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‘नारी नेतृत्व’ के विजन के साथ आगे बढ़ रहा प्रधानमंत्री मोदी का ‘न्यू इंडिया’ मिशन

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मानवता की प्रगति महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना अधूरी है और अब मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व में विकास का है।– नरेंद्र मोदी

चीन के अखबारों और सोशल मीडिया में वायरल हो रही दो तस्वीरें इस बात के बेहतरीन उदाहरण हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जो कहते हैं, उसे अपने कर्म क्षेत्र में स्थान भी देते हैं।  ये तस्वीरें अद्भुत और आकर्षक हैं, क्योंकि इसमें पुरुषों की भीड़ में केवल एक महिला दिखती है, वह भी नेतृत्व के स्थान पर। कई देशों से आए अपने समकक्षों के साथ बैठक करने पहुंची ये मंत्री हैं- भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण। भारत की महिला मंत्री SCO विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक में सबसे अलग दिख रही हैं, जिसमें बाकी सभी पुरुष हैं।

देश की 2 केंद्रीय मंत्रियों की अलग-अलग तस्वीरें ये बताने को काफी हैं कि मोदी सरकार नारी शक्ति के नेतृत्व पर कितना भरोसा करते हैं। पुरुष समकक्षों के साथ सुषमा स्वराज की यह तस्वीर पेइचिंग में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक की है।

दूसरी तस्वीर जिसमें निर्मला सीतारमण दिख रही हैं, वह SCO के रक्षा मंत्रियों के बैठक की है। ये तस्वीरें साबित करती हैं कि भारत को छोड़कर किसी भी देश में स्त्री शक्ति को उतना महत्व नहीं है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी भारतीय संस्कृति पर गौरव करते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने संस्कृत के वाक्य ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:’ के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जहां महिलाओं को सम्मान मिलता है, देवता भी वहीं वास करते हैं।‘

भारत में युगों-युगों से नारी स्वतंत्रता और शिक्षा का चलन रहा है। नारी के नेतृत्व को भारतीय संस्कृति में हमेशा महत्व मिलता आया है। हालांकि 712 ईसवी के बाद देश में स्त्री शक्ति को कम आंका जाने लगा था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की महिला शक्ति अब पुनः अपना गौरवशाली अतीत प्राप्त करने के मार्ग पर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में ‘न्यू इंडिया’ विजन का विशेष ध्यान रखा है। ऊर्जा, दक्षता, पेशेवर कौशल और राजनीतिक कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर जब उन्होंने ‘न्यू इंडिया’  विजन के लिए टीम चुनी तो स्त्री शक्ति पर उन्होंने विशेष विश्वास जताया। उनके इसी विश्वास का परिणाम है कि आज भारत में महिला नेतृत्व को सम्मानजनक पहचान मिल रही है।

CCS में पहली बार दो महिलाओं को स्थान
03 सितंबर, 2017  को हुए केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार में निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा देकर प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रच दिया।पीएम मोदी का यह निर्णय इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यूरिटी यानि CCS में पहली बार दो महिलाएं शामिल हुईं। गौरतलब है कि सीसीएस में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री होते हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद अब रक्षा मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण इस महत्वपूर्ण समिति की सदस्य बन गईं।

nirmala sitharaman and sushma swaraj के लिए चित्र परिणाम

पहली बार पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री
देश के इतिहास में रक्षा मंत्री हमेशा से दिग्गज पुरुष नेता संभालते आए थे। लेकिन पीएम मोदी ने लीक तोड़ते हुए निर्मला सीतारमण के हाथ में देश की रक्षा की बागडोर सौंपकर महिलाओं के नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताया। 1970 के दशक में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहने के साथ इस अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं, लेकिन निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बनीं।

women ministers in modi cabinet के लिए चित्र परिणाम

मंत्रिमंडल में पहली बार छह महिलाएं
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नारी शक्ति के ‘उदय’ को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यह इस बात से भी स्पष्ट है कि मोदी मंत्रिमंडल (कैबिनेट सदस्य) के 27 सदस्यों में अभूतपूर्व रूप से छह महिलाएं हैं। आजादी के बाद किसी भी सरकार के कैबिनेट में छह महिला सदस्यों को स्थान नहीं दिया गया था, लेकिन पीएम मोदी ने सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारमण, मेनका गांधी, स्मृति ईरानी, उमा भारती और हरसिमरत कौर बादल की क्षमता पर भरोसा जताते हुए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया है। स्पष्ट है कि ऐसा करके पीएम मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण का एक मजबूत संदेश दिया है।

women in ccs के लिए चित्र परिणाम

लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी अवनी
इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। अवनी ने अकेले मिग-21 उड़ाकर एक नया इतिहास रच दिया है। 19 फरवरी को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी। अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक है। अवनी के साथ मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था।

