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योग दिवस विशेष: प्रधानमंत्री मोदी के मोमेंटम बनाने से योग से जुड़ रहे दुनिया भर में लोग

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी कार्य हाथ में लेते हैं, जो भी शुरुआत करते हैं उसके लिए एक पूरा मोमेंटम बनाते हुए आगे बढ़ते हैं। संकल्प से सिद्धि के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में प्रधानमंत्री इसलिए सफल रहते हैं क्योंकि वे खुद को भी इस दिशा में शत प्रतिशत झोंक देते हैं। चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने को लेकर दुनिया भर में अगर भारी उत्साह का माहौल है तो यह प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही संभव हुआ है।

3 डी वीडियो से योग के गुर

योग के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता बढ़े, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद भी कुछ ना कुछ नए तरीके लेकर सामने आते रहे हैं। इसमें सबसे नया है सोशल मीडिया पर 3 डी वीडियो के माध्यम से योग सिखाना। पिछले कई हफ्तों से प्रधानमंत्री अपने ट्विटर हैंडल पर वृक्षासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन और सेतुबंधासन समेत कई अलग-अलग योगासन के 3 डी वीडियो पोस्ट करते आए हैं। इनमें वो संबंधित आसन के गुर भी सिखा रहे हैं साथ ही यह भी बता रहे हैं कि किस आसन को करने से क्या लाभ होता है।

हम फिट तो इंडिया फिट कैम्पेन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सरकार में उनके सहयोगियों को भी फिट रहने की प्रेरणा मिलती रहती है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने तो प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर ‘हम फिट तो इंडिया फिट’ हैशटैग से ट्विटर पर एक फिटनेस चैलेंज शुरू कर दिया। देखते ही देखते इस चैलेंज को स्वीकार करने की होड़ लग गई और देश के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी कई हस्तियों ने अपने फिटनेस से संबंधित वीडियो शेयर किए और एक-दूसरे को चैलेंज भी किया। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने प्रधानमंत्री मोदी को फिटनेस चैलेंज दिया जिसे प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार किया।    

मन की बात से योग पर संदेश

27 मई को अपने मन की बात में प्रधानमंत्री ने योग के फायदों को बताने के लिए संस्कृत के महान कवि भर्तृहरि की कही उन बातों का उल्लेख किया जो सदियों पहले उन्होंने शतकत्रयम् में लिखी थी। इसमें भर्तृहरि ने जो कहा था उसका मतलब है नियमित योग अभ्यास करने पर कुछ अच्छे गुण सगे-संबंधियों और मित्रों की तरह हो जाते हैं। योग करने से साहस पैदा होता है जो सदा पिता की तरह हमारी रक्षा करता है। क्षमा का भाव उत्पन्न होता है, जैसा मां का अपने बच्चों के लिए होता है और मानसिक शांति हमारी स्थायी मित्र बन जाती है।     

2017 में चला था तीन वर्ष तीन पीढ़ी कैम्पेन

पिछले वर्ष तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पहले प्रसारित हुए अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोगों से ये विशेष अपील की थी कि हर परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ योग करें। उन्होंने कहा था कि दादा-दादी या नाना-नानी और नई पीढ़ी के बच्चों के साथ परिवार की तीनों पीढ़ियां एक साथ योग करें और संबंधित तस्वीर Narendra Modi App और MyGOV पर भेजें। प्रधानमंत्री की इस अपील का देश से लेकर विदेश तक में प्रभाव देखा गया था।

दुनिया के दिल में उतरा प्रधानमंत्री का विचार

योग को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को अपनी बात को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर प्रभावी तरीके से रखा था। प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘’योग केवल व्‍यायाम भर न होकर अपने आप से तथा विश्व व प्रकृति के साथ तादात्म्‍य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है। आइए हम एक  ’अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ को आरंभ करने की दिशा में कार्य करें।‘’  

यह प्रधानमंत्री मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व की बदौलत ही संभव हुआ कि उन्होंने योग पर 193 देशों का समर्थन हासिल किया। गौर करने वाली बात है कि इनमें चीन भी था और 40 मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल थे।

हर वर्ष नए शहर में करते हैं आयोजन की अगुआई

21 जून, 2015 को पहले योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से पूरी दुनिया योग के रंग में रंगी नजर आई। दिल्ली में खुद प्रधानमंत्री ने इसकी अगुवाई की थी। उस दिन पूरा राजपथ योगपथ में परिवर्तित हो गया था। दूसरे योग दिवस पर प्रधानमंत्री चंडीगढ़ के आयोजन में शामिल हुए तो पिछले वर्ष तीसरे योग दिवस पर लखनऊ के आयोजन में। चौथे योग दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी देहरादून के आयोजन में शामिल होंगे। उनका प्रयास है कि योग पूरे भारतवासियों के जीवन का हिस्सा बने और इसके लिए वे खुद आगे बढ़कर दिखाते हैं। वे पूरी दुनिया को भी यह संदेश देने में कामयाब रहे हैं कि स्वस्थ जीवन और मन की शांति के लिए योग बिना खर्च का एक अचूक साधन है।  

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