
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी दुनिया में नजीर बन गयी है। कोई देश ऐसा नहीं है जिसने इस कदम की तारीफ ना की हो। अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन समेत तमाम देशों ने इसे आतंकवाद और अवैध कारोबार के खिलाफ मजबूत पहल बताया है। वहीं, वेनेजुएला जैसे कई देशों ने तो भारत की तर्ज पर नोटबंदी को लागू भी कर दिया है जबकि ऑस्ट्रेलिया की सेंट्रल बैंक ने नोटबंदी लागू करने की मांग अपनी सरकार के सामने रख दी है। पाकिस्तान में अलग किस्म का असर देखा गया है जहां हवाला कारोबार से जुड़े लोगों ने आत्महत्या जैसे कदम उठाए हैं।
ऑस्ट्रेलिया में उठी नोटबंदी की मांग
ऑस्ट्रेलिया की अग्रणी बैंक यूबीएस ने नोटबंदी की वकालत करते हुए इसकी दो जरूरी वजह सामने रखी है। एक बैंकों पर कैश ट्रांजेक्शन का बढ़ता बोझ कम करना और दूसरा टैक्स चुकाने वालों की तादाद बढ़ाना। यूबीएस ने इसके लिए 100 डॉलर के नोटों के डिमोनेटाइजेशन की मांग रखी है।
ऑस्ट्रेलियाई बैंक को उम्मीद है कि भारत में जिस तरह से नोटबंदी लागू होने के बाद कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ा है और टैक्स देने वालों की पहचान हो रही है। उसी तरह से ऑस्ट्रेलिया में भी नोटबंदी लागू होने से ऐसा हो सकेगा।
ऑस्ट्रेलियाई बैंक का कहना है कि जिस देश में एक फीसदी लोग ही टैक्स देते हैं वहां भारत जैसा ही कदम उठाने की जरूरत है। इससे ब्याज दरों में कमी आगी और टैक्स चोरी को भी रोका जा सकेगा।
ऑस्ट्रेलिया में 100 डॉलर के 30 करोड़ नोट ही चलन में हैं। 5 डॉलर के नोट की जगह 100 डॉलर के नोट तीन गुना चलन में हैं। 92 फीसदी करेंसी ऐसी है जो या तो 100 डॉलर में हैं या फिर 50 डॉलर में हैं।
वेनेजुएला चला मोदी की राह
वेनेजुएला पहला देश था जिसने पीएम मोदी की राह चुनी। वेनेजुएला की सरकार ने रविवार 11 दिसम्बर को 72 घंटे के भीतर अपने देश के सबसे ऊंचे मूल्य वाले बैंक नोट को बदलने का एलान कर दिया। ये फैसला भारत में 8 नवम्बर को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐलान की तरह है।
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा है कि इस कदम से सरहद पर तस्करों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। साथ ही महंगाई पर भी इसका असर पड़ेगा। रविवार को हुए इस एलान के तीन दिन के भीतर यानी बुधवार तक लोगों को अपने-अपने नोट बदलने की मोहलत दी गयी।
ब्रिटिश मंत्री प्रीति पटेल ने नोटबंदी के लिए की मोदी की तारीफ
ब्रिटेन में भारतीय मूल की मंत्री प्रीति पटेल ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी की पहल कालाधन के खिलाफ सही कदम है और इसने दुनिया को अवैध कारोबार से लड़ने का एक संदेश दिया है।
“ये (नोटबंदी) भ्रष्टाचार की जड़ पर जायज हमला है। दुनिया में बहुत ज्यादा कालाधन चलन में है जिससे आतंकवाद और अवैध कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने दुनिया को संदेश दिया है कि अवैध कारोबार का युग अब खत्म होने वाला है।”
सदमे में पाकिस्तान, ‘इंडियाज़ डीमोनेटाइजेशन ट्रिगर’ से घायल
भारत के डिमोनेटाइजेशन ट्रिगर से सबसे ज्यादा घायल पाकिस्तान हुआ है। पाकिस्तान से चल रहा नकली नोटों का कारोबार ठप पड़ गया है। वहीं इस कारोबार से जुड़े पाकिस्तान के मनी लॉन्ड्रिंग किंग जावेद खानानी ने कराची में आत्महत्या कर ली।
उसने मोहम्मद अली सोसायटी के साइमा टावर्स की 8वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पाकिस्तान से मिल रही ख़बरों के मुताबिक दाऊद इब्राहिम को भी इस नोटबंदी ने भारी नुकसान पहुंचाया है।