एयरफोर्स में पहली बार महिला फाइटर पायलट शामिल
इससे पहले देश की वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में तीन महिलाओं की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्व से भर दिया था। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह भारतीय वायु सेना के उस लड़ाकू बेड़े में शामिल की गई थीं। यह अपने-आप में बहुत बड़ी उपलब्धि भी है और बहुत बड़ी मिसाल भी।

राजपथ पर महिला कमांडो का हैरतअंगेज करतब
वर्ष 2018 के गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाने के लिए महिला कमांडो के दस्ते को शामिल किया गया। अब तक ऐसा सेना के जवान करते रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि बुलेट पर महिला कमांडो पिरामिड, उल्टे-सीधे खड़े होकर अखबार पढ़ते और चाय पीते नजर आईं। महिला दस्ता में शामिल 106 महिला कमांडो ने 26 बाइक पर विजय चौक से इंडिया गेट तक (तीन किलोमीटर) अलग-अलग हैरतअंगेज करतब का प्रदर्शन किया। इस दस्ते का नाम सीमा भवानी रखा गया। बीएसएफ की देशभर की यूनिट में से चयनित 106 महिला कमांडो को 15 महीने का विशेष प्रशिक्षण सीमा सुरक्षा बल अकादमी, टेकनपुर स्थित केंद्रीय मोटर गाड़ी प्रशिक्षण में दिया गया था।

नेवी को मिली पहली महिला पायलट
शुभांगी स्वरूप के रूप में नेवी को पहली बार यह गौरवशाली अवसर मिला है, जब उसे बतौर पायलट महिला प्रतिनिधित्व मिला है। नेवी में महिलाओं को शामिल करने का निर्णय पहली बार प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में वर्ष 2015 में लिया गया था और टोही विमानों में भी उनकी तैनाती के रास्ते खुले। शुभांगी के साथ-साथ आस्था सहगल, रूपा ए. और शक्तिमाया को भी नेवी के Armament यानी शस्त्र विभाग की इंस्पेक्शन ब्रांच में पहली बार ही नियुक्त किया गया है।

एयरफोर्स में पहली बार महिला फाइटर पायलट शामिल
इससे पहले देश की वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में तीन महिलाओं की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्व से भर दिया था। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह भारतीय वायु सेना के उस लड़ाकू बेड़े में शामिल की गई थीं। यह अपने-आप में बहुत बड़ी उपलब्धि भी है और बहुत बड़ी मिसाल भी।

नाविक सागर परिक्रमा पर निकली महिला अधिकारी
नाविक सागर परिक्रमा नामक यह मिशन आईएलएसवी नौका तारिणी के द्वारा पूरा होगा और इस मिशन पर निकली हैं नौसेना की 6 साहस से भरी महिला अधिकारी। इस मिशन से जुड़ी सभी सदस्य महिलाएं हैं। यह बहुत बड़े साहस का प्रमाण है। इस दल को प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाओं के रूप में उनका विश्वास प्राप्त है। इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी कर रही हैं।

राजपथ पर पहली बार महिला सशक्तीकरण का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महिला सामर्थ्य पर अटल विश्वास की झलक उसी समय दिख गई थी, जब राजपथ पर देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार तीनों सेनाओं के एक विशेष महिला दस्ते ने मार्च करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया। इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। 

राजस्थान का गांधी नगर बना ‘ऑल वुमेन रेलवे स्टेशन’
जयपुर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन बन गया है, जिसे केवल महिलाएं ही संभाल रही हैं। इससे पहले मुम्बई के माटुंगा को ‘ऑल वुमेन स्टेशन’ बनाया गया था, लेकिन वह सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है। गांधी नगर रेलवे स्टेशन को स्टेशन मास्टर से लेकर गेटमैन तक कुल 40 महिलाओं की टीम संभाल रही हैं।

इस स्टेशन पर… स्टेशन मास्टर, इंजीनियर, टिकट क्लर्क, मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक, फ्लैग इंडिकेटर, प्वांइट्स मैन और गेटमैन तक के सभी पदों पर महिलाओं को ही नियुक्ति किया गया है। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा में तैनात जीआरपी की टीम में भी महिलाएं ही शामिल हैं।

माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन कर बनाया रिकॉर्ड
महिलाओं की क्षमता पर हमेशा भरोसा जताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार मध्य रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने माटुंगा रेलवे स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला किया था। इसके बाद वहां स्टेशन मैनेजर, बुकिंग स्टॉफ, टिकट चेकर, आरपीएफ जवान, सफाई कर्मचारी समेत सभी पदों पर महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी और 12 जुलाई, 2017 को स्टेशन का संचालन उन्हें सौंप दिया गया था।

सरकार महिलाओं पर विश्वास जताए तो महिलाएं कोई भी मुश्किल कार्य का सफलता से संचालन कर सकती है। यही वजह है कि इस स्टेशन को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है।

‘नारी’ से मिलेगी महिलाओं को शक्ति
महिलाओं को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल ‘नारी’ का शुभारंभ किया गया। इस पोर्टल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं सरकारी योजनाओं और पहलों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।

केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं अब एक पोर्टल पर
महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता, आवास आदि उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं, परंतु इनके प्रति जागरूकता का अभाव है। महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी विभिन्न वेबसाइट पर बिखरी हुई हैं। इन सारी सूचनाओं को एक स्थान पर सुलभ कराने के उद्देश्य से ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के कल्याण के लिए 350 सरकारी योजनाओं से संबंधित व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। 

हज के लिए ‘महरम’ (पुरुष अभिभावक) की अनिवार्यता खत्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं से जुड़ी ऐसी सभी समस्याओं को खत्म करने में लगे हैं, जिससे उनके अस्तित्व को चुनौती मिलती है या फिर जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन करती हैं। 31 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के आखिरी ‘मन की बात’ में मुस्लिम महिलाओं को बहुत ही बड़ी खुशखबरी दी। प्रधानमंत्री ने बताया है कि अब भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना ‘महरम’ के हज यात्रा पर जा सकती हैं। गौरतलब है कि आजादी के 70 वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर भारत की मुस्लिम महिलाओं को अकेले भी हज यात्रा पर जाने का हक मिला है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि उनकी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के इस हक पर ध्यान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “70 साल से चली आ रही परंपरा को नष्ट कर के इस रेस्ट्रिक्शन को हमने हटा दिया। 

तीन तलाक की ‘पापी प्रथा’ से मुक्ति दिलाने का बिल लोकसभा में पास
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से 28 दिसंबर को विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकार सुरक्षित करने से संबंधित ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 लोकसभा से ध्वनिमत से पारित हो गया। अब इसे कानून का स्वरूप लेने में सिर्फ दो कदम की दूरी बची है, पहला कदम राज्यसभा में पारित होना और दूसरा कदम राष्ट्रपति से मंजूरी। प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आने के बाद से ही सदियों से चली आ रही इस कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाने के प्रयास में लगे हुए थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी मोदी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ जोरदार पैरवी की थी, और उसी का नतीजा था कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने बहुमत के साथ इस प्रथा को गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी घोषित किया था। 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
सरकार ने पूरे देश में महिला भ्रूण हत्या, लिंग भेद की रोकथाम और महिला शिक्षा के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय के समन्वित प्रयासों से चलाए गए इस अभियान के बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए। योजना को पहले वर्ष में एक सौ जिलों में शुरू की गई थी और पहले ही साल के अंत तक ही 58 जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात में वृद्धि दर्ज की गई। दूसरे वर्ष में योजना 161 जिलों में शुरू की गई, जिसमें से 104 जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोत्तरी हुई।

8 करोड़ परिवारों को मिलेगा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब महिलाओं को बीमारी से मुक्ति दिलाने और उनके चेहरे पर खुशी लाने के लिए 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। अप्रैल, 2018 तक 3 करोड़ 59 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिल चुका था। हालांकि इस योजना तहत पांच करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस चूल्हा और कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन इस योजना की सफलता को देखते हुए सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर आठ करोड़ का फैसला किया है। 

मातृत्व अवकाश, मातृत्व लाभ
वर्तमान सरकार ने नया मातृत्व लाभ संशोधित कानून एक अप्रैल 2017 से लागू कर दिया है। संशोधित कानून के तहत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दी है। इसके तहत 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में एक तय दूरी पर क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य है। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट है। मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम के 1 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्‍म के लिए तीन किस्‍तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्‍साहन दिया जाता है।

