Home विचार जरूरत पर नमो को नमस्कार करते रहे हैं नीतीश

जरूरत पर नमो को नमस्कार करते रहे हैं नीतीश

...तो इसलिए मिलते हैं पीएम मोदी और नीतीश के सुर !

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन का एलान किया तो हंगामा बरप गया। बिहार में सत्तासीन महागठबंधन के टूटने की चर्चा जोर पकड़ने लगी। कुछ नीतीश कुमार को कोसने लगे, तो कुछ लोगों ने ट्विटर पर ट्रोल अभियान भी चला डाला, लेकिन राजनीति को गहराई से जानने-समझने वाले ये जरूर मानते हैं कि नीतीश कुमार वही करते हैं जिसे उनकी दृष्टि जायज ठहराती है। विरोधी मोर्चे के साथ होते हुए भी कई ऐसे मौके आए, जिसमें उन्होंने खुलकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार का समर्थन किया। दरअसल विपक्षी खेमे में होते हुए भी देशहित से जुड़े मुद्दों पर नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हो जाते हैं। बीते तीन सालों में ऐसे एक नहीं कई उदाहरण सामने हैं जहां नरेंद्र मोदी के उठाए गए कदमों के साथ नीतीश कुमार हरदम साथ खड़े दिखाई दिए।

वंशवादी राजनीति के विरोधी नीतीश
नीतीश कुमार द्वारा बिहार की बेटी के नाम पर भी डिगना नहीं उसी सोच का नतीजा है जो पीएम मोदी की भी सोच है। दरअसल नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों ही वंशवादी, परिवारवादी राजनीति के विरोधी हैं। जिस तरह सोनिया और राहुल की राजनीति वंशवाद की विरासत पर टिकी है, उसी तरह विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार भी विरासत का फल भोगने वाली नेता कही जा सकती हैं। लेकिन एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का न तो पारिवारिक राजनीतिक आधार है और न ही वंशवाद का साया है। नीतीश कुमार का पीएम मोदी के इस फैसले के साथ खड़े होने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है।

नोटबंदी का नीतीश ने किया समर्थन
नीतीश कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे कामों और फैसलों का समर्थन कर चुके हैं। 8 नवंबर, 2016 की रात जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की तो विरोधी दलों ने हंगामा खड़ा कर दिया। बिहार सरकार में सहयोगी और ज्यादा विधायकों वाला राष्ट्रीय जनता दल जब विरोध में खड़ा था तो मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नीतीश कुमार खुलकर सामने आ गए। उन्होंने साफ कहा कि नोटबंदी का फैसला गरीबों के हित में है और इस मामले में वे पीएम मोदी के साथ हैं। जाहिर है नीतीश के इस फैसले से राजनीतिक पंडित चौंक गए थे। नई राजनीतिक मोर्चा बनाने की तैयारी में जुटी ममता बनर्जी को भी जोर का झटका लग गया और विपक्ष कमजोर पड़ गया। 

बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई को नीतीश का समर्थन
नोटबंदी के समर्थन करने के बाद 17 नवंबर, 2016 को नीतीश कुमार ने एक और अहम घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मेहनत करने वाले कष्ट भोगते हैं और कालाधन वाले मौज उड़ाते हैं, इसलिए केंद्र सरकार को बेनामी संपत्ति पर भी हमला बोलना चाहिए। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके थे कि बेनामी संपत्ति रखने वालों के लिए सख्त कानून बनाया जा रहा है और जल्द ही देश में ऐसी संपत्ति वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जीएसटी पर भी एनडीए के साथ रहे नीतीश
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जीएसटी लागू करने की तैयारी में थी, लेकिन विपक्ष के विरोध से ये आसान नहीं लग रहा था। लेकिन 10, दिसंबर 2015 को नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि जेडीयू जीएसटी बिल का समर्थन करेगी। नीतीश की इस घोषणा मात्र ने न सिर्फ विपक्ष की गोलबंदी को तोड़ा बल्कि विरोध की धार भी कुंद कर दिया। नीतीश कुमार ने साफ किया कि देशहित के मामले में वे मोदी सरकार के साथ खड़े हैं।

सर्जिकल स्ट्राइक पर भी मोदी के साथ नीतीश
29 सितंबर, 2016 को जब सेना ने पीओके में सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिए जाने की घोषणा की तो विपक्ष बौखला गया। सेना की कार्रवाई को भी राजनीति में घसीटने की कोशिशें हुई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने केंद्र को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खुलकर केंद्र सरकार और भारतीय सेना के आतंकवाद के विरुद्ध की गयी कार्रवाई का समर्थन किया और सेना और सरकार को बधाई दी।

पीएम मोदी की पाकिस्तान यात्रा को नीतीश का समर्थन
जनवरी, 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच कर पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से मिले तो विरोधी दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। लालू प्रसाद ने तो 56 इंच के सीने पर सवाल उठा दिया। लेकिन राज्य सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद की बातों को धता बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के जन्मदिन या उनके परिवार में हुई शादी के अवसर पर प्रधानमंत्री का पाकिस्तान जाना एक सही कदम था। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच के विवादित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। ऐसी पहल अच्छी है।’’

गुजरात में शराबबंदी की नीतीश ने की तारीफ
जनवरी, 2017 में जब गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकश पर्व पर पटना में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी मिले तो दोनों ने एक दूसरे की जमकर तारीफ की। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि समाज सुधार बड़ा कठिन कार्य होता है, गुजरात में रहते हुए पीएम मोदी ने शराबबंदी लागू की थी जो बेहतरीन उदाहरण है। वहीं पीएम मोदी ने भी बिहार में शराबबंदी के फैसले पर नीतीश की खूब तारीफ की और प्रकाश पर्व आयोजन के सफल होने के पीछे भी नीतीश का ही हाथ बताया।

यूपी और उत्तराखंड की जीत पर नीतीश ने दी बधाई
मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत पर भी नीतीश कुमार ने केंद्र के फैसलों की तारीफ की थी। उन्होंने यहां भी विपक्ष को लपेटे में लेते हुए कहा कि नोटबंदी जैसे जनहित के मामलों का विपक्ष को विरोध नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गरीब तबके को राहत मिली है। उन्होंने साफ कहा कि पिछड़े वर्ग ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया

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