Home विचार न्यू इंडिया में युवाशक्ति को खेलों में मिले नए अवसरों की सौगात

न्यू इंडिया में युवाशक्ति को खेलों में मिले नए अवसरों की सौगात

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देश की युवाशक्ति के बेहतर उपयोग के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के प्रति युवाओं में सकारात्मक माहौल बनाने का व्यापक प्रयास किया है। देश की विशाल युवा शक्ति का खेलों के प्रति बढ़ते लगाव का परिणाम है कि देश में पहली बार स्कूलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘खेलो इंडिया स्कूल गेम्स’ आयोजित हो रहा है। 08 फरवरी तक चलने वाले इस भव्य आयोजन का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी 31 जनवरी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में करेगें।
पीएम मोदी चाहते हैं हर युवा खेलों में रुचि ले– प्रधानमंत्री मोदी हमेशा खेलों को लेकर अपने भाषणों में चर्चा करते रहते हैं, हाल ही में 20 जनवरी को कच्छ, गुजरात में आयोजित पर्यटन, संस्कृति और खेल मंत्रियों के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश में क्रिकेट के अलावा भी कई खेल हैं, लेकिन उन्हें बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘खेलों को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत व्यवस्था की जरूरत है। मुझे यकीन है कि सभी सरकारें खेलों को बढ़ावा देना चाहती हैं। केवल मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना ही काफी नहीं है। सहायक माहौल बनाना भी बहुत महत्वपूर्ण है, जैसा कि भारत में क्रिकेट के लिए है।’ प्रधानमंत्री मोदी का सदैव यही प्रयास रहता है कि किस तरह से देश के विकास के लिए हर क्षेत्र में युवाशक्ति का बेहतर उपयोग हो। मोदी ने इसी सम्मेलन में कहा , ‘सभी सीमाओं से बाहर निकलकर हमें यह महसूस करने की जरूरत है कि किस तरह युवा शक्ति का उपयोग बेहतर भारत बनाने के लिए किया जाए। देश की अधिकांश जनसंख्या 35 वर्ष की आयु से कम है।’पीएम मोदी का सपना ‘ खेलो इंडिया’- प्रधानमंत्री मोदी की इसी सोच को साकार करने के लिए ‘खेलो इंडिया स्कूल गेम्स’ का आयोजन हो रहा है जहां पहली बार राष्ट्र स्तरीय अंडर-17 स्कूल गेम्स 31 जनवरी से 08 फरवरी तक होगें। खेलों के इस भव्य आयोजन में 16 खेल विधाएं -तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, फुटबॉल, जिमनास्टिक्स, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, निशानेबाजी, तैराकी, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन एवं कुश्ती आदि शामिल हैं। इस पूरे खेल महोत्सव में 199 स्वर्ण, 199 रजत और 275 कांस्य पदकों के लिए युवा जोर आजमाइश करेगें। पहली बार देश में आयोजित होने वाले समारोह का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स-1, एचडी, स्टार स्पोर्ट्स फर्स्ट और हॉटस्टार जैसे नामी गिरामी स्पोर्टस चैनेल कर रहे हैं जो देश में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल के दायरे को और अधिक बढ़ायेगा।खेलो इंडिया के बारे में पीएम मोदी अपनी राजनैतिक रैलियों से लेकर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में चर्चा करते रहते हैं, जिससे युवाओं में खेल के प्रति उत्साह बढ़े। खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सितंबर 2017 में रुप में ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा की थी। इस बदले कार्यक्रम का लक्ष्य देश में खेल की स्थिति व स्तर में सुधार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया की नई रुपरेखा को तुरंत ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दे दी थी। खेलो इंडिया के लिए 2017-18 से 2019-20 के 1756 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना तैयार की जा चुकी है। इसके तहत अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है जो चुनिंदा खेलों में प्रति वर्ष 1,000 प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को छात्रवृत्तियां दी जा रही है। इस योजना के तहत चुने गए हर ऐथलीट को सालाना तौर पर 5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति 8 साल तक लगातार देने का प्रावधान किया गया है।प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलो इंडिया’ की भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खेलों के प्रति लगाव किसी से छिपा नहीं है। खेल और खिलाड़ियों के हितों के लिए पीएम मोदी हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखाई देते हैं। पीएम मोदी के खेलों के उत्थान के लिए कई प्रोग्राम भी शुरू किए हैं जिनमें से एक ‘खेलो इंडिया’ है। इस कार्यक्रम की भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने काफी सराहा है। 20 सितंबर 2017 को विराट ने अपने ट्विटर पर लिखा –‘खेलो इंडिया हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और खेलमंत्री की एक शानदार पहल है, यह निश्चित रूप से यह भारत में खेलों को एक अलग स्तर पर लेकर जाएगा”।देश में अंतराष्ट्रीय खेलों का आयोजन– प्रधानमंत्री मोदी देश के युवाओं में खेल के प्रति जोश और उत्साह भरने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों को करवाने का महत्वपूर्ण काम किया। इन आयोजनों से देश की प्रतिभाओं को अंतराष्ट्रीय स्तर का अनुभव प्राप्त करने में मदद मिली, साथ ही पूरे देश में खेलों के लिए एक सकारात्मक माहौल भी बना। देश में पहली बार कई अंतराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजित किए गये-
फीफा अंडर -17 विश्व कप– 2017 में 06 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, के बीच देश के 6 शहरों दिल्ली, नवी मुंबई, कोलकाता, गोवा, कोच्चि और गुवाहाटी में फीफा अंडर-17 विश्व कप खेला गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मार्च, 2017 को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में फीफा अंडर-17 वर्ल्‍ड कप का उल्‍लेख किया करते हुए कहा था कि, यह फुटबॉल को सबसे आगे ले जाएगा और युवाओं को खेलों से जोड़ने के लिए प्रोत्‍साहित करेगा। फीफा अंडर-17 विश्व कप के आयोजन ने प्रधानमंत्री मोदी की बात को सही साबित कर दिया।
ब्रिक्स अंडर-17 फुटबॉल टूर्नामेंट-पहली बार पांच ब्रिक्स देशों के बीच संबंधों को मजबूत करन के लिए अंडर -17 फुटबॉल टूर्नामेंट का अक्टूबर 2016 में गोवा में खेला गया। सभी पांच ब्रिक्स देशों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
12 वां दक्षिण एशियाई खेल-फरवरी 2016 में गुवाहाटी और शिलॉन्ग में 12 वें दक्षिण एशियाई खेलों काआयोजन किया गया। देश को इन खेलों में रिकॉर्ड 308 पदक मिले। भारत ने 2010 में आयोजित इन खेलों के दौरान मात्र 175 पदक ही जीते थे।प्रधानमंत्री मोदी ने देश की युवाशक्ति को न्यू इंडिया के निर्माण कार्य से जोड़ने के लिए योग, विज्ञान, तकनीक और खेल को एक सेतु की तरह उपयोग किया है। स्वतंत्रता मिलने के बाद से देश में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने देश के निर्माण में युवाशक्ति का उपयोग करने के लिए ऐसी समेकित योजना को क्रियान्वित किया है।

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