Home समाचार हर चुनाव में जाग जाता है कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम!

हर चुनाव में जाग जाता है कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम!

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कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम कोई छिपी हुई बात नहीं है। विशेषकर देश में कहीँ भी चुनाव हों तो कांग्रेस अपनी पाकिस्तान परस्ती छिपाने से गुरेज भी नहीं करती। मुस्लिम मतों को गोलबंद करने के मकसद से वह इसका इस्तेमाल करती रही है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीरों का मामला भी कुछ ऐसा ही है, क्योंकि कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

दरअसल कांग्रेस की विचारधारा पाकिस्तान परस्ती की रही और पार्टी के कई नेताओं ने बार-बार इसे जाहिर भी किया है। ऐसे कई मौके आए हैं जब यह लगा है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी दुश्मन देश पाकिस्तान से न सिर्फ प्रेम करती है, बल्कि अपने पाकिस्तानी आकाओं से निर्देशित होती  है।

देश को तोड़ने वाले ‘गुनहगार’ पर कांग्रेस की चुप्पी
धर्म के आधार पर देश का विभाजन कटु सत्य है और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भारत के बंटवारे का दोषी है। स्पष्ट है कि जिन्ना देश का गद्दार भी है और गुनहगार भी। अगर कोई विश्वविद्यालय इस गुनहगार के प्रति सम्मान दिखाए यह बेहद निंदनीय है। हालांकि कई राष्ट्रवादी संगठन AMU में लगे जिन्ना की तस्वीरों को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस चुप है। जाहिर है कांग्रेस ने अपनी चुप्पी के जरिये अपने वोट बैंक को मैसेज देने की कोशिश तो की ही है, साथ ही अपनी पाकिस्तान परस्ती फिर एक बार जाहिर कर दी है।

कर्नाटक चुनाव में जिन्ना-टीपू सुल्तान का कनेक्शन समझिये
5 मई, 2018 को टीपू सुल्तान को पाकिस्तान सरकार ने उनकी बरसी पर याद किया और हिन्दू विरोधी मुस्लिम तानाशाह को ‘मैसूर टाइगर’ कहा। समझा जा सकता है कि जिस टीपू सुल्तान को लेकर भारत में ही विवाद हो उसे पाकिस्तान सरकार क्यों याद करेगी?

पाकिस्तान टीपू के लिए इमेज परिणाम

एक पहलू यह भी है कि इस दौरान कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में मौजूद थे और देश के बंटवारे के जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा कर रहे थे। सवाल उठ रहा है कि क्या यह महज एक संयोग है या फिर कांग्रेस की कोई रणनीति? जाहिर है कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस अपने मुस्लिम वोट बैंक को पाकिस्तान परस्ती का सीधा संदेश देना चाह रही है।

मणिशंकर अय्यर का मोदी विरोध और पाकिस्तान प्रेम
2016 में होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल विधानसभा चुनाव होने वाले थे। इससे पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 6 नवंबर, 2015 को पाकिस्तानी टीवी चैनल ‘दुनिया’ पर गुहार लगाते हुए कहा, ”इनको (बीजेपी सरकार) हटाइए, हमें ले आइए और कोई रास्ता नहीं है।” जाहिर है मणिशंकर अय्यर का सीधा इशारा था कि भारत की सत्ता को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान कांग्रेस की सहायता करे और देश में मोदी सरकार को हटाने में मदद करे।

गुजरात चुनाव में पाकिस्तानी साजिश का पर्दाफाश
दिसंबर, 2017 में गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को ‘नीच’ कहा था। लेकिन क्यों, इसका पता तब लगा जब 10 दिसंबर, 2017 को खुलासा हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने पाकिस्तानी नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह सब किया गया था। दिसंबर के पहले हफ्ते में मुलाकात से कांग्रेस ने इनकार, लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने स्वयं ही स्वीकार किया कि कांग्रेस नेताओं और पाकिस्तानियों की मुलाकात हुई थी। दरअसल आरोप यह है कि पाकिस्तान की सहायता से कांग्रेस अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाना चाह रही थी।

पाकिस्तान परस्त कांग्रेस के ‘दिग्गज’ दिग्विजय सिंह
लोकसभा चुनाव, 2014 से पहले कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पाकिस्तानी आतंवादी हाफिज सईद को ‘जी’ और ‘साहब’ शब्द से संबोधित किया था। 2016 मों तो उन्होंने पाकिस्तानियों को खुश करने के लिए भारत के कब्जे वाला कश्मीर तक कह दिया था। गुजरात चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने अपने पाकिस्तानी आकाओं को खुश करने के लिए ये भी कहा था कि भारतीय सेना कश्मीरियों को मारती है।

सलमान खुर्शीद का पाकिस्तान से एकतरफा मोहब्बत
नवंबर, 2015 में बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद होने के लिए पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत सरकार जिम्मेदार है। इस्लामाबाद के जिन्ना इंस्टीट्यूट में उन्होंने कहा, ”पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना उनकी दूरदर्शिता थी, लेकिन मोदी सरकार बातचीत का माहौल बनाने में नकाम रही है।‘’

पाकिस्तान प्रेम में देश का अपमान करते रहे मनमोहन सिंह
जुलाई, 2009 में मिस्र के शर्म-अल-शेख में तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम युसूफ रजा गिलानी के साथ मनमोहन सिंह की बैठक के बाद जारी साझा बयान में भारत की ओर से पाकिस्तान के आरोपों को स्वीकार कर लिया गया था। मनमोहन सिंह की इस करतूत के चलते देश को न सिर्फ शर्मिंदा होना पड़ा, बल्कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ झूठा प्रोपेडेंडा करने का एक हथियार भी मिल गया। सितंबर, 2006 में हवाना में उन्होंने पाकिस्तान परस्ती में ये तक कह दिया कि भारत की तरह पाकिस्तान भी ‘आतंकवाद से पीड़ित’ है।

कर्नाटक में मुसलमानों के ध्रुवीकरण के प्रयास
वरिष्ठ कांग्रेसी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मुसलमानों से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, “भाजपा को किसी भी हाल में कर्नाटक की सत्ता में नहीं आने देना चाहिए। मुसलमानों को बड़ी तादाद में एकजुट होकर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करना चाहिए।” जाहिर है आजाद का यह बयान सीधे तौर पर मुस्लिम मतदाताओं की गोलबंदी का प्रयास है।

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