चीन भी हुआ मोदी का मुरीद
चीन की आधिकारिक मीडिया ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी की पहल को अत्यंत साहसिक बताया। सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने “मोदी टैक्स ए गैम्बल विद मनी रिफॉर्म” शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि ‘मोदी का कदम बहुत साहसिक है। हम इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि यदि चीन 50 और 100 युआन के नोट बंद कर देता है तो चीन में क्या होगा।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एक ऐसा जुआ है जो मिसाल पेश करेगा। अखबार ने लिखा है कि भले ही ये पहल सफल हो या विफल, लेकिन इस कदम से चीन भ्रष्टाचार पर इसके प्रभाव से सबक लेगा।
यूरोपीय यूनियन ने मोदी की नोटबंदी को सराहा
यूरोपीय यूनियन ने भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के कदम का समर्थन किया है। आयोग के उपाध्यक्ष जिर्की कटाईनेन ने कहा है कि वित्तीय प्रणामली को साफ-सुथरा बनाने के लिए ये प्रभावकारी कदम है। इससे वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली को दुरुस्त करने और दूसरे सुधार लागू करने में भी मदद मिलेगी। कैटनेन ने कहा कि चोरी करने वालों और गलत तरीके से धन जुटाने वालों को पारदर्शिता बरतनी होगी और इससे अर्थव्यकवस्थार मजबूत होगी।
वाशिंगटन पोस्ट ने नोटबंदी को कालाधन पर बड़ी चोट बताया
वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लम्बे समय से कालाधन के खिलाफ प्राथमिकता से लड़ते रहे हैं क्योंकि वो चाहते हैं कि समांतर इकॉनोमी और भ्रष्टाचार की संस्कृति को खत्म किया जाए ताकि विदेशी निवेश आकर्षित हो। इस मकसद से सरकार ने एक स्वैच्छिक योजना भी शुरू की थी जिसमें लोगों ने 1900 करोड़ रुपये घोषित किया जो देस में अनुमानित 40 हज़ार करोड़ कालाधन के मुकाबले छोटा हिस्सा था।
कालाधन पर मोदी ने बड़ा चुनावी वादा पूरा किया- सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने लिखा कि अपनी सरकार का आधा कार्यकाल पूरा कर रहे नरेन्द्र मोदी की पहल ऐसी है जिससे वो टैक्स चोरी रोकने और अघोषित आय (कालाधन) की रिकवरी जैसे चुनावी वादे को पूरा किया है। अखबार ने मोदी के कदम को अभूतपूर्व बताते हुए इसकी तुलना यूरोपीय सेंट्रल यूनियन के उस एक्शन से की है जब 500 यूरो के नोट का प्रचलन बंद कर दिया गया था अवैध गतिविधियां रोकी जा सके।
नोटबंदी से मोदी को दुनिया में मिला सम्मान- द इंडिपेन्डेन्ट
द इंडिपेन्डेन्ट ने लखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने अचानक डिमोनेटाइजेशन के कदम से अपने लिए नया आदर हासिल किया है। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने यहां तक कि उनकी तुलना सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआं येयू से की। ली के प्रति मोदी का आदर किसी से छुपा नहीं है। जब ली की पिछले साल मार्च में मौत हुई, उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में मोदी सबसे आगे रहे और पूरे भारत से शोक संदेशों का तांता लग गया।
वॉल स्ट्रीट जर्नल भी ने भी मोदी की नोटबंदी को सराहा
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि अगर सुधार ने असर दिखाया तो सरकार का टैक्स बेस बढ़ेगा। और, ऐसे नोट जो सामने नहीं आते उसे सरकार दोबारा जारी कर सकेगी और बिना मनी सप्लाई बढ़ाए ही उसे अपनी इच्छा से खर्च कर सकेगी। भारत सरकार के बॉन्ड निवेशकों की पसंद बनते जा रहे हैं। इससे सुधार का रास्ता खुलता दिख रहा है।