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योग दिवस विशेष: प्रधानमंत्री मोदी ने योग के रूप में विश्व जगत को दी है अब तक की सबसे बड़ी सौगात

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स्वास्थ्य ही धन है। यह मुहावरा भले ही काफी पुराना है लेकिन भारत सहित पूरी दुनिया ने इसका असली अर्थ पिछले तीन वर्षों में अच्छी तरह से समझना शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ना सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई बल्कि योग की शक्ति को दुनिया भर के देश महसूस करने लगे। विश्व समुदाय को हमारे प्रधानमंत्री ने एक ऐसा तोहफा दिया है जिसके सहारे वह हमेशा खुद को स्वस्थ और समृद्ध रख सकता है।

योग का संबंध सर्वांगीण स्वास्थ्य से
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए योग का क्या महत्त्व है, इसका पता आज विश्व जगत को स्पष्ट रूप से लगने लगा है तो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की इसमें बड़ी भूमिका है। दूसरे योग दिवस पर चंडीगढ़ के शिविर में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था: ‘’Health को लेकर के भी अनेक दिन, दिवस UN के द्वारा मनाए जाते हैं। लेकिन यही है जिसका सीधा संबंध Health के साथ तो है, शारीरिक-मानसिक-सामाजिक तंदुरुस्ती के साथ भी संबंध है।‘’

हर स्थिति में स्वस्थ रखने वाला तोहफा
आज की आपाधापी भरी जिंदगी में संतुलन बनाकर चलना किसी चुनौती से कम नहीं। लेकिन योग की सौगात के सही उपयोग के साथ इस चुनौती से बड़ी सहजता से निपटा जा सकता है। तीसरे योग दिवस पर लखनऊ के शिविर में प्रधानमंत्री ने कहा था: ‘’योग की एक विशेषता है मन को स्थिर रखने की, किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव के बीच भी स्‍वस्‍थ मन के साथ जीने की कला योग से सीखने को मिलती है।‘’

योग सबके लिए, वो भी बिना खर्च के
सबसे बड़ी बात ये है कि योग को अपनाने के लिए ना तो किसी विशेष योग्यता और ना ही किसी प्रकार के खर्च की आवश्यकता है। आवश्यकता किसी चीज की कुछ है अगर तो योग की अहमियत को समझकर उसे बस अपनाने की और अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बनाने की। प्रधानमंत्री कहते हैं कि योग किसी व्यक्ति विशेष के साथ जुड़ा हुआ ब्रांड नहीं बल्कि योग सबका है। वे हर किसी से योग से जुड़ने की ये कहते हुए अपील करते हैं कि गरीब से गरीब व्यक्ति का भी इससे भला होता है।

विश्व को जोड़ने की सबसे बड़ी पहल ‘योग’
आज अगर कहीं भी यह सवाल हो कि उथल-पुथल भरे मौजूदा विश्व जगत को जोड़ने के लिए सबसे बड़ी पहल क्या हुई है तो इस सवाल का एकमात्र जवाब ‘योग’ ही हो सकता है। प्रधानमंत्री ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था: ‘’एक तरह से YOGA का दुनिया के लिए मतलब है Your Opportunity for Global Awaking. ये एक माध्यम है दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले अलग-अलग भाषा बोलने वाले, अलग-अलग संस्कृतियों को मानने वाले, अलग-अलग परंपराओं को मानने वाले लोगों को एक करने का। इसलिए योग दुनिया के लिए एक गिफ्ट है, मानवता के लिए एक गिफ्ट है।‘’

यानि प्रधानमंत्री मोदी ने योग के रूप में विश्व समुदाय को जो सौगात दी है वह हर तरह से अनमोल है। इस सौगात ने कैसे दुनिया भर के देशों को एक मंच पर लाने का काम किया है, इसकी बानगी 21 जून को चौथे अंतरराष्ट्रीय दिवस पर एक बार फिर देखने को मिलेगी।

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