ‘ट्रेड स्ट्राइक’ का ऐलान कर दिया है। कर दिया है। वे अपने देश के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब मंगवा रहे हैं। वहीं उदयपुर में मार्बल कारोबारी भी तुर्की से व्यापार रोकने को ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र के पुणे में व्यापारियों ने तुर्की से आयात होने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी है। स्थानीय बाजारों से ये सेब गायब हो गए हैं और ग्राहकों ने भी इसका बहिष्कार कर दिया है। हर साल पुणे के फलों के बाजार में तुर्की सेबों की हिस्सेदारी लगभग ₹1,000 से ₹1,200 करोड़ की होती है, लेकिन अब यह कारोबार ठप हो गया है। पुणे के एपीएमसी (कृषि उत्पन्न बाजार समिति) मार्केट में सेब व्यापारी सय्योग जेंडे ने बताया कि हमने तुर्की से सेब मंगवाना पूरी तरह बंद कर दिया है। अब हम हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य स्रोतों से सेब मंगा रहे हैं।
जो देश आज #Pakistan के साथ खड़ा है, वो कल भारत के खिलाफ खंजर उठाएगा! #Turkey ने आतंक का साथ चुना है — अब भारत को भी फैसला लेना होगा।
हर #Turkish कंपनी को भारत से बाहर करो, हर व्यापारिक रिश्ता अभी खत्म हो!अब सहिष्णुता नहीं, सीधा प्रतिकार!#TurkeyBoycott #IndiaPakistanWar pic.twitter.com/aRYbKkzZ4j
— Vipendra Manav ® (@VipendraManav) May 10, 2025
ट्रेवल एजेंसियां तुर्की और अजरबैजान की बुकिंग बंद की
तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों की इकोनॉमी में टूरिज्म का बहुत बड़ा रोल है। इन दोनों के देश की कुल जीडीपी का 10 फीसदी हिस्सा टूरिज्म से ही आता है। अजरबैजान की बात करें तो यहां 70% पर्यटक भारत से ही जाते हैं। भारत-पाक तनाव के बाद भारत के लोगों के बॉयकॉट तुर्की और अजरबैजान कैंपेंन छेड़ दिया, जिसका असर दिखना शुरु हो गया। travel booking platforms जैसे Ixigo और EaseMyTrip Turkey के लिए बुकिंग नहीं ले रहे हैं। भारत के लोगों तुर्की को बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है। अब लोग अजरबैजान की जगह बैंकाक जाने लगे हैं। देश भर के अलग-अलग हिस्सों से लोगों ने इन देशों में जाने का अपना प्लान कैसिंल कर दिया है। अकेले पूर्वांचल से 15000 पर्यटकों ने इन दोनों देशों का प्लान कैंसिल किया है।
अब भारत से लाखों टूरिस्ट तुर्की और अजबैजान नहीं जाएंगे
ऑल इंडिया टूरिस्ट फेडरेशन के मुताबिक दिनों में सिर्फ पूर्वांचल से 15000 से ज़्यादा पर्यटकों ने अपना प्लान और टिकट कैंसिल करा लिया है। अभी तो तीन दिन का ही ये आंकड़ा है उम्मीद की जा रही है कि ये संख्या 25 हज़ार से 30 हज़ार के बीच जा सकती है। ट्रैवल कंपनियां भी इसमें लोगों का साथ दे रही है। कॉक्स एन्ड किंग, एसओटीसी और इज़ माय ट्रिप जैसी ट्रैवेल कम्पनियां लोगों से कोई कैंसिलेशन चार्ज भी नही ले रही हैं। इंफोइंडिया के आकड़ों के मुताबिक साल 2024 में भारत से करीब 2.50 लाख टूरिस्ट ने अजरबैजान की यात्रा की। वहीं तुर्की की बात करें तो करीब 3 लाख टूरिस्ट भारत से तुर्की गए थे। यात्रा के दौरान हर यात्री औसतन करीब 1000 अमेरिकी डॉलर यानी 85,000 रुपये खर्चा किया। इस तरह पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों को पिछले साल करीब 469 करोड़ रुपये की आय हुई।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खास अखबारों का सोशल मीडिया खाता बंद
पाकिस्तान के मददगारों के खिलाफ भारत ने कार्रवाई शुरू कर दी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दो भोंपू ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ न्यूज के सोशल मीडिया अकाउंट्स के बाद अब टीआरटी वर्ल्ड के एक्स अकाउंट को भी बंद कर दिया गया है। टीआरटी वर्ल्ड, तुर्की का ब्रॉडकास्टर है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा था। तुर्की और चीन के ब्रॉडकास्टर लगातार भारत के खिलाफ फर्जी खबरें और भ्रामक जानकारियां फैला रहे थे। इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यर एर्दोगन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत को संकेतों में चेतावनी देने की कोशिश की थी। जिसके बाद भारत ने तुर्की के लीडिंग ब्रॉडकास्टर के सोशल मीडिया अकाउंट को बैन कर दिया गया है।