महिला उद्यमिता और महिला कौशल को बढ़ावा
स्टैंड-अप इंडिया के अंतर्गत महिलाओं को अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए हर बैंक शाखा को 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के ऋण कम से कम एक महिला को उपलब्ध कराने का नियम बनाया गया है। वहीं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए 11 लाख से अधिक महिलाओं को अलग-अलग तरह के हुनर में प्रशिक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना महिला सशक्तिकरण का एक बहुत बड़ा जरिया बन चुकी है। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। 

सुकन्या समृद्धि योजना
केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से देश की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का कार्य किया है। योजना के अंतर्गत 0-10 साल की कन्याओं के खाते डाकघर में खोले जाएंगे। इन खातों में जमा राशि पर 8.1 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जाएगा। सुकन्या समृद्धि योजना अभिभावकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत अभिभावकों को एक हजार रुपया प्रतिमाह 14 वर्ष तक जमा करना होगा।21 वर्ष के बाद खाता परिपक्व होने पर उन्हें 6,41,092 की धनराशि वापस मिलेगी। आकलन के अनुसार 14 वर्ष में खाते में जमा होंगे 1.68 लाख रुपये और 21 वर्ष बाद 6,41,092 रुपये की वापसी होगी। योजना के माध्यम से सरकार ने बेटियों की शिक्षा और समृद्धि दोनों को सुनिश्चित किया है।

महिलाओं के पासपोर्ट बनाना आसान
विदेश मंत्रालय ने महिलाओं को विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनाने के काम को आसान कर दिया गया, इसके लिए शादी या तलाक के सर्टिफिकेट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई अब वे अपने पिता या मां का नाम लिख सकती हैं। पहले महिलाओं को पासपोर्ट बनवाने में खासी दिक्कत आती थी, लेकिन इस बदलाव के बाद महिलाओं के लिए पासपोर्ट बनवाना आसान हो गया है।

महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता, शासन संचालन और उनका कौशल बढ़ाना है, ताकि वो गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चला सकें। पंचायती संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को कई बार काम में मुश्किलें पेश आती हैं। इसलिए महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका सीधा लाभ शासन-प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी के रूप में मिल रहा है। 

यौन उत्पीड़न से निवारण के लिए ई-प्लेटफॉर्म
कार्यालयों में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं रोकने के लिए ई-प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है। इस ई-प्लेटफॉर्म की सुविधा के माध्यम से केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी ऐसे मामलों में ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकेंगी। केंद्र सरकार में करीब 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। 2011 के जनगणना के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों में महिलाओं का प्रतिशत 10.93 है।

इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का महत्वपूर्ण संसाधन मानते हैं। ज्ञान-विज्ञान, खेलकूद, सूचना-प्रौद्योगिकी, कला-संगीत से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री अपनी कई महत्वपूर्ण योजना से जोड़ चुके हैं। कामकाजी से लेकर ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने सतत प्रयास किये हैं। प्रधानमंत्री स्वयं किसी भी क्षेत्र में कुशल नेतृत्व या उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं की सराहना करके महिलाओं को प्रोत्साहित करने का कार्य करते हैं।

आइए अब देखते हैं जानिए मोदी सरकार की 11 नीतियां, जिनसे आसान बना महिलाओं का जीवन-

1. महिलाओं के लिए पासपोर्ट नियमों में बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस हमेशा महिलाओं को दैनिक जीवन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करने पर रहा है। पिछले वर्ष मोदी सरकार ने महिलाओं पासपोर्ट में शादी के पूर्व का उपनाम रखने की छूट प्रदान की। यानी अब महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में अपना सरनेम नहीं बदलना पड़ता है। इसके साथ ही एकल महिलाओं के लिए भी पासपोर्ट के नियम में बदलाव किया गया है। अब पासपोर्ट फार्म में या तो मां या फिर पिता का नाम लिखना जरूरी है। इसके साथ ही पासपोर्ट आवेदन के समय मैरिज सर्टिफिकेट या फिर तलाक का प्रमाण देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे महिलाओं को सम्मानजनक पहचान मिली है।

2. महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर
पहले हिंसा की शिकार हुई महिलाओं को पुलिस और दूसरे विभागों से मदद के लिए भटकना पड़ता था। अब ऐसी महिलाओं की मदद के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 168 ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ खोले गए हैं। इन केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा गया है और ये पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया करा रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को पुलिस, चिकित्सा, कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक सहायता और जरूरत पड़ने पर आश्रय भी प्रदान किया जा रहा है। दिसंबर 2017 तक इन वन स्टॉप सेंटरों में 70,000 से अधिक महिलाओं की मदद की गई है।

