अखिल भारतीय कांग्रेस चुनाव जीतने की खातिर सिर्फ गरीबी हटाने का नारा-भर देती रही है। कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में गरीबी और गरीब घटने के बजाए सुरसा के मुंह ही तरह बढ़ते ही रहे। पीएम नरेन्द्र मोदी ने गरीबी को कम करने का कमाल कर दिखाया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही मनमोहन सरकार की तुलना में गरीबी काफी कम हो गई। अब दूसरे कार्यकाल में ग्रामीणों को सशक्त करने वाली कई केंद्रीय योजनाओं के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से प्रकाशित वर्किंग पेपर में भी कहा गया है कि भारत में गरीबी दर घटी है। भारत में 2011 की तुलना में 2019 में 12.3 प्रतिशत की कमी आई है।
मोदी सरकार के प्रयासों से गरीबी 2011 में 22.5% से घटकर 2019 में 10.2% ही रह गई
गरीबी का आंकड़ा 2011 में 22.5% से घटकर 2019 में 10.2% हो गया है। गरीबी में ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से तेज गिरावट आई है। पॉलिसी रिसर्च के वर्किंग पेपर में यह जानकारी दी गई है। यह वर्किंग पेपर इसलिए भी अहम है क्योंकि गरीबी को लेकर भारत के पास हाल की अवधि का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। अंतिम व्यय सर्वेक्षण 2011 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) की ओर से जारी किया गया था, उसमें गरीबी और असमानता के आधिकारिक अनुमान भी जारी किए थे।
मोदी सरकार ने की छोटे किसानों की आय में 10 प्रतिशत की वृद्धि
यह पेपर संयुक्त रूप से अर्थशास्त्री सुतीर्थ सिन्हा रॉय और रॉय वैन डेर वेइड ने लिखा है। विश्व बैंक नीति शोध कार्य पत्रों का उद्देश्य विकास पर विचारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना और रिसर्च के नतीजों को शीघ्रता से प्रसारित करना है। अध्ययन के अनुसार, छोटे आकार की जोत वाले किसानों ने उच्च आय वृद्धि का अनुभव किया है। इसमें कहा गया है, “सबसे छोटी जोत वाले किसानों के लिए वास्तविक आय में दो सर्वेक्षण दौर (2013 और 2019) के बीच वार्षिक रूप से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक आई
मोदी सरकार भी छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लगातार उपाय कर रही है। किसान सम्मान निधि से भी किसानों के खाते में सीधे पैसा जा रहा है। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी रो रही है। शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक आई है। ग्रामीण गरीबी 2011 में 26.3% से घटकर 2019 में 11.6% हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह गिरावट इसी अवधि के दौरान 14.2% से घटकर 6.3% हो गई। विश्व बैंक के वर्किंग पेपर में कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी गरीबी में 2011-2019 के दौरान 14.7 और 7.9 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।
विभिन्न संगठनों के आंकलन में भारत में ऐसे घटी गरीबी
ग्रामीण अंतरराष्ट्रीय विश्व बैंक IMF वर्किंग
क्षेत्र मुद्रा कोष पेपर
2011 26.3% 26.3% 22.5%
2019 11.6% 14.7% 10.2%
अंतर 14.7% 11.7% 12.3%
शहरी क्षेत्र
2011 14.2% 14.2%
2019 6.3% 7.9%
अंतर 7.9% 6.3%
नोट: विश्व बैंक के वर्किंग पेपर में शहरी और
ग्रामीण क्षेत्र की औसत गरीबी दर दी गई है।
पीएम मोदी की अपील पर ऑर्गेनिक फार्मिंग ने भी बढ़ाई किसानों की आय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ ही पर्यावरण और स्वास्थ्य के अनुकूल कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की अपील का असर दिखाई दे रहा है। नेशनल सेंटर ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग के मुताबिक 2003-04 में भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग सिर्फ 76,000 हेक्टेयर में हो रही थी, जो पिछले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 38.9 लाख हेक्टेयर हो गई है। यह कुल खेती योग्य जमीन (140 मिलियन हेक्टेयर) का 2.71 प्रतिशत है। वहीं देश में 44.33 लाख किसान आधिकारिक तौर पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहे हैं। इस तरह विश्व में प्रमाणित आर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र के संबंध में भारत का 5वां और किसानों के संबंध में पहला स्थान है।
अमेरिका और यूरोपीय देश भारत से मंगा रहे हैं ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद
इस समय देश में सबसे ज्यादा क्षेत्र में ऑर्गेनिक फार्मिंग मध्य प्रदेश में हो रही है। वहीं छोटे से राज्य सिक्किम ने खुद को जनवरी 2016 में ही 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर स्टेट बना लिया था। उसने रासायनिक खादों और कीटनाशकों को चरणबद्ध तरीके से हटाया। अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड और इजराइल आदि भारतीय जैविक कृषि उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ता है। रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल लोगों के बीमार होने का बड़ा कारण बनकर उभर रहा है। इसीलिए अमेरिका, यूरोपीय और खाड़ी देशों ने कीटनाशकों के अवशेष वाले बासमती चावल लेना बंद कर दिया है। अब वो भारत से ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद मंगा रहे हैं।

जब किसान समृद्ध होगा तभी देश समृद्ध होगा : पीएम मोदी
मोदी सरकार हमेशा ही किसानों की समृद्धि, उनकी आर्थिक मजबूती की दिशा में कदम उठाती रही है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि जब किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार के सारे प्रयासों का एक ही लक्ष्य है कि किसानों की आय बढ़े और देश का किसान समृद्ध हो। क्योंकि जब किसान समृद्ध होगा तभी देश भी समृद्ध होगा। पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान कहा कि उनकी सरकार के समय में कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए काफी तेजी से काम हुआ है। इससे देश का कृषि क्षेत्र पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है। आज जहां देश में मंडियां मॉडर्न हो रही हैं वहीं किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर भी फसल क्रय-विक्रय करने का विकल्प मिला है।