प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 17 मार्च को नई दिल्ली में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। बातचीत के बाद भारत और न्यूजीलैंड के बीच 5 अहम समझौते पर दस्तखत किए गए। इसके बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अपने संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम तमाम मुद्दों पर मिलकर काम करते रहेंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री लक्सन भारत से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले, ऑकलैंड में, होली के रंगों में रंगकर उन्होंने जिस तरह उत्सव का माहौल बनाया, वह हम सबने देखा। प्रधानमंत्री लक्सन के न्यूज़ीलैंड में बसने वाले भारतीय मूल के लोगों के प्रति लगाव को इस बात से भी देखा जा सकता है, कि उनके साथ एक बड़ा कम्युनिटी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। उन जैसे युवा, ऊर्जावान और प्रतिभाशाली लीडर का इस वर्ष रायसीना डायलॉग का मुख्य अतिथि होना हमारे लिए ख़ुशी की बात है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘आज हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। हमने अपनी रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत और संस्थागत रूप देने का निर्णय लिया है। संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, पोर्ट विजिट के साथ साथ रक्षा उद्योग जगत में भी आपसी सहयोग के लिए रोडमैप बनाया जाएगा। हिन्द महासागर में मेरीटाइम सिक्योरिटी के लिए, संयुक्त टास्क फोर्स-150 में हमारी नौसेनाएं मिल कर काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ‘दोनों देशों के बीच एक परस्पर लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे आपसी व्यापार और निवेश के संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग और निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा और क्रिटिकल मिनरल्स क्षेत्रों में आपसी सहयोग को हमने प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘क्रिकेट हो, हॉकी, या पर्वतारोहण, दोनों देशों के बीच खेलों में पुराने संबंध हैं। हमने स्पोर्ट्स में कोचिंग और खिलाड़ियों के एक्सचेंज के साथ-साथ, स्पोर्ट्स साइंस, साइकोलॉजी और मेडिसिन में भी सहयोग पर बल दिया है। और वर्ष 2026 में, दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के 100 साल मनाने का निर्णय लिया गया है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘न्यूज़ीलैंड में रहने वाला भारतीय समुदाय न्यूज़ीलैंड में सामाजिक और आर्थिक विकास में सकारात्मक योगदान दे रहा है। हमने तय किया है कि कुशल श्रमिकों की मोबिलिटी को सरल बनाने और अवैध प्रवासन से निपटने के लिए, एक समझौते पर तेजी से काम किया जाएगा। यूपीआई कनेक्टिविटी, डिजिटल लेनदेन और टूरिज्म बढ़ाने पर भी बल दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में हमारे पुराने संबंध हैं। हम न्यूज़ीलैंड की यूनिवर्सिटीज को भारत में कैंपस खोलने के लिए आमंत्रित करते हैं।’
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देकर कहा कि ‘आतंकवाद के खिलाफ हम दोनों एकमत हैं। चाहे 15 मार्च 2019 का क्राइस्टचर्च आतंकी हमला हो या 26 नवंबर 2008 का मुंबई हमला, आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है। आतंकी हमलों के दोषीयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ हम मिलकर सहयोग करते रहेंगे। इस संदर्भ में न्यूजीलैंड में कुछ गैर-कानूनी तत्वों द्वारा भारत-विरोधी गतिविधियों को लेकर हमने अपनी चिंता साझा की। हमें विश्वास है कि इन सभी गैर-कानूनी तत्वों के खिलाफ हमें न्यूजीलैंड सरकार का सहयोग आगे भी मिलता रहेगा।’
उन्होंने कहा कि ‘हम दोनों स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक का हम दोनों समर्थन करते हैं। हम विकासवाद की नीति में विश्वास रखते हैं, विस्तारवाद में नहीं। इंडो-पैसिफिक महासागर पहल से जुड़ने के लिए हम न्यूजीलैंड का स्वागत करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद, CDRI से जुड़ने के लिए भी हम न्यूजीलैंड का अभिनंदन करते हैं।’