3.महिलाओं की सहायता के लिए हेल्पलाइन 181
महिलाओं की मदद के लिए केंद्र सरकार ने वुमन हेल्पलाइन 181 शुरू की है। यह हेल्पलाइन नंबर देश के 28 राज्यों को कवर कर रहा है। पिछले एक वर्ष में इस हेल्पलाइन के जरिए 11 लाख महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई हैं, और उनका निस्तारण किया गया है।

4.ऑनलाइन शिकायत की सुविधा- She Box
कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और ऐसी महिलाओं की मदद के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। अब चाहे सरकारी क्षेत्र की महिला कर्मचारी हों या निजी क्षेत्र की, वह बिना की डर के ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

5.एसिड अटैक की पीड़िताओं को दिव्यांगों जैसी मदद
देश में एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं थी, पहले की किसी भी सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा। मोदी सरकार ने एसिट अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 में परिवर्तन कर एसिड अटैक को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। अब एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं को दिव्यांगों को मिलने वाली आर्थिक और दूसरी मदद जी जा सकती है।

6.मृत्यु प्रमाणपत्र में विधवा का नाम दर्ज करना जरूरी
पति की मृत्यु होने पर पत्नी का नाम विधवा के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। देखने में यह बहुत छोटी सी बात लगती है, लेकिन महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए इससे बहुत मदद मिलेगी। अक्सर देखा जाता है कि पति की मृत्यु होने के बाद महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, इस बदलाव के बाद महिलाओं को मदद मिलेगी।

7. निर्भया फंड के तहत उठाए कई कदम
मोदी सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए निर्भया फंड के तहत कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2017 में 2,000 करोड़ से ज्यादा की रकम इसके लिए खर्च की गई है। निर्भया के तहत रेलवे द्वारा Integrated Emergency Response Management परियोजना चलाई जा रही है। देश के 983 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहा हैं, इनके माध्यम से 24 घंटे महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। पांच राज्यों में महिला पुलिस स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं, जो महिलाओं को उनके खिलाफ होने वाले अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने में मदद करती हैं। निर्भया के तहत ही Central Victim Compensation Fund बनाया गया है, जिसके जरिए पीड़ित महिलाओं को समय पर मदद दी जाती है। महिला सुरक्षा के लिए मोदी सरकार ने New Taxi Policy Guidelines बनाई है और यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के कई प्रावधान किए हैं।

8.मोबाइल में पैनिक बटन
मोदी सरकार महिला सुरक्षा को लेकिर प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने देश में बनने वाले या आयात किए जाने वाले सभी मोबाइल फोन में एक पैनिक बटन को अनिवार्य कर दिया है। इससे संकट में फंसी महिलाओं को मदद मिल सकेगी। इस पैनिक बटन की सुविधा को पुलिस की आपतकालीन सेवा से जोड़ गया है।

9.स्वाधार गृह
समाजिक और आर्थिक सहयोग नहीं मिलने से परेशानी में रहने वाली महिलाओं को आश्रय, भोजन, कपड़ा, चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए देश भर में स्वाधार गृह स्थापित किए गए हैं। दिसंबर 2017 तक देश में 561 स्वाधार गृह स्थापित हो चुके हैं और 17,291 महिलाओं को इनका लाभ मिल रहा है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के वृंदावन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से एक Widow Home का निर्माण कराया गया है, जिसकी क्षमता एक हजार महिलाओं को आश्रय देने की है।

10.कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल
केंद्र सरकार की Working Women Hostel Scheme का मकसद कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और कम खर्चीला आवास उपलब्ध कराना है। इन हॉस्टर में बच्चों के लिए Day care सुविधा भी होती है। इस योजना के तहत पिछले साढ़े तीन वर्षों ऐसे हॉस्टल के 69 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 54 नए हॉस्टल बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

11.देह व्यापार से बचाई गईं महिलाओं को आश्रय
केंद्र सरकार उज्ज्वला योजना के तहत देह व्यापार में फंसी महिलाओं को बचाने और उनके पुनर्वास के लिए चलाई जा रही 286 परियोजनाओं की वित्तीय सहायता कर रही है। महिलाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही उज्जवला योजना के तहत इस कार्य के लिए 2014-15 से 2016-17 तक 33.2 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। 2014 से 2017 तक कुल 24,390 महिलाओं की मदद की जा चुकी है।

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